Friday 29 August 2014

Khajrana in patel nagar area bulldozer went on a dozen houses

खजराना क्षेत्र के पटेल नगर में सीलिंग की जमीन पर बने लगभग एक दर्जन मकान गुरुवार को प्रशासन और नगर निगम ने तोड़ दिए। अतिक्रमण कार्रवाई पर लोगों का जमकर आक्रोश फूटा। कुछ लोगों ने आपा खो दिया और बेदखली अमले पर पथराव करने लगे। लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं। कुछ निर्माणाधीन मकानों से महिलाएं निकलने को तैयार नहीं हुईं तो महिला पुलिस को उन्हें जबर्दस्ती निकालना पड़ा। लगभग पांच घंटे चली कार्रवाई में कई बार महिलाओं ने रोकर-गिड़गिड़ाकर बुलडोजर रोकने की कोशिश की, लेकिन अफसरों ने निर्माणों को अवैध बताकर उन्हें समझाया।

प्रशासन, निगम और पुलिस अधिकारी अमले के साथ दोपहर करीब 12.30 बजे पटेल नगर पहुंचे तो रहवासियों में हड़कंप मच गया। शुरू में कुछ रहवासियों और उनके वकील ने स्टे को आधार बनाकर मकान तोड़ने से रोका। इस पर नजूल अधिकारी सपना शिवाले, एसडीएम डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा और डीके नागेंद्र ने उन्हें समझाया कि स्टे के बावजूद मकान क्यों बन रहे हैं। स्टे तो दोनों पक्षों पर लागू होता है। इस बात का वकील के पास कोई जवाब नहीं था। लोगों ने आग्रह किया कि उन्हें कल ही नोटिस मिले हैं, विचार-विमर्श का कुछ समय दिया जाए। अधिकारियों ने सीलिंग की जमीन पर बने मकानों को अवैध बताया। इसके साथ ही निर्माणाधीन और खाली पड़े मकानों को बुलडोजर से तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी।

दो आधे-अधूरे मकान तोड़ने के बाद जब तीसरे मकान की ओर बुलडोजर बढ़ा तो युवकों और महिलाओं में आक्रोश फैल गया। उन्होंने बुलडोजर पर पथराव शुरू कर दिया। तसव्वुर बानो नाम की महिला तो इतनी भड़की कि बुलडोजर के पंजे पर चढ़ गई। भड़के हुए लोगों को पुलिस ने खदेड़ा और कुछ पर लाठियां भी चलाईं। नजूल तहसीलदार पूर्णिमा सिंगी, नगर निगम उपायुक्त महेंद्रसिंह चौहान ने भी विरोध करने वाली महिलाओं को समझाया। खजराना टीआई सीबी सिंह ने कहा कि पुलिस पर पथराव करोगे तो मजबूरी में हमें भी लाठियां चलानी पड़ेंगी।

कॉलोनाइजर का मकान भी तोड़ा

सीलिंग की जमीन पर कॉलोनी काटकर प्लॉट बेचने वाले के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा उतरा। वे गालियां दे रही थीं कि नोटरी पर प्लॉट बेचने वाले निजाम को पकड़कर लाओ। अब कहां छिप गया। कुछ लोगों ने कहा कि यहां कॉलोनाइजर इस्लाम पटेल का मकान भी बना है। उसने और निजाम ने मिलकर प्लॉट बेचे हैं।

पहले उसका मकान तोड़ा जाए। उसने हमने अपने खून-पसीने की कमाई उसे देकर प्लॉट खरीदा है। पहले उसका मकान तोड़ा जाए। इस पर अधिकारियों ने इस्लाम पटेल के खाली पड़े फॉर्म हाउस को भी तोड़ने के निर्देश दिए। गोदामनुमा मकान खाली पड़ा था। इसके अंदर खड़े ट्रैक्टर और एक पुरानी कार को बाहर करने के बाद इस पर भी बुलडोजर चलाया गया। मकान में कृषि उपकरण और अन्य सामान रखा था। -नप्र

Gaje musical fanfare sits between mangalmurti

दस दिनी गणेशोत्सव की शुरुआत शुक्रवार को गणेश चतुर्थी से हुई। लोग अलसुबह से ही शुभ मुहूर्त में गाजेबाजे के साथ बप्‍पा मोरिया को अपने घरों और प्रतिष्‍ठानों में लेकर आए। पूजन के साथ भोग लगाया गया। शहर में सुबह से ही उत्‍सवी माहौल है।

इस बार पर्व यादगार बनाने के लिए गणेश उत्सव समितियों ने इस बार खास तैयारियां की हैं। कहीं गुजरात के अम्बाजी मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है तो कहीं राजस्थानी शैली का पंडाल। इनमें 11 से लेकर 21 फीट ऊंची मूर्तियों विराजेंगी। हर दिन पूजा-अर्चना और महाआरती होगी। लड्डू और मोदक का भोग लगेगा।

संस्था ब्रह्म चेतना द्वारा दशहरा मैदान पर सजे पंडाल में गुजरात के अंबाजी मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है। 70 बंगाली कलाकारों ने चार हजार वर्गफीट में इसे साकार किया है। अध्यक्ष अभिषेक शर्मा बताते हैं कि मंदिर की ऊंचाई 130 फीट है। अष्टविनायक दर्शन समिति द्वारा सूर्यदेव नगर में साढ़े 9 फीट के गणेशजी को विराजित किया जाएगा। विकी मालवीय के अनुसार इस बार मूर्ति की ऊंचाई कम की गई है। 8 मूर्तियों की बजाय एक तस्वीर लगाई गई है।

यहां भी सजे पंडाल

राजस्थानी शैली : सार्वजनिक महोत्सव समिति जयरामपुर कॉलोनी में इस बार विट्ठल-रखुमाई के दर्शन के साथ भगवान गणेश के विठोबा के स्वरूप में दर्शन होंगे। सचिव अनिल आगा के अनुसार राजस्थानी शैली में 60 फीट चौड़ा, 15 फीट लंबा और 71 फीट ऊंचा पंडाल बनाया गया है।

वराह अवतार : बियाबानी स्पोर्ट्स क्लब क्षेत्र में बने पंडाल में भगवान गणेश को वराह अवतार के रूप में दर्शाया गया है।

लालबाग के राजा : भोई मोहल्ला गणेश उत्सव समिति द्वारा पंडाल को पत्तल व थर्मोकोल से सजाया गया है। इसमें लालबाग के राजा के रूप में 15 फीट ऊंची मूर्ति विराजित की जाएगी।

पालदा का राजा : मालवा गणेश मंडल द्वारा पालदा के राजा की 21 फीट ऊंची मूर्ति विराजित की जाएगी।

गोल स्कूल, नंदानगर : महोत्सव में विभिन्ना कार्यक्रम होंगे। प्रतिदिन संगीतमय आरती शाम 7 बजे होगी।

निकलेंगी पालकी और शोभायात्राएं

- होलकर परंपरा अनुसार जूनी इंदौर स्थित खरगोणकर परिवार के यहां से गणेश मूर्ति को सुबह 10.30 बजे पालकी में विराजित कर होलकर वाड़ा आड़ा बाजार लाया जाएगा। यहां विधि-विधान के साथ स्थापना होगी।

- स्वयंभू चमत्कारी श्रीफल सिद्धिविनायक गणेशधाम में सुबह 11 बजे पूजन-अभिषेक होगा और दोपहर 12 बजे जन्म आरती होगी।

- सीतलामाता बाजार स्थित गणेश मंदिर में फूल बंगला सजाकर छप्पन भोग लगाया जाएगा।

- बड़ा गणपति मंदिर में सुबह 11 बजे हवन, 12 बजे जन्म आरती और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ होगा।

- गणेश मंडल जेल रोड द्वारा मां चंद्रावती सभागृह में शाम 7 बजे गायक प्रसाद खापर्डे की प्रस्तुति होगी।

- बजरंगधाम गणेशोत्सव समिति द्वारा मंगलमूर्ति गणेश की झांकी सजाई जाएगी।

Lokayukta raids in katni district cooperative manager

लोकायुक्‍त पुलिस जबलपुर के दल ने शुक्रवार सुबह यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर बड़वारा में अग्रणी सहकारी समिति प्रबंधक के निवास पर छापा मारा। इस दौरान अनुपातहीन संपत्ति के साथ ही बैंक खातों, जमीन जायदात और आभूषण मिले हैं।

जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्‍ल के नेतृत्‍व में अधिकारियों ने करीब 6 बजे प्रबंधक दादूराम सोनी के निवास पर छापा मारा। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने पर यह कार्रवाई की गई जो समाचार लिखे जाने तक जारी थी।

अधिकारियों के अनुसार सोनी के निवास से 6 लाख 22 हजार रूपये नकद मिले हैं। साथ ही सेंट्रल बैंक में 5 बैंक खातों का पता चला है। इसमें सवा दो लाख रूपये से अधिक की राश्‍ाि जमा है।

इसके साथ ही सहकारी बैंक में 86 हजार रूपये और पोस्‍ट ऑफिस में डेढ़ लाख रूपये से अधिक की एफडी भी मिली है।

छापे में जीवन बीमा निगम की तीन पालिसी के साथ करीब चार लाख रूपये कीमत के जेवर भी मिले हैं। बड़वारा और कुआं में मकान के साथ 12 एकड़ जमीन की रजिस्‍ट्री भी मिली है।

Dismiss the arrest warrant against ias couple joshi

प्रदेश के बर्खास्त पहले आईएएस दंपति अरविंद-टीनू जोशी के खिलाफ विशेष अदालत ने अनुपातहीन संपत्ति के मामले में संज्ञान लेते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। विशेष स्थापना पुलिस, लोकायुक्त संगठन ने करीब 42 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति का प्रकरण बनाकर चालान पेश किया था। कोर्ट ने छह लोगों को जेल भेज दिया है और इतनों के ही खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा की अदालत ने गुरुवार को अरविंद-टीनू जोशी के मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया। विशेष स्थापना पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि अरविंद और टीनू जोशी करीब 42 करोड़ रुपए की आय के स्रोत नहीं बता पाए। प्रकरण के चलते ही दोनों वरिष्ठ अफसरों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। अदालत में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1)(ई) के तहत मामला पेश किया गया था। इस पर अदालत ने संज्ञान लिया है।

कोर्ट ने जोशी के कारोबारी सहयोगी एसपी के अलावा सीमांत कोहली, पवन अग्रवाल, ललित जग्गी, बीमा एजेंट सीमा और संतोष जायसवाल को जेल भेज दिया है। जबकि अरविंद-टीनू जोशी के साथ अरविंद की अप्रवासी भारतीय बहनें आभाघानी और विभा जोशी पार्किन के साथ गुवाहाटी का प्रापर्टी ब्रोकर श्रीदेव शर्मा, दिल्ली की स्टॉम्प वेंडर राजारानी और प्रदीप जैन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।

वारंट तामीली के लिए केंद्र को लिखेंगे पत्र

विशेष स्थापना पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आभाघानी और विभा जोशी पार्किन के गिरफ्तारी वारंट तामीली के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा। अप्रवासी भारतीयों के मामलों में केंद्र सरकार ही कवायद करती है।

जोशी ने दोनों बहनों के नाम पर भोपाल के आसपास जमीनें खरीदी थीं। जबकि अप्रवासी भारतीय बिना केंद्र सरकार की इजाजत लिए कृषि योग्य भूमि खरीद ही नहीं सकते हैं। साथ ही खरीद-फरोख्त के लिए जो धन विदेश से आता है वो भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से आता है। इस प्रकरण में इस तरह की कवायद के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।

Adarsh singh not hang up it was attempted murder

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती सिंधिया स्कूल के छात्र आदर्श सिंह की तबियत गुस्र्वार को बिगड़ गई है। डॉक्टर्स को आदर्श के दिमाग में इंफेक्शन मिला है। यह कहना है कि छात्र के चाचा बृजेश कुमार सिंह का। अस्पताल में नईदुनिया रिपोर्टर से बातचीत में छात्र के पिता और बिहार के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह ने ग्वालियर जिला प्रशासन और पुलिस पर मामले को दबाने को आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आदर्श सिंह ने फांसी नहीं लगाई। स्कूल में उसकी हत्या का प्रयास किया गया है। हत्या के साक्ष्य छिपाए जा रहे हैं। वे कहते हैं- बेटा स्वस्थ्य हो जाए, इसके बाद आरोपियों को सजा दिलाऊंगा।

20 अगस्त को सिंधिया स्कूल के जयाजी हाउस में छात्र आदर्श बेहोशी की हालत में मिला था, जिसे 21 अगस्त की रात को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रैफर कर दिया गया था, जहां आठ दिन से उसका इलाज चल रहा है। गुस्र्वार को अस्पताल पहुंचे नईदुनिया रिपोर्टर को आदर्श के चाचा ने बताया कि बुधवार को आदर्श की हालत में सुधार था लेकिन गुस्र्वार को स्थिति बिगड़ गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि छात्र के दिमाग में इंफेक्शन मिला है।

हत्या का प्रयास हुआ है स्कूल में

अस्पताल में मौजूद बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह ने नईदुनिया को बताया कि स्कूल के उनके बेटे की हत्या करने का प्रयास किया गया है। आदर्श ने फांसी नहीं लगाई है। इस बात की पुष्टि अपोलो अस्पताल के डॉक्टर्स भी कर रहे हैं। डॉक्टर्स ने उनको बताया कि फांसी लगाने पर छात्र की स्पाइनल कॉर्ड ब्रेक होती लेकिन ऐसा नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि आदर्श के गले के अगले हिस्से में काला निशान मिला है। जिससे डॉक्टर्स को लगता है कि किसी ने कपड़े से गला घोंटने की कोशिश की है।

झूठ बोलता रहा स्कूल प्रबंधन

आदर्श के परिजन का कहना है कि स्कूल प्रबंधन घटना वाले दिन से लगातार झूठ बोल रहा है। घटना के तत्काल बाद स्कूल से फोन आया और हमसे पूछा गया कि आदर्श को मिर्गी की प्राब्लम तो नहीं है। मना करने पर स्कूल ने बताया कि आदर्श बेहोशी की हालत में मिला है। लगता है उसके खाने में कुछ चला गया है।

इलाज कराने में सक्षम हूं

मंत्री जयकुमार सिंह ने बताया कि आदर्श को अस्पताल में देखने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आए थे। उन्होंने बेटे के इलाज में हर संभव मदद की बात कही थी। मैंने उन्हें साफ कह दिया, बेटे का इलाज कराने में मैं सक्षम हूं।

मां ने आठ दिन से कुछ नहीं खाया, मंदिरों में चल रहें जाप

घटना के बाद से छात्र आदर्श की मां पूजा सिंह ने कुछ नहीं आया है। वे भूखी प्यासी आईसीयू के बाहर निकलने वाले डॉक्टर्स से यही पूछती हैं, अब उनका आदर्श कैसा है। पिता भी बेटे के स्वास्थ्य में आ रहे उतार-चढ़ाव को लेकर परेशान हैं। परिजन ने बताया कि आदर्श के पूरी तरह से अच्छा होने को लेकर देश भर एक सैकड़ा से अधिक मंदिरों में पूजा अर्चना और जाप चल रहे हैं।

Explosives found in forest hidden by maoists

औंधी थाना क्षेत्र के जंगलों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है। ये विस्फोटक नक्सलियों द्वारा जमीन के अंदर डंप कर रखा गया था। पुलिस का दावा है कि यह फोर्स को टारगेट करने की मंशा से छिपाकर रखे गए थे। बरामदगी के साथ ही नक्सलियों की प्लानिंग पुलिस ने फेल कर दी।

नक्सलियों के राजनांदगांव-कांकेर बार्डर डिवीजन कमेटी के सचिव विजय रेड्डी एवं डिवीजन इंचार्ज डीकेएस जेड़सी सदस्य सतीश उर्फ कोपा ने पुलिस पार्टी को उड़ाने की मंशा से विस्फोटकों का जखीरा छिपा रखा था। इसी बीच पुलिस को खबर लग गई और पीटेमेटा, आमाकोड़ों और निडेली के जंगल से भारी मात्रा में विस्फोटक निकाल लिया। मौके से डेटोनेटर, बैटरी सहित भारी मात्रा में विस्फोटक पुलिस एवं आईटीबीपी की संयुक्त टीम को मिला है।

पुलिस कंट्रोल रूम में हुई प्रेसवार्ता में एसपी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि मानपुर, कोहका, सीतागांव एवं औंधी क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई गई है। सूचना थी कि वारदात करने भारी मात्रों में विस्फोटक, डेटोनेटर, बैटरी सहित अन्य सामान को आमाकोड़ो-पीटेमेटा एवं निडेली के जंगलों में छिपाकर रखा गया है। पुलिस द्वारा सूचना की तस्दीक के लिए आमाकोड़ों-पीटेमेटा एवं निडेली के जंगलों में सर्चिंग के लिए आईटीबीपी के साथ संयुक्त अभियान चलाया गया।

लगातार प्रयास के बाद मिली सफलता

बताया गया कि 27 अगस्त को औंधी में तैनात 18वीं बटालियन आईटीबीपी कंपनी के जवानों, जिले की स्पेशल फोर्स ई-30 एवं छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की संयुक्त टीम को आमोकोड़ों-पीटेमेटा के जंगल एवं थाना मानपुर में जिला पुलिस एवं आईटीबीपी की संयुक्त टीम सेंडावाही, गोढरी, आमपायली, पलातोड़के, मेटातोडके, नैनगुड़ा, निडेली तथा शारदा, पेदोडी एवं निडेली के जंगल में अभियान चलाकर गहन सर्चिंग की।

यह सामान हुए बरामद

जिलेटिन लगभग 18-20 किलो, अमोनियम नाईट्रेड लगभग 25 किलो, बारूद 5 किलो, डेटोनेटर 5 , विस्फोट में प्रयोग लायी जाने वाली 6 वोल्ट की बैटरी 23, इलेक्ट्रिक वायर 150 मीटर, हैंड ग्रिनेड 1 , वैनाकुलर 3, सोलर प्लेट 3, डिक्शनरी 1 (हिन्दी-तेलगु), नक्सल कपड़ा, टूल किट 1, एवं भारी मात्रा में नक्सल साहित्य बरामद किया गया।

Dantewada news

 कहने को दक्षिण बस्तर में हॉकी कम लोकप्रिय है, इसके बावजूद साठ के दशक में क्षेत्रवासियों का इस खेल से नाता जुड़ चुका था। जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर बचेली में दक्षिण बस्तर का इकलौता हॉकी मैदान स्थित है। जिसकी आधारशीला रायगढ़ वासियों ने रखीं थीं।

जिले के इस इकलौते हॉकी मैदान की कहानी शुरू होती है 1965 से। जब भारत सरकार का सार्वजनिक उपक्रम एनएमडीसी द्वारा लौह अयस्क खनन के उद्देश्य बचेली में परियोजना स्थापित की गई थी। देश के अलग-अलग प्रांतों के अलावा राज्य के रायगढ़, अम्बिकापुर क्षेत्र के लोग भी नौकरी के लिए यहां पहुंचे थे। उस वक्त लौहनगरी में मनोरंजन का कोई जरिया भी नहीं था, लिहाजा खेल की बारिकियों से अवगत रायगढ़ क्षेत्र के लोगों ने अपने मनोरंजन के लिए हॉकी खेलना शुरू किया था।

खेल जहां नियमित खेला जाने लगा था, आज वह स्थान हॉकी ग्राउंड में तब्दील हो चुका है। इस तरह क्षेत्र में हॉकी की लोकप्रियता बढ़ने लगी। जिन्हें खेलना नहीं आता था सीखने की ललक से वे भी इसे खेलने लगे। इस तरह यहां हॉकी की टीम तैयार हो गई थी। 70 के दशक में रायपुर स्थित दुर्गा कॉलेज की तरफ से इंटर कॉलेज हॉकी टूर्नामेंट खेल चुके परियोजना कर्मी जे खलको की मानें तो वर्ष 1975 में ही हॉकी मैदान के लिए कवायद शुरू हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे यहां मैदान विकसित हो गया था।

1984 में हुई थी पहली प्रतियोगिता

लौह नगरी में पहली हॉकी प्रतियोगिता वर्ष 1984 को हुई थी। एनएमडीसी की तरफ से यहां अंतर परियोजना हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था, जिसमें बचेली, किरंदुल सहित द्रोणामलई, पन्ना व इरूगुडू परियोजना से टीम हॉकी खेलने पहुंची थी।

2002 में संघ का गठन

पहली अंतर परियोजना प्रतियोगिता के प्रतिवर्ष इसका आयोजन होने लगा। रायगढ़, जशपुर,अम्बिकापुर क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले परियोजना कर्मी जो हॉकी खेलते थे उनके द्वारा वर्ष 2002 में छोटो नागपुर संघ का गठन किया गया था। इसके बाद यहां स्थानीय स्तर पर प्रतियोगिताएं शुरू हुई, जिसमें दंतेवाड़ा के अलावा बीजापुर, बस्तर, रायपुर, कोरबा, दामनझोड़ी, नाल्को से हॉकी टीमें प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचने लगी थी, लेकिन बस्तर में नक्सलवाद की समस्या के पैर पसारने के साथ दहशत के चलते बीते कुछ वर्षों से प्रतियोगिता में स्थानीय व बस्तर संभाग के कांकेर क्षेत्र से टीमें पहुंचती है।

हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा है, लेकिन क्रिकेट के मुकाबले इस खेल की लोकप्रियता निरंतर घटी है। आदिवासी बहुल इस इलाके में हॉकी को लोकप्रिय बनाने में योगदान देने वाले खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया में सरकारी तंत्र को जिम्मेदार बताते है।

उपेक्षा से घटी हॉकी की लोकप्रियता

एक तरफ हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर देश में 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं प्रोत्साहन न देकर हॉकी की उपेक्षा की जाती है। इससे हॉकी खिलाड़ियों का मनोबल गिर रहा है। इसके साथ इस खेल की लोकप्रियता भी कम हो रही है।

जे.खलको, परियोजना कर्मी

कॉर्पोरेट कल्चर हावी

हॉकी घरेलू खेल होकर भी कम लोकप्रिय है, वहीं क्रिकेट विदेशी खेल के बावजूद प्रशंसकों की गिनती करोड़ों में होती है। हॉकी को उभारने सरकारें ध्यान नहीं देती है। चूंकि खेलों पर कॉर्पोरेट कल्चर का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। क्रिकेट के लिए इंस्पांसर आगे आते है, वहीं हॉकी के मामले में पीछे हटते है।

अजीत कुजूर, परियोजना कर्मीमॉडल

Poles emphasis on land acquisition for industry

एसईसीएल के गेवरा विस्तार परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई ग्राम पोड़ी में प्रशासन ने डंडे की जोर पर की। महिलाओं को घरों से बाल पकड़कर न केवल घसीटते हुए निकाला गया, बल्कि लाठी से बर्बरतापूर्वक पीटा गया। महिलाएं बिलखती रहीं, पर प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। जो भी सामने आया, बस उस पर डंडे बरसाए और जबरिया बस में डालकर चौकी ले गए। मकानों का सामान बाहर निकालकर जेसीबी चला दिया गया।

हरदीबाजार पुलिस चौकी के अंतर्गत ग्राम पोड़ी में पुलिस का यह रूप देख लोग थर्रा उठे। गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे 100 से अधिक पुलिस के जवानों के साथ कटघोरा के तहसीलदार एके मार्बल यहां पहुंचे। पुलिस के जवानों के अलावा सीआईएसएपᆬ व एसईसीएल के सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। डंडा लहराते पहुंची पुलिस ने यहां पिछले दो साल से मकान खाली नहीं करने की जिद पर अड़े तीन परिवारों पर कहर बरपाया। 60 साल की वृद्घा रीता आदिले की 25 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण एसईसीएल प्रबंधन ने किया है।

बाल पकड़कर घसीटते हुए ले गए

वह न तो अपना जमीन देना चाहती थी और नहीं पुश्तैनी मकान। उसके साथ उसकी 4 बेटियां बबीता, ललिता, सविता व अनिता आदिले रहती हैं। पुलिस मकान खाली कराने पहुंचा तो बबीता ने इसका विरोध किया। इस पर महिला पुलिसकर्मी उस पर झपट पड़े और बाल पकड़कर घसीटते हुए पिटाई करने लगे। इसके साथ ही रीता आदिले व उसकी चारों बेटियों को महिला पुलिसकर्मियों ने अपना निशाना बनाया।

हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब आधे घंटे तक पुलिसकर्मियों ने इन महिलाओं पर कहर बरपाया। पुलिसकर्मी अपने साथ लाई बस में महिलाओं को डालने की कोशिश में लगे रहे। बस में नहीं चढ़ने की जिद पर अड़ी महिलाओं को एक बार पिᆬर प्रशासन के इशारे पर पीटा गया। प्रशासन की संवेदनहीनता के आगे आदिले परिवार की एक न चली और बस में डालकर पुलिस उन्हें ले गई।

ढहा दिए मकान

इसी प्रकार फुलेश्वरी बाई पति रामप्रसाद व बिहारी लाल (70) का मकान भी खाली कराया जाना था। यह सब देखकर उनके हौसले पस्त हो गए। डंडे की जोर पर एसईसीएल प्रबंधन ने तीनों मकान एक-एक कर जेसीबी से ढहा दिया। घर में रखे सामानों को बाहर निकालकर ट्रक में डाल दिया गया । इस पूरी कार्रवाई के दौरान तहसीलदार श्री मार्बल के अलावा हरदीबाजार पुलिस चौकी प्रभारी आरपी द्विवेदी, सीआईएसएफ के निरीक्षक योगेश कुमार दक्ष व एसईसीएल के नोडल अधिकारी अविनाश शुक्ला मौजूद रहे।

56 chhattisgarh workers hostage in jammu

जम्मू के नवाशहर तहसील के आरएस पुरा में छत्तीसगढ़ के जांजगीर 56 मजदूरों को पिछले 11 महीने से बंधक बनाने मामला सामने आया है,जिनमे से 31 बच्‍चे हैं । इन मजदूरों को चौधरी ईंट भट्ठे पर बंधक बना कर रखा गया है। इन छत्तीसगढ़ि‍या मजदूरों को पिछले 3 महीने से मजदूरी नहीं दी गई है. उल्टा ईंट भट्ठा के मालिक महेंद्र चौधरी ने राशन के लिये भी पैसे देना बंद कर दिया है।

इन बंधुआ मजदूरों में से एक दुर्गेश ने बताया कि फागु नामक एक दलाल उन्हें छत्तीसगढ़ से लेकर नवाशहर आया था और हमें अच्छी पगार देने का वायदा किया था ,लेकिन वो हमें यहां चौधरी के यहाँ ईंट भट्टे में बेचकर कर फरार हो गया।खबर है कि नवाशहर के उपजिलाधिकारी राजेन्द्र सिंह ने जांच करके इन मजदूरों के बंधक होने की रिपोर्ट उच्‍च अधिकारियों को प्रेषित कर दी है,लेकिन अब तक जम्मू पुलिस ने कोई कारवाई नहीं की है ।

मजदूरों का आरोप है कि ईंट भट्टा का काम बारिश के कारण बंद पडा हुआ है लेकिन ईंट भट्ठा के मालिक ने इन्हें यह कह कर छत्तीसगढ़ जाने से रोक दिया कि बारिश बंद होने के बाद जब काम शुरु होगा तो इन्हें यहां कौन ले कर आएगा। आलम यह है कि ये मजदूर चाहते हुए भी वहां से नहीं निकल पा रहे ।

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के कार्यवाहक निदेशक निर्मल गोराना ने नईदुनिया से बातचीत में बताया कि हम पिछले तीन दिनों से जम्मू में रुके हुए हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन कोई सहयोग नहीं कर रहा है ।उन्होंने पूरे मामले में पहल करते हुये संबंधिक अधिकारियों को पत्र लिख कर और फोन से सूचना देकर इन्हें छुड़ाने की अपील की है ।इधर जम्मू के डिविजनल कमिश्नर शांत मनु का कहना है कि इस दिशा में कार्रवाई और जांच की प्रक्रिया चल रही है, उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस मामले में अब तक किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई है ।

Thursday 28 August 2014

Income tax action on contractors

आयकर विभाग ने बुधवार को इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार से जुड़े शहर के बड़े 'ठेकेदारों' पर शिकंजा कसा। इंदौर व महू में इन ठेकेदारों के 29 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई। कार्रवाई में आयकर विभाग के 150 अधिकारियों के साथ 150 पुलिसकर्मीयों का भारी भरकम दल था। विभाग के अनुसार बुधवार सुबह प्रकाश एस्पॉल्टिंग टोल हाइवे लिमिटेड (पाथ), अग्रोहा इंफ्रा प्रालि, आयुश-अजय कंस्ट्रक्शन प्रालि, पीडी अग्रवाल एंड कंपनी और बीआर गोयल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि के विभिन्ना ठिकानों पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

छानबीन में देर रात तक करीब पौने दो करोड़ नकद, ढाई किलो सोने के आभूषण के साथ ही हीरे-जवाहरात बरामद किए गए हैं। बीआरजी समूह के मुखिया बृजकिशोर गोयल एवं राजेन्द्र गोयल के परिवार में अलमारी के नीचे बने तलघर में रखे 15 लाख रुपए बरामद हुए। वहीं पाथ ग्रुप के मुखिया पुनीत अग्रवाल एवं संतोष अग्रवाल से जुड़ी 15 कंपनियों की जानकारी मिली है। दोनों समूह के सभी बैंक अकाउंट्स सीज किए गए हैं। कार्रवाई में 16 बैंक लॉकरों के अलावा प्राइवेट लॉकरों का भी पता लगा है। वहीं बरामद डायरियों में करोड़ों रुपए का लेनदेन का ब्योरा है। इस आधार पर मुंबई और सूरत के दो ठिकानों पर सर्वे भी किया गया।

मंत्री से कनेक्शन

जिन ठेकेदारों के यहां कार्रवाई हुई है, उनके मालिकों के नजदीकी संबंध मालवा अंचल के प्रभावी मंत्री से बताए जा रहे हैं। पाथ के मालिक पुनीत अग्रवाल और मंत्री बेटे की फर्म साथ-साथ काम करती है। खलघाट मनावर रोड का काम दोनों ने मिलकर किया था, जबकि ठेका पुनीत की कंपनी को मिला था। इंदौर में एमआर-10 ब्रिज के टोल की वसूली पुनीत अग्रवाल की कंपनी कर रही है। अग्रवाल के माल रोड स्थित बंगला नंबर 76 पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की है।

जुड़े हैं तार

सड़क निर्माण में ठेकेदारी करने वाले पुनीत अग्रवाल, आशीष अग्रवाल और शैलेन्द्र सिंघल के 6 ठिकानों पर विभाग ने जांच की। ये तीनों आपस में रिश्तेदार बताए जाते हैं। विभाग की टीम ने आशीष अग्रवाल के नीम गली स्थित निवास पर भी कार्रवाई की। अग्रवाल की गिट्टी की खदानें कोदरिया में कॉलोनी और सिमरोल रोड पर काफी जमीन व नर्सरी है।

शैलेन्द्र सिंघल के स्वर्ग मंदिर (महू) व सांघी ट्रस्ट स्थित निवास और एबी रोड स्थित मैरिज गार्डन एक्वा पॉइंट पर दस्तावेज खंगाले। एक्वा पॉइंट पर सिंघल का ऑफिस भी है। राणी सती गेट स्थित पीडी अग्रवाल के निवास पर भी सर्वे हुआ। पीडी अग्रवाल अपना अलग काम करने के साथ ही पुनीत अग्रवाल की कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हैं।

बोगस कंपनियां व खर्चे

कार्रवाई में पता चला कि दोनों समूहों ने आयकर चोरी करने के लिए बोगस कंपनियों के साथ ही बोगस खर्च भी बताया है। सड़क बनाने के लिए नई कंपनी बनाने के सबूत मिले हैं। दोनों समूह सरकारी प्रोजेक्ट के बड़े ठेकेदार हैं। बड़े ठेके अपने नाम पर लेकर उन्हें 'सबलेट' भी कर दिया।

तलघर में 15 लाख !

गोयल परिवार के घर की अलमारी के नीचे एक तलघर का पता भी चला है। उसे तोड़ने पर करीब 15 लाख रुपए की नकदी मिली। टोल नाकों पर दस्तावेजों की जांच में भी अनियमितता मिली है।

29 ठिकानों पर छापे

इंदौर-महू में टोल नाके एवं सड़क निर्माण से जुड़े पाथ व बीआरजी समूहों के 29 ठिकानों पर विभाग ने छापे की कार्रवाई की है। काफी दस्तावेज, नकदी और जेवर आदि मिले हैं। कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी की संभावना है।

- अमरेन्द्र कुमार तिवारी, महानिदेशक आयकर विभाग मप्र-छग


CEO sir you have scoffed i will not come to your office

पुरावसकलां की दलित महिला सरपंच बादामी देवी ने जिला पंचायत सीईओ आशीष कुमार सिंह पर दफ्तर में बुलाकर अपमान करने और मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। सरपंच का आरोप है कि सीईओ ने उन्हें एक आदेश की कॉपी देने के लिए जिला पंचायत बुलाया और जब वे वहां पहुंची तो उन्होंने अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में उनका मजाक उड़ाया।

इसके बाद महिला सरपंच व उनके पति ने सीईओ से कहा कि अब वे उनके कार्यालय की चौखट नहीं चढ़ेंगे। महिला सरपंच और उनके पति अब भोपाल में गांव के स्कूल के मामले में धरना देंगे। वहीं पर राज्य शासन से सीईओ के व्यवहार की शिकायत भी करेंगे।

पुरावसकलां गांव में मिडिल स्कूल की विवादित जमीन को लेकर चल रही जांच के एक मामले में जानकारी लेने के लिए सोमवार को सरपंच बादामी देवी के पति ने सीईओ आशीष गुप्ता को फोन लगाया। सरपंच बादामी देवी के मुताबिक इस पर आशीष गुप्ता ने उनसे कहा कि यह बात फोन पर नहीं होगी। उन्होंने सरपंच व उनके पति को मंगलवार को जिला पंचायत आने को कहा और आदेश की कॉपी दिखाने की बात कही।

बादामी देवी के अनुसार उनसे और उनके पति से सीईओ ने सुबह 11 बजे आने को कहा, लेकिन तीन बजे तक वे उनसे नहीं मिले। तीन बजे सीईओ ने सरपंच और उनके पति को केबिन में बुलाया। अंदर पहुंचकर सरपंच व उनके पति ने कहा कि स्कूल जमीन को लेकर हुई जांच में कोई आदेश जारी हुआ है तो सीईओ ने उनका मजाक उड़ाते हुए अपमान किया।

यह कहा सीईओ ने

महिला सरपंच व उनके पति के अनुसार अन्य अधिकारियों की मौजूगी में सीईओ ने कहा, अब तो तुमने झंडा भी फहरा लिया है। इतने सारे आदेश करवा लिए हैं, अब और कौन से आदेश कराने हैं। सरपंच और उनके पति के अनुसार सीईओ ने कहा कि अब आप सब-कुछ छोड़िए और आराम करिए। सरपंच व उनके पति के अनुसार ऐसी स्थिति में उन्हें अपमानित होकर वापस आना पड़ा।

भोपाल में करेंगे शिकायत

घटनाक्रम के बाद सरपंच बादामी देवी व उनके पति चिम्मन सिंह भोपाल रवाना हो गए हैं। वहां पर वे गुरुवार से समाजसेवी संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन और सत्याग्रह करेंगे। इसी दौरान सीईओ द्वारा उनका मजाक उड़ाए जाने की शिकायत वे राज्य शासन और केंद्र सरकार से करेंगे।

हमें नीचा दिखाया

सीईओ ने हमें ऑफिस बुलाया। फिर सभी के सामने हमें नीचा दिखाया। झंडा फहराने और स्कूल के मामले में हमारा मजाक उड़ाया गया। उन्होंने कहा कि अब आप आराम कर करिए। आदेश होते रहेंगे। मैंने और मेरे पति को यह सहन नहीं हुआ। हमने कहा कि आप जनता के सेवक हैं और हम जनता के प्रतिनिधि। फिर भी हमारा मजाक उड़ाया जा रहा है। इसलिए हमने कहा कि जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, दोबारा सीईओ ऑफिस की सीढ़ी नहीं चढ़ेंगे।

-बादामी देवी, महिला सरपंच पुरावसकलां

गलत सुन लिया

मंगलवार को सरपंच व उनके पति की हमसे मुलाकात हुई है। यह सही बात है। वह आदेश वगैरह की पूछ रहे थे। हमने उन्हें स्थिति से अवगत करा दिया। हमने उनसे यह कहा था कि अब आप निश्चिंत रहिए और काम करिए। उन्होंने गलत सुन लिया कि हमने आराम करने को कहा। हमने वहां कोई मजाक नहीं उड़ाया और न ही उनका अपमान किया है।

-आशीष कुमार, सीईओ जिला पंचायत

Narayan tripathi said i did not left congress assembly asked for a time

कांग्रेस के टिकट पर मैहर से विधानसभा चुनाव में जीते नारायण त्रिपाठी का कहना है कि मैंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। अगर विधायक अजय सिंह के पास ऐसा कोई प्रमाण है कि मैंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में काम किया है तो सार्वजनिक करें। मेरे बीजेपी के महामंत्री अरविंद मेनन से पारिवारिक रिश्ते हैं और आज भी मैं उनसे बीजेपी ऑफिस में मुलाकात करने गया।

विधानसभा सचिवालय से दलबदल कानून का नोटिस मिलने के बाद नारायण त्रिपाठी गुरुवार को विधानसभा पहुंचे थे और वहां उन्होंने मीडिया से चर्चा में इन तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी से एक महीने का समय मांगा है। उन्हें यह नोटिस 24 अगस्त को मिल गया था।

त्रिपाठी ने अजय सिंह पर तीखे प्रहार किए और कहा कि उन्होंने ब्राह्मण और क्षत्रिय राजनीति को पनपने नहीं दिया है। वे कांग्रेस नहीं हैं और मैं आज भी कांग्रेस में ही हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मैं सबके सामने मिलता हूं, दूसरों जैसे नहीं जो छिपकर मुलाकात करते हैं। मेरी जो मुलाकात होती है वह क्षेत्र के विकास के मुद्दों को लेकर होती है। उनके साथ मंच साझा करना गौरव की बात है।

गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय ने दलबदल कानून का नोटिस कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बना व यादवेंद्र सिंह की याचिका को लेकर जारी किया गया है। ये नोटिस त्रिपाठी के अलावा जतारा से कांग्रेस विधायक दिनेश अहिरवार को भी जारी किया गया है लेकिन अभी उन्होंने न तो इसका जवाब विधानसभा को दिया है और न ही उन्होंने विधानसभा के अधिकारियों से मुलाकात ही की है।

Pregnant women birth four child after sterilization

पोहरी अनुभाग के ग्राम झिरी में एक प्रसूता ने बुधवार की अल सुबह चार बच्चियों को जन्म दिया। प्रसूता और उसकी बच्चियों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान दो बच्चियों की मौत बुधवार को इलाज के दौरान हो गई थी, जबकि गुरुवार सुबह बाकी दो ने दम तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक महिला की नसबंदी हो चुकी थी।

ग्राम झिरी निवासी आशा पत्नी ओम प्रकाश धाकड़ (35) को बुधवार की अल सुबह प्रसव पीड़ा हुई और उसने प्रसव केन्द्र आने तक एक बच्ची को रास्ते में ही जन्म दे दिया। प्रसव केन्द्र पर भी उसने एक एक कर तीन बच्चियों को जन्म दिया। आशा ने कुल प्रसव समय पूर्ण होने से पहले ही कुल चार बच्चियों को जन्म दे दिया।

बच्चियों सहित जच्चा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया। अस्पताल में दो बच्चियों की मृत्यु हो गई, जबकि बाकी दो ने गुरुवार सुबह दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न चाइल्ड) में भर्ती करवाया था।

Encroachment will remove in kamadgiri parikrama

चित्रकूट स्थित कामदगिरी परिक्रमा स्थल में सुरक्षा के ब्यापक इंतजाम किए जाएंगे। कामतानाथ के द्वितीय मुखारबिंद मंदिर के समीप संर्कीण स्थान को चौड़ा किया जाएगा और चिन्हित संकरे स्थानों पर किए गए अतिक्रमण को हटाकर 25 से 30 फिट तक चौड़ा परिक्रमा स्थल बनाया जाएगा।

बुधवार को प्रदेश के ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने यह जानकारी दी। वे सोमवती अमावस्या के मौके पर कामदगिरी परिक्रमा में हुई घटना स्थल निरीक्षण के बाद यह बात कही। जनसंपर्क मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल के साथ निरीक्षण के मौके पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे, प्रमुख सचिव गृह बीपी सिंह, एडीजीपी इन्टेलीजेंस सर्बजीत सिंह, एडीजीपी ला एण्ड आर्डर एसएल थाऊसिन, कमिश्नर रीवा संभाग केपी राही, पुलिस महानिरीक्षक पवन श्रीवास्तव, कलेक्टर मोहनलाल मीणा, पुलिस अधीक्षक केसी जैन पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा चित्रकूट के साधू-संत एवं महंत उपस्थित थे।

जनसंपर्क मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि पवित्र स्थलो में लगने वाले बड़े मेलों में नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तरीय मेला समिति को सक्रिय किया जाएगा। कामदगिरी परिक्रमा स्थल में विशेष रूप से संर्कीण तीन स्थलों का चिन्हाकंन किया गया है। उसे पर्याप्त रूप से चौड़ा बनाया जाएगा। द्वितीय मुखारबिंद के सामने स्थित यज्ञ कुण्ड (वेदी) को हटाकर चाडीकरण किया जाएगा। उपरोक्त ब्यवस्थाएं प्रथम चरण मे की जाएगी।

उन्होंने कहा कि मेले के दौरान नगर पंचायत द्वारा प्रकाश व पेयजल की पर्याप्त ब्यवस्था की जाएगी। पुलिस प्रशासन द्वारा बैरीकेट्स लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा। सुरक्षा के हर संभव उपाय किए जाएंगे। बड़े मेलो के आयोजन मे मध्यप्रदेश सरकार हर संभव मदद करेगी।

प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी भी साथ में

जनसंपर्क मंत्री श्री शुक्ल ने प्रमुख सचिव बीपी सिंह, पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे के साथ कामदगिरी परिक्रमा में सोमवती अमावस्या पर द्वितीय मुखारबिंद के समीप हुई घटना के स्थल का मौका मुआयना किया। उन्होंने स्थानीय नागरिको एवं मंदिर के पुजारियों से घटना के संबंध में चर्चा कर जानकारी ली।

पुलिस महानिरीक्षक पवन श्रीवास्तव और कमिश्नर केपी राही ने बताया कि दुर्घटना के पश्चात्‌ मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और साधू संतो की बैठक में कामदगिरी परिक्रमा की सुरक्षा व मेला प्रबंधन के संबंध में 14 बिन्दुओं पर गहन चर्चा कर निर्णय लिए गए हैं।

दण्डवत परिक्रमा के लिए अलग रास्ता

प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल ने कामदगिरी परिक्रमा मे सारे सुरक्षा के आवश्यक प्रबंध दीपावली मेले से पहले पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कलेक्टर को कामदगिरी परिक्रमा में लेटकर परिक्रमा पूर्ण करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग रास्ता बनाने की कार्ययोजना भी तैयार करने को कहा।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि भिक्षाटन करने वाले ब्यक्तियों और परिक्रमा पथ में दुकान लगाने वालों को स्थान चिन्हित कर उन्हें वहां स्थानांतरित किया जाएगा। ताकि परिक्रमा पथ मे किसी प्रकार का अवरोध नहीं हो। श्री शुक्ल ने कहा कि धार्मिक स्थानों पर ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए सख्त कदम उठाये जाएंगे।

चित्रकूट मेला के लिए बनेगी प्रबंध समिति

प्रभारी मंत्री ने कहा कि मैहर के मंदिर प्रबंधन समिति की तर्ज पर चित्रकूट के मंदिरो के रख-रखाव और मेला संचालन के लिए राज्य शासन स्तर पर प्रेषित किए गए प्रस्ताव को मंजूर कराया जाएगा। चित्रकूट मेले मे त्यौहारो के अवसरों पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के दृष्टिगत मेला प्रबंधन के लिए पर्याप्त राशि और सुरक्षा ब्यवस्था पुख्ता करने की भी आवश्यकता है।

प्रबंध समिति बनने से मेला प्रबंधन मे सहूलियत हो सकेगी। बाद में जनसंपर्क मंत्री श्री शुक्ल ने राज्य स्तर से आए हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से कामदगिरी परिक्रमा की सुरक्षा ब्यवस्था के संबंध में चर्चा कर आवश्यक जानकारी ली।

208 mw electricity will be born from omkareshwar dam

सावन में सूखी रहने वाली नर्मदा नदी में इस समय भरपूर पानी है। दिन में ओंकारेश्वर बांध की 2 और रात में 4 से 5 टरबाइन चलाकर प्रतिदिन 208 मेगावॉट बिजली बनाई जा रही है। इधर भादौ में बारिश नहीं होने के बाद भी बांध से बिजली उत्पादन होने को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

लोगों का कहना है कि एक माह से बारिश नहीं हुई है, इसके बावजूद बिजली उत्पादन किया जा रहा है। बीते चार माह में बांध प्रशासन ने नर्मदा की जलधारा को रोककर पूर्ण रूप से बंद कर सुखा दिया था। बांध से पानी रोकने के कारण ओंकारेश्वर, सनावद, बड़वाह, महेश्वर में भीषण जलसंकट उत्पन्ना हो गया था। नर्मदा में पानी छोड़ने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुंची थी। इसके बावजूद बांध से पानी नहीं छोड़ा गया। प्रशासन यह कहता रहा कि ओकारेश्वर-इंदिरासागर बांध में पानी नहीं है इसलिए यह संभव नहीं है।

आक्रोश व्यक्त किया

ओंकारेश्वर नर्मदा रक्षा मंच के प्रदीप ठाकुर का कहना है कि बांध प्रशासन सिर्फ बिजली उत्पादन के समय ही नर्मदा में पानी छोड़ सकता है। सावन में आए लाखों श्रद्धालुओं को नर्मदा में स्नान करने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो सका। वहीं घाटों पर पानी नहीं होने से स्नान करने आए 6 लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत भी हो चुकी है। इस समय बारिश नहीं होने के बावजूद बिजली उत्पादन जारी है। आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा सूखे का संकट बना हुआ है, ऐसे में बांध में अचानक पानी कहां से आ गया है।-निप्र

छोड़ा जा रहा नर्मदा में पानी

ओंकारेश्वर बांध से दिन में दो टरबाइनों को चलाकर 950 क्यूमैक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है। रात्रि में बिजली की अधिक मांग होने पर 4 से अधिक टरबाइनों को भी शुरू कर दिया जाता है। नर्मदा में पर्याप्त पानी होने से सोमवती अमावस्या पर किसी भी प्रकार की घटना नहीं हुई।

- जगदीश गुहा, सीएमओ नगर पंचायत ओंकारेश्वर

I will not comment on shankaracharya he is my guru says digvijay singh

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह शंकराचार्य स्वामी स्वारुपानंद सरस्वती का जन्मदिन मनाने के लिए कवर्धा चले गए हैं। वे देर शाम को दिल्ली से रायपुर पहुंचे और अपने समर्थकों के साथ कवर्धा रवाना हुए। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि संत और अवतार दोनों अलग-अलग चीजें हैं। अवतार की पूजा होती है और उनकी मूर्ति स्थापित की जाती है। उन्होंने शंकराचार्य और धर्म संसद में हुए फैसले के संबंध में कहा कि शंकराचार्य मेरे गुरु हैं और वे इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।

मोदी और अमित शाह निशाने पर

श्री सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जरुर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में कई दागी मंत्री है इसके बाद भी किसी को हटाया नहीं जा रहा है बल्कि उन्हें जेट सुरक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने से सिर्फ मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को फायदा हुआ है और उनके ही अच्छे दिन आए हैं।

भूपेश और चौबे भी गए साथ

श्री सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे, महासचिव शैलेष नितिन त्रिवेदी सहित कई पदाधिकारी भी गए हैं। बताया जा रहा है कि 28 अगस्त को ी सिंह का डोंगरगढ़ जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। वे कवर्धा के कार्यक्रम में शामिल होने और शंकराचार्य से आर्शीवाद लेने के बाद देर रात तक सीधे राजधानी आएंगे और स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होकर रात्रि विाम करेंगे। वहीं 29 अगस्त की सुबह 9 बजे वे रायपुर से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

Sachin and kumble will come raipur

चैंपियंस लीग टी-20 के क्वालिफाइंग मुकाबलों के तहत मुंबई इंडियंस के होने वाले मैचों के लिए सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले रायपुर आएंगे। सचिन और अनिल मुंबई इंडियंस के मेंटर हैं। लीग के सभी क्वालिफाइंग मुकाबलें रायपुर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होने हैं। मुंबई इंडियंस 13, 14 और 16 सितंबर को राजधानी में खिताब का दावेदार बनने के लिए जोर लगाएगी। ऐसे में टीम के मेंटर सचिन और कुंबले की मौजूदगी से टीम का मनोबल बढ़ेगा।

नया रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बुधवार को छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (सीएससीएस) के सचिव राजेश दवे ने बताया कि अभी तक संघ को जो सूचना मिली है, उसके अनुसार सचिन और कुंबले तीन दिनों के लिए रायपुर आएंगे। उम्मीद है कि मुंबई इंडियंस के क्वालिफाइंग मैचों के दौरान दोनों मौजूद होंगे। इसके अलावा मुंबई इंडियंस की मालकिन नीता अंबानी के साथ कई फिल्मी सितारे भी रायपुर पहुंच सकते हैं। हिन्दी कॉमेंट्री के लिए भी सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। स्टेडियम के मेंटनेंस का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही पीडब्ल्यूडी स्टेडियम को सीएससीएस को हैंडओवर कर देगी।

100 से 10 हजार तक के होंगे टिकट

सीएससीएस के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने बताया कि अभी तक चैंपियंस लीग के टिकट के दाम तो तय नहीं हुए हैं। लेकिन प्रशंसकों को 100 रुपए में भी मैच का लुत्फ उठाने का मौका मिल सकता है। वहीं प्रशसंकों को सबसे महंगी टिकट खरीदने के लिए 10 हजार रुपए खर्च करने होंगे। इस बार काउंटर से सीधे टिकटों की बिक्री होगी। टिकट के लिए किसी भी तरह के स्लिप की जरूरत नहीं होगी। बुक माय शो को टिकट एजेंसी का जिम्मा सौंपा गया है। टिकट के लिए लोगों को इस बार परेशान नहीं होना पड़ेगा। आईपीएल के दौरान जो भी कमियां थी, उन्हें दूर कर दिया गया है।

100 रुपए में नहीं मिलेगी पानी की बोतल

सीएससीएस के कोषाध्यक्ष विजय शाह ने कहा कि इस बार दर्शकों को पिछले दफे की भांति 100 रुपए में पानी का बोतल नहीं लेना पड़ेगी और न ही उन्हें किसी भी खाद्य पदार्थ को खरीदने के लिए बहुत ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। पानी की उपलब्धता आसान होगी। दर्शकों को मैच के दौरान स्टेडियम में खाद्य पदार्थ रिजनेबल दाम में उपलब्ध होंगा। दाम सीएससीएस की ओर से तय किए जाएंगे। हर स्टॉल पर सीएससीएस से तय किए खाद्य पदार्थों के दाम की सूची लगाई जाएगी।

आरकेसी में होंगे प्रैक्टिस मैच

13 सितंबर को पहला मैच होना है। इसके लिए टीमें 8 या 9 सितंबर से आनी शुरू हो जाएंगी। टीमें स्टेडियम में प्रैक्टिस करेंगी। प्रैक्टिस के लिए सभी चार टीमों को अलग-अलग समय दिया जाएगा। इसके अलावा क्वालिफाइंग मुकाबलें में शामिल होने वाली टीमों के बीच प्रैक्टिस मैच भी होंगे। प्रैक्टिस मैच अंतरराष्ट्रीय मैदान में नहीं होंगे। इस दौरान पिच तैयार करने का काम चलेगा। ऐसे में राजकुमार कॉलेज के मैदान में प्रैक्टिस मैच होंगे।

Another breakthrough in antinaxal campaign one arrested

नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत बचेली थाना अंतर्गत बेहनार से एक जनमिलिशिया सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।

बचेली थाना प्रभारी याकूब मेमन ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर बेहनार निवासी सोमारू कर्मा पिता पोदिया कर्मा (21) को नक्सलियों के मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी जनमिलिशिया सदस्य है। वह नक्सली कमांडर हुंगा व संजय के निर्देश पर पर्चा,पम्पलेट लगाना,मार्ग अवरूद्ध करने का कार्य करता था। आसपास के ग्रामों के ग्रामीणों को डरा धमका कर नक्सलियों की बैठक में बुलाता था।

साथ ही वह बचेली नगर से नक्सलियों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई किया करता था। आरोपी विगत दो वर्ष से नक्सलियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। पूछताछ के दौरान सोमारू द्वारा नक्सलियों के कई मददगारों के नाम बताएं है। भविष्य में और कई गिरफ्तारी हो सकती है।

आरोपी के खिलाफ छग विशेष जनसुरक्षा अधिनियम 8,1,3,5 एवं धारा 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

CRPF taking front with the ex armyman to maoists

छत्तीसगढ़ में माओवादी मोर्चे पर सीआरपीएफ के साथ भारतीय सेना के पूर्व सैनिक भी माओवादी कारवाई में हिस्सा ले रहे हैं ,राज्य में अब तक सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिकों को घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के साथ लगाया गया है ।

ये पूर्व सैनिक न सिर्फ रणनीति के निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं ,बल्कि माओवादियों से आमने सामने के इनकाउंटर में भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा हैं ,खबर यह भी है कि लैंड माइंस को डिफ्यूज करने में भी इन पूर्व सैनिकों की मदद ली जा रही है । इस मामले में सबसे चौंका देने वाली जानकारी यह है कि 11र्च को सुकमा में माओवादियों द्वारा सीआरपीएफ की टुकड़ी पर किये गए हमले में मारे गए जवानों में दो जवान इन्स्पेक्टर तिलक राज सिंह और हेड कांस्टेबल लखबीर सिंह भारतीय सेना के पूर्व सैनिक थे।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सेना के पूर्व सैनिक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की वर्दी में सेवाएँ दे रहे हैं।दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा सीआरपीएफ के जवानों और इन पूर्व सैनिकों की शहादत के बाद प्रस्तावित अनुग्रह राशि के वितरण में भेदभाव से सामने आया ।

गौरतलब है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने घटना में मारे गए बल के 9 जवानों को 15-15 लाख की अनुग्रह राशि दे दी ,लेकिन इन दो जवानों को एक पैसा भी नहीं दिया गया , इन जवानों के परिजनों ने इसकी शिकायत गृह मंत्रालय में की तो अंतत: काफी जोर मशक्‍कत के बाद सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह इन दोनों पूर्व सैनिकों को भी एक सामान अनुग्रह राशि देने की घोषणा की ।

नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के द्वारा भारतीय थल सेना के पूर्व जवानों को संविदा के आधार पर नियुक्त किये जाने के मामले की पुष्टि करते हुए गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (नक्सल ) ने कहा कि ऐसी नियुक्तियां पिछले दो सालों से हो रही हैं ,उनका कहना था कि जहाँ तक मेरी जानकारी है सीआरपीएफ इन जवानों का इस्तेमाल केवल लैंडमाइंस को डिफ्यूज करने में कर रही है ।

महत्वपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गृह मंत्रालय से पूर्व सैनिकों को नक्सल क्षेत्रों में तैनात करने की मांग लम्बे अरसे से की जा रही थी ।नईदुनिया को जानकारी मिली है कि सीआरपीऍफ़ ने इस किस्म की तैनाती केवल छत्तीसगढ़ में की है और जो जवान तैनात किये जा रहे हैं उनमे से ज्यादातर सेना के इन्फेंट्री डिविजन के हैं।

महत्वपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गृह मंत्रालय से राज्य में सूबेदार मेजर से ब्रिगेडियर रैंक तक के सेवानिवृत अधिकारियों की तैनाती की इजाजत मांगी गई है ।हालांकि सरकार का दावा है कि संविदा के आधार पर तैनात किये जाने वाले इन अधिकारियों की तैनाती का मुख्य प्रयोजन माओवादी आपरेशन के लिए नहीं बल्कि अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के जवानो को प्रशिक्षण देना होगा।

पता चला है कि राज्य पुलिस ने इस हेतु गृह मंत्रालय से इन्फेंट्री डिवीजन के उन अधिकारियों का नाम माँगा है ,जो छत्तीसगढ़ जैसी भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने का अनुभव रखते हो । गृह मंत्रालय के एक अधिकारी कहते हैं कि अगर राज्य सरकार माओवादी आपरेशन के लिए सेना के कुछ अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेना भी चाहे तो बिना सेना की मंजूरी कुछ भी संभव नहीं है।

वो कहते हैं "सेना के अधिकारी अपनी मूल नियुक्ति को छोड़ेंगे इसकी सम्भावना कम है।किन अगर राज्य सरकार माओवादी मोर्चे पर पूर्व सैनिकों का इस्तेमाल करना चाहती है तो इसके लिए उन्हें किसी के इजाजत की जरुरत नहीं है ।

Tuesday 26 August 2014

Saraswati school gang war

पाटन के ओमकार नामदेव सरस्वती विद्यालय में सीनियर और जूनियर छात्रों में चल रही वर्चस्व की लड़ाई को लेकर मंगलवार को एक जूनियर छात्र के भाई और दो अन्य युवकों ने सीनियर छात्र पर बका से जानलेवा हमलाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल छात्र को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने जूनियर छात्र के भाई सहित तीन युवकों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है, तीनों आरोपी फरार हैं।

थाना प्रभारी जिया खुर्शीद खान ने बताया कि धनेटा गांव निवासी अमित चौबे ओमकार नामदेव सरस्वती विद्यालय का कक्षा 12 वीं का छात्र है। वह मंगलवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे विद्यालय जा रहा था, तभी सिविल कोर्ट चौराहे के पास बाइक पर सवार तीन युवकों ने उसे रोका और बका से हमला कर फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अमित को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे मेडिकल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 307 के तहत केस दर्ज कर लिया है। एक आरोपी इसी विद्यालय में कक्षा दसवीं में पढ़ने वाले एक छात्र का भाई बताया जा रहा है।

पहले भी हो चुका है झगड़ा

सूत्रों के मुताबिक हमले के शिकार हुए छात्र अमित और कक्षा दसवीं के एक छात्र के बीच विद्यालय में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए पहले से विवाद चला आ रहा है और उनमें मारपीट भी हो चुकी है। बताया जाता है कि अमित को जिस युवक ने बका मारकर घायल किया है, वह जूनियर छात्र का भाई और विद्यालय का पूर्व छात्र है।

विद्यालय प्रबंधन ने पांच छात्रों को किया था सस्पेंड

सरस्वती विद्यालय के प्रधानाचार्य राघवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि अमित चौबे सहित अन्य पांच छात्रों को अनुशासनहीनता करने पर 15 दिन के लिए सस्पेंड किया गया था। छात्रों के अभिभावकों को भी विद्यालय बुलाकर उन्हें जानकारी दी गई थी। इसके अलावा एक छात्र को विद्यालय से निष्कासित कर दिया गया था। सस्पेंड छात्रों ने सोमवार से ही विद्यालय आना शुरू किया था। श्री शुक्ला ने बताया कि अनुशासनहीनता करने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेडिकल में नहीं मिला इलाज

छात्र अमित के मामा अरुण दुबे ने बताया कि उनके भांजे अमित का विद्यालय के किसी भी छात्र थे विवाद नहीं था। गांव के कुछ छात्रों का विवाद था। लेकिन अमित को बका से घायल कर दिया। श्री दुबे का आरोप है कि मेडिकल में अमित को इलाज नहीं मिला। बाजार से दवाइयां खरीदना पड़ी। अमित के जख्मों से खून बहता रहा लेकिन डॉक्टरों ने टांके नहीं लगाए। लिहाजा अमित को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

विद्यालय के बच्चों में कुछ दिन पहले विवाद हुआ था। अनुशासनहीता पर पांच छात्रों को 15 दिन के लिए सस्पेंड करते हुए उनके अभिभावकों के सामने बच्चों को समझाइश दी गई थी। एक छात्र को विद्यालय से निष्कासित कर दिया है। कल से ही निष्कासित छात्र विद्यालय आ रहे हैं। - राघवेन्द्र शुक्ला, प्रधानाचार्य

Letter to revoke recognition of scindia school

जिला प्रशासन की जांच में सिंधिया स्कूल में रैगिंग की घटना की पुष्टि होने के बाद स्कूल की मान्यता निरस्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। सीबीएसई ने 14 जुलाई 2009 को इस संबंध में जो सर्कुलर जारी किया था, उसमें ऐसी घटना होने पर मान्यता समाप्ति की प्रक्रिया शुरू करने का स्पष्ट प्रावधान दिया था। 9 बिंदुओं पर स्कूल प्रबंधन की ओर से जवाब आने के बाद कलेक्टर पी. नरहरि इस संबंध में सीबीएसई को पत्र लिख सकते हैं।

इसलिए लिखना पड़ेगा मान्यता समाप्ति का पत्र :

-सीबीएसई के सर्कुलर में स्कूलों में रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी और स्क्वाड के गठन को लेकर निर्देश दिए थे, लेकिन सिंधिया स्कूल में इस निर्देश का पालन नहीं हुआ।

-सर्कुलर में उल्लेखित है कि रैगिंग की घटना होने पर इसके लिए सीधे तौर पर स्कूल के प्राचार्य को दोषी ठहराया जाएगा। इसके बावजूद शुरू से ही इस मामले में स्कूल प्राचार्य शमिक घोष का रवैया लापरवाहीपूर्ण और पुलिस-प्रशासन को मिसगाइड करने वाला रहा है।

- रैगिंग के कारण छात्र आदर्श सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, जो रैगिंग की सबसे घृणास्पद घटनाओं में से एक है। इसलिए सर्कुलर में ऐसी स्थिति में स्कूल की मान्यता समाप्ति की प्रक्रिया शुरू करने का उल्लेख है।

दागदार हुई छवि,घट सकती है छात्र संख्या-

सिंधिया स्कूल भले ही देश के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक हो, लेकिन पिछले कुछ सालों से इस स्कूल की छात्र संख्या घटी है। सूत्रों के अनुसार छात्र संख्या घटकर 500 तक रह गई थी। पिछले साल ही यह आंकड़ा बढ़कर 620 तक पहंुचा था, लेकिन आदर्श सिंह के साथ हुई रैगिंग की घटना के कारण स्कूल की छवि पर जो दाग लगा है, उसके कारण छात्र संख्या फिर से घटकर नीचे आ सकती है।

स्कूल में बच्चे स्टेट्स के हिसाब से ही करते हैं दोस्ती-

सूत्रों पर भरोसा करें तो सिंधिया स्कूल में छात्रों के बीच अपने पारवारिक बैकग्राउंड का असर कुछ ज्यादा ही रहता है। यही वजह है कि कई स्तर पर यहां अनुशासन टूटता है। छात्र दोस्ती भी इस स्टेट्स को देखकर करते थे। जिला प्रशासन की टीम जब इस मामले में स्कूल के छात्रों से पूछताछ कर रही थी, तब मालूम चला कि जो छात्र आदर्श के साथ एक ही क्लास में पढ़ते थे, वे भी आदर्श से मूड होने पर ही बात करते थे।

छवि बचाने सामने आएंगे स्कूल प्राचार्य-

सिंधिया स्कूल के प्राचार्य शमिक घोष ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि मंगलवार को सुबह 10 बजे प्रेस के सामने अपनी बात रखेंगे। इसमें स्कूल प्रबंधन घटना के संबंध में अब तक किए गए प्रयास और आने वाले दिनों में रैगिंग को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों की जानकारी देगा। सिंधिया स्कूल की छवि को बचाने के लिए प्रबंधन अब जाकर सामने आया है।

ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के सचिव मिलने के लिए दिल्ली रवाना :

सिंधिया स्कूल के ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण भार्गव ने बताया कि छात्र आदर्श सिंह की सलामती के लिए वे लोग दुआ कर रहे हैं। सचिव हरीश भोजवानी को छात्र की स्थिति जानने दिल्ली भेजा है।

हमने 9 बिंदुओं पर सिंधिया स्कूल के प्राचार्य से जवाब मांगा है। हमें जवाब का इंतजार है। जवाब मिलने के बाद हम अपनी लीगल कार्रवाई जरूर करेंगे।

-पी.नरहरि, कलेक्टर, ग्वालियर

Case registers against dhankad cleanchit to cisf

सीआईएसएफ की सिपाही रितु गोलीकांड मामले में महिला अपराध शाखा की एडीजी अरुणा मोहन राव की फटकार के बाद गांधी नगर पुलिस ने मंगलवार को सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट विजय कुमार धनकड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

यह कार्रवाई घटना के करीब 22 दिन बाद की गई। उधर, सीआईएसएफ ने धनकड़ का तबादला तो कर दिया गया, लेकिन उन्हें कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में क्लीन चिट दे दी गई।

राजाभोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गत पांच अगस्त को 25 वर्षीय रितु कुमारी ने खुद को गोली मार ली थी। उसकी एक किडनी पूरी तरह खराब हो गई और लीवर का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। रितु का दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है।

जहां उसने होश में आने पर आरोप लगाए कि उसे डिप्टी कमांडेंट विजय कुमार धनकड़ परेशान करते थे। उनकी नीयत में खोट थी। वह उसकी छेड़छाड़ से तंग आ चुकी थी। गांधी नगर पुलिस घटना के बाद से लेकर अभी तक लोगों के बयान लेने तक सीमित रही।

एम्स में हुआ अल्ट्रा साउंड

एम्स में भर्ती रितु की मंगलवार को डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड जांच की। रितु के भाई प्रह्लाद ने बताया कि बुधवार को रितु का ऑपरेशन हो सकता है। उसके पेट में लगातार पस बन रहा है, जिसे बाहर निकालने के बाद पेट में नली डाली जाएगी।

Scindia school ragging case fir against 3 students two school staff

प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल फोर्ट के कक्षा 9वीं के छात्र और बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के बेटे आदर्श के रैगिंग मामले में आरोपी तीन सीनियर छात्रों और दो अध्यापकों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। बाद में सभी को जमानत मिल गई।

इन सबको स्कूल से निष्कासित भी कर दिया गया है। आरोपी छात्रों में से एक न्यायाधीश का बेटा, दूसरा सासंद का नाती और तीसरा एक बड़े कारोबारी का पुत्र है। सोमवार रात ही पांचों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। दोनों अध्यापकों से पुलिस ने आठ घंटे तक लंबी पूछताछ की। उन्होंने स्वीकार किया कि आदर्श ने उनसे सीनियर छात्रों के बारे में शिकायत की थी।

दूसरी ओर सिंधिया स्कूल के प्राचार्य शमिक घोष ने मामले में स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप से पूरी तरह इन्कार किया है। प्रेसवार्ता को बीच में ही छोड़कर जाने पर प्राचार्य की कार का कम्युनिस्ट पार्टी और एसएफआइ के नेताओं ने घेराव किया और नारेबाजी की।

प्राचार्य के ड्राइवर ने कार भगाने की कोशिश की तो नेताओं ने बैनर, तख्ती और डंडे से कार पर प्रहार कर दिया। मालूम हो कि 13 वर्षीय आदर्श ने हॉस्टल के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की थी। उसका इस समय दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उपचार चल रहा है जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।

At mid day meal rotten potato vegetable caterpillar had become the chili powder

बीना के पास आगासोद गांव के प्रायमरी स्कूल में बच्चों के लिए बनाए जा रहे मध्यान्ह भोजन में सड़े आलू की सब्जी जिसमें इल्ली वाले मिर्च के पावडर का इस्तेमाल किया जा रहा था। स्कूल शिक्षा विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई कर भोजन के बच्चों को परोसे जाने से पहले ही पकड़ लिया।

आगासोद गांव में प्रायमरी स्कूल है जिसमें करीब ढाई सौ बच्चे पढ़ते हैं। इस गांव में मध्यान्ह भोजन गायत्री स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किया जाता है। आज यहां आलू की सब्जी व खीर बच्चों को खिलाने के लिए बनाई जा रही थी। जब भोजन की खाद्य सामग्री ग्रामीणों ने देखी तो उन्होंने सरकारी अमले को सूचना दे दी।

किचन में रखी थी सामग्री

बीआरसी आरएस राजपूत अपनी टीम के साथ आगासोद गांव पहुंचे तो उस समय तक भोजन बच्चों को परोसा नहीं गया था और खाद्य सामग्री किचन में रखी थी। टीम ने निरीक्षण किया तो आलू सड़े मिले। आलू की सब्जी में मिर्च का जो पावडर डाला गया था उसके बचे हुए हिस्से में इल्लियां चल रही थीं। भोजन में दी जाने वाली खीर दूध के बजाय पावडर से बनाई जा रही थी।

शिक्षा विभाग की टीम ने भोजन और उसकी सामग्री का पंचनामा बनाया। साथ ही एसडीएम को सौंपने के लिए रिपोर्ट भी तैयार की। मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी संभालने वाले गायत्री स्व सहायता समूह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की।

Security arrangements were not according to number of devotees in chitrakoot

प्रदेश में मेलों और धार्मिक स्थलों में जिला प्रशासन सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है। यही वजह है कि नौ सालों में चार बड़े हादसों में 250 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। ऐसा ही एक हादसा सोमवार सुबह चित्रकूट के कामदगिरी परिक्रमा के दौरान अफवाह के बाद मची भगदड़ से हुआ है। इनमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

इस बार भी जिम्मेदार अफसर हादसे की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने में जुट गए हैं। सरकार भी मामले को दबाने के लिए प्रशासनिक या न्यायिक जांच आयोग बैठाने की तैयारी में है। हर हादसे के बाद राज्य सरकार सभी कलेक्टरों को सुरक्षा व्यवस्था की गाइड लाइन जारी करती है, लेकिन इसका पालन नहीं होता। 13 अक्टूबर 2013 में दतिया जिले में रतनगढ़ हादसे के बाद गृह विभाग ने हमेशा की तरह फिर 29 अक्टूबर को सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश जारी किए थे। चार पेज के 19 बिंदु वाले पत्र में सुरक्षा व्यवस्था के पहलुओं को स्पष्ट किया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री की घोषणाएं ठंडे बस्ते में

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने चित्रकूट में धार्मिक आयोजनों को देखते हुए एसडीएम हेडक्वार्टर बनाने की घोषणा की थी, लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी। चित्रकूट आज भी एक एसडीओपी के भरोसे है। पूर्व संस्कृति और धर्मस्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कामदगिरी परिक्रमा को मेले का दर्जा दिलाए जाने की घोषणा की थी, जो पूरी नहीं हो पाई। इसके चलते सरकार से पर्याप्त बजट नहीं मिलने से बेहतर व्यववस्थाएं नहीं हो पातीं।

हादसों पर एक नजर

देवास का धाराजी हादसा

7 अप्रैल 05 में जिला प्रशासन के अफसरों की लापरवाही के चलते धाराजी में अचानक पानी छोड़े जाने से भूतड़ी अमावस्या मेले में आए 70 श्रद्धालु बह गए। सरकार ने जलसंसधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव अरविंद जोशी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच दल बनाया। जोशी ने 30 मई को रिपोर्ट सरकार को सौंपते हुए पूरी तरह जिला प्रशासन को दोषी ठहराया। सरकार में बैठे आला अफसरों ने तत्कालीन कलेक्टर आशीष श्रीवास्तव और तत्कालीन एसपी आरके चौधरी को क्लीनचिट दे दी। वहीं एडीएम एमएस मरकाम, एसडीएम जगदीश गोमे, तहसीलदार वीएस रोमरे को दोषी ठहराकर मुकदमा चला दिया।

दतिया का रतनगढ़ हादसा 2006

एक अक्टूबर को मणीखेड़ा डैम से 5 से 6 फीट पानी बगैर पूर्व सूचना के छोड़ने से रतनगढ़ माता के दर्शन के लिए आए 57 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। राज्य सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस एसके पांडेय की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित किया। जस्टिस पांडेय ने तत्कालीन कलेक्टर गीता को लापरवाही का दोषी ठहराया, वहीं तत्कालीन एसपी प्रमोद वर्मा को क्लीनचिट दी। सरकार ने कलेक्टर को बचाने गृह मंत्री बाबूलाल गौर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर तत्कालीन कलेक्टर गीता को क्लीनचिट दे दी। वहीं इस मामले में जलसंसाधन विभाग के कुछ इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई।

दतिया का रतनगढ़ हादसा 2013

दूसरी बार 13 अक्टूबर को रतनगढ़ में दूसरी बार हुए हादसे में 115 श्रद्धालुओं की मौत होने पर राज्य सरकार ने जस्टिस राकेश सक्सेना की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित किया। जस्टिस सक्सेना ने तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे और तत्कालीन एसपी चंद्रशेखर सोलंकी सहित एसडीएम और एसडीओपी को क्लीनचिट दे दी। इस मामले में भी एसएएफ के दो जवानों को दोषी ठहराया गया।

Stepmother and father beating the child thrown into bushes

'पापा और मम्मी रोज मुझे मारते हैं। झाड़ू-पोंछा लगवाते हैं। खाने को भी कुछ नहीं देते। आज मैंने मना किया तो उन्होंने मुझे खूब मारा।' जहांगीराबाद इलाके में झाड़ियों में मिली 5 साल की मासूम की कहानी सुनकर वहां मौजूद महिलाओं की आंखें भर आईं। मासूम की एक आंख सूजी हुई थीं और पीठ पर चोट के गहरे निशान थे। महिलाओं ने बच्ची को वहां से पुलिस को सौंप दिया। जुल्म करने वाला और कोई नहीं बल्कि उसकी सौतेली मां और पिता है।

जहांगीराबाद पुलिस के मुताबिक नेपाली मुहल्ला भीम नगर निवासी रामशय पटेल मजदूरी करता है। उसकी पहली पत्नी ममता से उसे 5 साल पहले बेटी प्रियंका हुई थी। ममता की मौत के बाद रामशय अपनी बहन की ननद उर्मिला पटेल को अपने पास ले आया। सौतेली मां होने के कारण उर्मिला के कहने पर रामशय ने मासूम पर जुल्म की इंतहा कर दी। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि वह दोनों बच्ची से रोज ही मारपीट करते थे, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल पाया।

सोमवार सुबह करीब 8 बजे उन्होंने बच्ची को पीटने के बाद पास की झाड़ियों में फेंक दिया था। वहां से गुजर रही कुछ महिलाओं ने जब बच्ची के सिसकने की आवाज सुनी तो उन्होंने झाड़ियों जाकर देखा। वहां उन्हें बच्ची रोते हुए मिली। चाइल्ड लाइन की टीम भी सूचना मिलते ही जहांगीराबाद पुलिस थाने पहुंच गई। पुलिस ने आरोपी रामशय और उर्मिला को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों पर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किए हैं। बच्ची को चाइल्ड लाइन ने अपने पास रखा है।

ABVP student leaders beaten by police

अभाविप और भाजयुमो से जुड़े छात्र नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई में सोमवार को फिर फसाद हुआ। अभाविप के छात्र नेता गवर्मेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज बंद करवाने पहुंचे। हॉकी, डंडे से लैस दोनों पक्ष एक-दूसरे पर घात लगाए बैठे थे। भंवरकुआं थाने के सामने छात्र नेता जुटने लगे। हंगामे की आशंका में पुलिस ने छात्र नेताओं पर लाठियां भांजी। भंवरकुआं चौराहे से यूनिवर्सिटी तक अभाविप के छात्र नेताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया।

दो दिन पहले अभाविप और भाजयुमो से जुड़े छात्र नेताओं के बीच जीएसीसी में वर्चस्व की बात पर झगड़ा और मारपीट हुई थी। अभाविप ने सोमवार को जीएसीसी को बंद करवाने की घोषणा की थी। इसके लिए सुबह 10 बजे से अभाविप के कार्यकर्ता होलकर कॉलेज में जमा होने लगे। इस बीच भाजयुमो से जुड़े दूसरे गुट को सबक सिखाने की तैयारी भी होने लगी। कॉलेज बंद करवाने से पहले ही छात्र नेताओं ने एक-दूसरे से उलझने की पूरी तैयारी कर ली थी। होलकर कॉलेज में अभाविप के छात्र नेताओं के पास कार्यकर्ता सूचना भेजते रहे कि दूसरा गुट हॉस्टल के छात्रों के साथ हमले की तैयारी कर रहा है।

इस बीच अभाविप के कार्यकर्ताओं ने घोषणा कर दी कि दूसरे गुट के फिरोज को अपने कार्यकर्ताओं ने आईटी पार्क चौराहे के पास पकड़ लिया है। करीब 11 बजे अभाविप कार्यकर्ता बीआरटीएस लांघते हुए जीएसीसी में पहुंच गए। कार्यकर्ता घंटेभर तक कॉलेज परिसर में नारेबाजी करते रहे। कॉलेज बंद करवाने की मांग पर कार्यकर्ताओं की प्राचार्य प्रो.एसएल गर्ग से बहस हुई। कार्यकर्ताओं को कक्षाओं में घुसने नहीं दिया गया। इस बीच पुलिस ने ही छात्रों को कॉलेज से भगा दिया। अभाविप कार्यकर्ताओं ने कॉलेज बंद होने के बाद प्राचार्य को ज्ञापन दिया और फिर भंवरकुआं थाने की ओर रवाना हो गए।

कार चढ़ा भागा

कॉलेज से निकले करीब 25 अभाविप कार्यकर्ताओं ने एबी रोड से भंवरकुआं थाने की ओर दौड़ लगा दी। इस बीच अभाविप के मुन्ना हार्डिया समेत कुछ और कार्यकर्ता थाने पहुंच गए। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे गुट के फिरोज खान, अंकुर चौहान आदि ने आईटी पार्क चौराहे पर उन्हें पीटा और कार चढ़ाने की कोशिश की। थाने के सामने डंडे, स्टंप से लैस कार्यकर्ताओं की भीड़ को पुलिस ने लाठियां भांज कर खदेड़ने की कोशिश की। इस बीच जीएसीसी की ओर से एक और झुंड दौड़ता हुआ थाने की ओर आया। पुलिस फोर्स ने भी कार्यकर्ताओं की ओर दौड़ लगा दी। इसके बाद यूनिवर्सिटी तक कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कुछ देर तक चौराहे पर अफरा-तफरी मच गई।

आठ से ज्यादा हिरासत में

पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल अभाविप के कार्यकर्ताओं को यूनिवर्सिटी कैंपस तक पीछाकर पकड़ा। अभाविप के संगठन मंत्री राहुल पांचाल, प्रबल भार्गव, आशीष हार्डिया समेत करीब आठ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। आधे कार्यकर्ता भाग गए।

पिटने के बाद जूस मिला

अभाविप पदाधिकारियों की पिटाई की खबर सुनकर अभाविप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सचिन शर्मा, मनस्वी पाटीदार, एल्डरमैन बलराम वर्मा भंवरकुआं थाने पहुंचे और सीएसपी आदित्यप्रताप सिंह, टीआई प्रदीपसिंह राणावत के सामने कार्यकर्ताओं की पिटाई का विरोध जताया। पुलिस से कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को छोड़ने की मांग की गई। संगठन मंत्री को पीटे जाने पर नेताओं ने विरोध जताया।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि छात्र नेता हथियार और डंडे लेकर माहौल बिगाड़ रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने बाद में पीटे गए पदाधिकारियों को जूस पिलाया। दोपहर ढाई बजे कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया। इसके बाद अभाविप के नेता दूसरे पक्ष के खिलाफ एफआईआर करवाने की मांग करने लगे। बाद में घायल मुन्ना हार्डिया और कुछ कार्यकर्ताओं को मेडिकल के लिए एमवाय अस्पताल पहुंचाया। -नप्र

Chhattisgarh needs 15 thousand doctors

छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही है, उसी अनुपात में लोगों के इलाज की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी पूरे प्रदेश में आमतौर पर सरकारी और निजी क्षेत्र को मिलाकर भी इलाज के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के अनुसार वर्ष 2020 तक प्रत्येक 1000 की आबादी पर एक चिकित्सक उपलब्ध कराए जाने के लक्ष्य को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है। इस मान से छत्तीसगढ़ राज्य की आबादी के अनुसार वर्ष 2020 तक लगभग 25 हजार चिकित्सक राज्य में होने चाहिए।

राज्य में वर्तमान में शासकीय तथा निजी क्षेत्र में कुल मिलाकर लगभग साढ़े दस हजार चिकित्सक ही कार्यरत हैं। अगले साढ़े पांच साल में करीब 15 हजार डॉक्टरों की और जरूरत होगी। एक सरकारी अनुमान के हिसाब से 2015 तक चार हजार डॉक्टर और तैयार हो जाएंगे। लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर ऊंचा उठाने की चुनौती कायम रहेगी।

छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए चुनौती बनी हुई है। हाल ही में सरकारी अस्पतालों में एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए 874 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन बुलाए गए थे। लेकिन मात्र 494 पदों के लिए आवेदन आए। आवेदन करने वालों के दस्तावेजों की जांच के बाद मात्र 190 आवेदक ही पात्र पाए गए। यह पहला अवसर नहीं है। इससे पहले भी डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया का यही हाल रहा। नतीजतन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर के पद खाली हैं।

जानकारों के मुताबिक राज्य के बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ और सुविधाविहीन और पिछड़े इलाकों में डॉक्टर काम करने नहीं जाना चाहते हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अस्पतालों की अधोसंरचना बदहाल है और इलाज के लिए उपकरणों और दवाओं की कमी है। डॉक्टरों की कमी के कारण इन इलाकों में रहने वालों को इलाज की न्यूनतम सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।

मेडिकल कॉलेज मात्र छह

छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की संख्या में कमी के पीछे बड़ी वजह यह है कि यहां ऐलोपेथी मेडिकल कॉलेजों की संख्या मात्र छह है। आयुर्वेद, यूनानी, नेचरोपेथी, और होम्योपेथी के कॉलेज भी कम हैं। मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों में करीब 50 फीसदी संख्या ऐसे विद्यार्थियों की है, जो दूसरे प्रदेशों से आते हैं, शिक्षा हासिल करने के बाद वे अपने मूल प्रदेश में चले जाते हैं।

जारी हैं सरकारी कोशिशें

इधर, राज्य सरकार ने चिकित्सा सुविधा के विस्तार के प्रयास में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन उससे उम्मीद के मुताबिक सफलता अभी नहीं मिली है। राज्य सरकार ने प्रदेश में ऐलोपेथिक चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने एक नीति बनाई है। निजी क्षेत्र की संस्थाओं को रियायती दर पर जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। इस तरह खुलने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वहां राज्य सरकार का आरक्षण नियम लागू हो और प्रदेश के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाए। इसी तरह निजी क्षेत्र के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और नर्सिंग होम खोलने के प्रावधान भी किए गए हैं।

फैक्ट फाइल

    प्रदेश में मान्यता प्राप्त डॉक्टरों की संख्या-10453 (एलोपेथिक,डेंटल, आयुर्वेद, यूनानी, नेचरोपेथी, होम्योपेथी)

    मेडिकल कॉलेज, डेंटल की संख्या-10

    नर्सिंग कॉलेज की संख्या -60

    एम्स-1

    जिला अस्पताल-27

    सिविल अस्पताल-15

    सिविल डिस्पेंसरी (शहरी) 29

    समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 156

    प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- 783

    उप स्वास्थ्य केंद्र- 5161

    लेप्रोसी होम और अस्पताल-3

    शहरी परिवार कल्याण केंद्र-10

    पाली क्लिनिक-1

    प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर-362

    सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ-58

    सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या-12012

और अधिक प्रयास करने की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला का कहना है कि प्रदेश में पिछले 14 साल में स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार हुआ है, लेकिन अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की कमी है, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी सही है कि केवल डॉक्टर होने से स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल जाती।

अस्पतालों में पैरा मेडिकल स्टॉफ, नर्स, रेडियोग्राफर सहित अन्य स्टॉफ की जरूरत होती है। जब राज्य बना था, यहां केवल एक मेडिकल कॉलेज था, अब पांच सरकारी और एक निजी मेडिकल कॉलेज है। पहले केवल सौ सीटें थीं जो कई गुना बढ़ी हैं। देश के दूसरे प्रदेशों में भी दूरस्थ इलाकों में इलाज की सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। हमारे यहां भी यही स्थिति है।

चिकित्सा शिक्षा के उदारीकरण में देरी

रायपुर के एक निजी चिकित्सक डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र खासकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के मामले में सरकार ने 25 साल पहले उदारीकरण की जरूरत को समझा, लेकिन चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में इस उदारीकरण को समझने की प्रक्रिया अब भी जारी है। सरकार अभी भी इस दिशा में सोच रही है।

अगर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उदारीकरण को पहले ही समझ लिया जाता तो स्थिति कुछ और होती। हमें केवल डॉक्टरों की ही नहीं, बल्कि पैरा मेडिकल स्टॉफ की भी बहुत जरूरत है। जिस अनुपात में डॉक्टर चाहिए, उससे आठ गुना पैरा मेडिकल स्टॉफ की जरूरत है। डॉ. गुप्ता का यह भी कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकारी क्षेत्र में अधिक होना चाहिए। निजी क्षेत्र में विस्तार होने से चिकित्सा का व्यवसायीकरण बढ़ेगा और सामाजिक दायित्व में कमी आएगी। इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं।

Selfcertified in order to validate certificate

हाईकोर्ट ने प्रदेशभर की सभी भर्तियों और प्रवेश में आवेदकों के स्व प्रमाणित प्रमाण पत्र को स्वीकार करने का आदेश दिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव व सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ को 30 दिनों के अंदर आदेश जारी करने के निर्देश दिया गया है।

संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग रायपुर ने स्टॉफ नर्स के रिक्त पदों को भरने विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें परमेश्वरी चतुर्वेदी ने आवेदन दिया। परीक्षा में सफल होने के उपरांत उसे प्रमाण पत्रों की जांच के लिए बुलाया गया।

अंकसूची, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्र को उसने खुद से प्रमाणित किया था। राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं किए जाने से उसे अयोग्य कर दिया गया। इसके खिलाफ उसने अधिवक्ता पुष्पेंद्र पटेल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

इसमें बताया गया कि केंद्रीय समान्य प्रशासन विभाग ने 9 अगस्त 2014 को इस संबंध में आदेश जारी किया है कि सभी भर्तियों में मार्कशीट, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज के स्व प्रमाणित छायाप्रति को स्वीकार किया जाना है।

पूर्व की स्थिति में शपथ पत्र व राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित छायाप्रति को स्वीकार किया जा रहा था। इसके अलावा साक्षात्कार व काउंसिलिंग के दौरान मूल दस्तावेज को दिखाया जाना अनिवार्य है। उसने कोर्ट में यह बात भी रखी कि शपथ पत्र बनवाने में नागरिकों पर आर्थिक भार पड़ता है।

इसके अलावा राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित कराए जाने पर अधिकारी व आवेदक का समय खराब होता है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य सचिव व सामान्य प्रशासन विभाग को प्रदेश में हो रही और भविष्य में होने वाली सभी भर्तियों में स्व प्रमाणित प्रमाण पत्र को मान्य करने 30 दिन के अंदर आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।

Crisis on 23 coal block in madhya pradesh

सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से 2010 के बीच हुए कोल ब्लॉक आवंटनों को अवैध करार दिया है। इससे प्रदेश में भी हड़कंप मच गया है। मध्यप्र्रदेश में इस अवधि में 23 कोल ब्लॉक आवंटित हुए थे। इन्हें बिजली, सीमेंट और लोहा बनाने के लिए उद्देश्य से ब्लॉक आवंटन हुआ था। ज्यादातर कंपनियां प्लांट लगा चुकी हैं। इनमें से कुछ में काम भी शुरू हो गया है। ऐसे में इस फैसले के बाद प्रदेश में कई औद्योगिक इकाइयों के संचालन पर संकट पैदा हो गया है।

ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में 1996 में सबसे पहला कोल ब्लॉक आवंटन पॉवर सेक्टर से जुड़ी कंपनी को नरसिंहपुर में किया गया था। इसके बाद 2006 में पॉवर सेक्टर से जुड़ी आधा दर्जन कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित किए गए। ज्यादातर कंपनियों को सीमेंट और आयरन बनाने के लिए कोल ब्लॉक दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यदि कोल ब्लॉक आवंटन रद्द हो जाता है तो ये इकाइयां बंद होने की पर पहुंच जाएंगी।

इन्हें हुआ आवंटन

कंपनी स्थान आवंटन दिनांक उद्देश्य

बीएलए इंडस्ट्री नरसिंहपुर 21-6-1996 पॉवर

म.प्र स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन सिंगरौली 12-1-2006 कमर्शियल

एस्सार पॉवर सिंगरौली 12-04-2006 पॉवर

हिडाल्को इडस्ट्री सिंगरौली 12-04-2006 पॉवर

म.प्र स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन सिंगरौली 2-8-2006 पॉवर

एनसीटी दिल्ली सिंगरौली 2-8-2006 पॉवर

हरियाणा पॉवर जनरेशन कार्पोरेशन सिंगरौली 2-8-2006 पॉवर

पॉवर फाइनेंस कार्पोरेशन सिंगरौली 26-10-2006 पॉवर

एसकेएस इस्पात पेंच कान्हा 29-5-2007 आयरन

आंध्रप्रदेश मिनरल डेवलपेंट सिंगरौली 25-7-2008 कमर्शियल

म.प्र स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन सोहागपुर 25-7-2008 कमर्शियल

नेशनल मिनरल कार्पोरेशन सोहागपुर 25-7-2007 कमर्शियल

नेशनल मिनरल कार्पोरेशन सोहागपुर 25-7-2007 कमर्शियल

म.प्र स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन सोहागपुर 25-7-2007 कमर्शियल

म.प्र स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन मंडला 25-7-2007 कमर्शियल

पुष्पा स्टील एंड माइनिंग लि. पेंच कान्हा 16-7-2007 आयरन

जेपी एसोसिएट्स मंडला 17-9-2007 सीमेंट

मिड ईस्ट इंट्रीग्रेटेड स्टील लि. पेंच कान्हा 5-8-2008 आयरन

बिरला कार्पोरेशन लि. सोहागपुर 12-8-2008 आयरन

कमल स्पांज स्टील पॉवर लि. पेंच कान्हा 21-11-2008 आयरन

रेवती सीमेंट प्रा.लि. पेंच कान्हा 21-11-2008 आयरन

जिंदल स्टील प्रा.लि. सोहागपुर 12-10-2009 आयरन

मोमेंट इस्पात एंड एनर्जी लि. सोहागपुर 12-10-2009 आयरन

Gotmar fair to remove the flag from a pelt stones both jammed river

पांढुर्ना (छिंदवाड़ा)। जाम नदी के किनारे मंगलवार को गोटमार शुरू हो गया। नदी के बीचों बीच गाड़े गए पलक के पेड़ को लेकर दोनों किनारे पर सांवर गांव व पांढुर्ना के सैकड़ों लोग जमा होकर एकदूसरे पर पत्थरबाजी कर रहे हैं। इसमें दोपहर तक करीब 200 लोगों के घायल होने की जानकारी है।

पांढुर्ना के पास जाम नदी में हर साल गोटमार मेला आयोजित होता है। भादों के महीने में बैलों की पूजा की जाती है और उसके अगले दिन गोटमार मेले होता है। इसके लिए प्रशासन भी तैयारियां करता है। जाम नदी के एक किनारे पर सांवर गांव के लोग होते हैं तो दूसरे किनारे पर पांढुर्ना के लोग जमा होते हैं। सांवर गांव के लोग पलक नामक का एक पेड़ लाकर जाम नदी में गाड़ते हैं जिसे पांढुर्ना के लोग ले जाकर चंडी माता के मंदिर में रखते हैं।

इस पेड़ को लेकर सांवर और पांढुर्ना के लोगों के बीच संघर्ष होता है क्योंकि सांवर गांव के लोग पेड़ को नदी में ही रखना चाहते हैं। पांढुर्ना के लोग जब पेड़ को ले जाने के लिए नदी में उतरते हैं तो सांवर गांव के लोग पत्थरबाजी शुरू कर देते हैं। इसके जवाब में पांढुर्ना के लोग भी पत्थरबाजी करते हैं। शाम तक यह क्रम चलता है और फिर पांढुर्ना के लोग उसे ले जाते हैं।

प्रशासन की व्यवस्थाएं

इस मेले को लेकर प्रशासन और पुलिस डॉक्टरों की टीम के साथ वहां मौजूद रहता है। तीन-तीन डॉक्टरों की टीम सांवर-पांढुर्ना के दोनों किनारों की तरफ रहती है। यह गोटमार में घायल हुए ग्रामीणों का इलाज करती है। दोपहर इन टीमों के पास करीब दो लोग घायल हालत में पहुंचे जिनका उपचार किया गया।

Hardaindore bus turnaround many people injured

हरदा-इंदौर यात्री बस हंडिया के पास पलट गई। इसमें सवार करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जाती है।

जानकारी के मुताबिक लक्ष्‌मी ट्रेवल्स की हरदा-इंदौर यात्री बस हंडिया के पास से जा रही थी। अचानक ड्रायवर का गाड़ी से संतुलन बिगड़ गया और बस पलट गई। इसके चारों पहिये ऊपर हो गए। एक्सीडेंट के बाद बस के दोनों गेट खुल गए और चीखें गूंजने लगीं।

बस में दुर्घटना के समय करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग सवार थे। ड्रायवर-कंडक्टर सहित सभी को चोटें आई हैं। उन्हें हंडिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है। हरदा जिला अस्पताल से डॉक्टरों की टीम को एंबुलैंस के साथ हंडिया के लिए रवाना कर दिया गया है। गंभीर मरीजों को यह टीम प्राथमिक उपचार के बाद सीधे इंदौर के लिए रेफर कर रवाना करेगी।

Bihar ministers son was getting with ragging

प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल में कक्षा 9वीं के छात्र और बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के बेटे आदर्श सिंह के साथ सीनियर्स कई दिनों तक रैगिंग करते रहे। रैगिंग की वजह से ही 13 वर्षीय आदर्श ने खुदकुशी की कोशिश की। उसने रैगिंग की शिकायत स्कूल प्रबंधन से भी की थी, बावजूद इसके आरोपी छात्रों और स्कूल स्टॉफ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसका खुलासा प्रशासनिक जांच में हुआ है। तीन सौ पेज की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को छुपाने की पूरी कोशिश की। एसएसपी संतोष सिंह को रिपोर्ट भेजकर आरोपी छात्रों और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा गया है।

सोमवार को पत्रकार वार्ता में कलेक्टर पी. नरहरि ने बताया कि सिंधिया स्कूल के जिस महादजी हाउस हॉस्टल में आदर्श रह रहा था, वहां के हाउस मास्टर और क्लॉस टीचर को उसने सबसे पहले रैगिंग की जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने आदर्श की शिकायत को अनसुना कर दिया। उसके बाद उसने स्कूल प्रबंधन से भी शिकायत की पर कोई फायदा नहीं हुई। इससे सीनियर्स को बढ़ावा मिला और उन्होंने आदर्श को पहले से भी अधिक तंग करना शुरू कर दिया। नतीजतन आदर्श ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की।

फेसबुक को लेकर हुआ विवाद

कलेक्टर ने बताया कि सिंधिया स्कूल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। आदर्श के पास मोबाइल फोन था जिससे वह अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड कर रहा था। इसकी भनक जैसे ही कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले कुछ छात्रों को लगी, वे भी अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड करने के लिए आदर्श से फोन देने की मांग करने लगे। इन्कार करने पर सीनियर्स ने आदर्श को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

इन नौ बिंदुओं पर मांगा जवाब

1. रैगिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन का पालन सिंधिया स्कूल में क्यों नहीं हो रहा था?

2. सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी ने 14 जुलाई, 2009 को ही सभी सीबीएसई स्कूलों को सर्कुलर जारी कर रैगिंग रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे। आखिर उन निर्देशों का पालन यहां क्यों नहीं हुआ?

3. पहले भी सिंधिया स्कूल में रैगिंग की घटनाएं हो चुकी थी तो अब तक स्कूल में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन क्यों नहीं किया गया?

4. रैगिंग रोकने के लिए जिस अनुशासन समिति के मौजूद होने की बात स्कूल प्रबंधन ने कही, क्या वह समिति नियमित तौर पर रैगिंग के संबंध में मीटिंग करने या निर्देश जारी करने का कोई काम करती थी।

5. पीड़ित छात्र ने जब पहले ही रैगिंग की सूचना दे दी थी तो तत्काल कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?

6. घटना के दिन ही पुलिस और प्रशासन को इस संबंध में कोई सूचना क्यों नहीं दी गई?

7. घटना के एक दिन बाद बहोड़ापुर थाने में अंग्रेजी भाषा में पत्र भेजकर सिर्फ सूचना देना, स्कूल प्रबंधन का औपचारिकपूर्ण रवैया अपनाना दर्शाता है।

8. क्या स्कूल में रैगिंग रोकने संबंधी कोई डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है?

9. घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ स्कूल प्रबंधन ने अभी तक क्या कोई एक्शन लिया है? स्कूल में भविष्य में रैगिंग जैसी शर्मनाक घटनाओं को रोकने के लिए क्या कोई प्रभावी कदम उठाए गए हैं?

सिंधिया स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर मंगलवार तक जवाब पेश करने को कहा है। जवाब आने के बाद प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।

Security arrangements were not according to number of devotees in chitrakoot

प्रदेश में मेलों और धार्मिक स्थलों में जिला प्रशासन सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है। यही वजह है कि नौ सालों में चार बड़े हादसों में 250 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। ऐसा ही एक हादसा सोमवार सुबह चित्रकूट के कामदगिरी परिक्रमा के दौरान अफवाह के बाद मची भगदड़ से हुआ है। इनमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

इस बार भी जिम्मेदार अफसर हादसे की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने में जुट गए हैं। सरकार भी मामले को दबाने के लिए प्रशासनिक या न्यायिक जांच आयोग बैठाने की तैयारी में है। हर हादसे के बाद राज्य सरकार सभी कलेक्टरों को सुरक्षा व्यवस्था की गाइड लाइन जारी करती है, लेकिन इसका पालन नहीं होता। 13 अक्टूबर 2013 में दतिया जिले में रतनगढ़ हादसे के बाद गृह विभाग ने हमेशा की तरह फिर 29 अक्टूबर को सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश जारी किए थे। चार पेज के 19 बिंदु वाले पत्र में सुरक्षा व्यवस्था के पहलुओं को स्पष्ट किया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री की घोषणाएं ठंडे बस्ते में

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने चित्रकूट में धार्मिक आयोजनों को देखते हुए एसडीएम हेडक्वार्टर बनाने की घोषणा की थी, लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी। चित्रकूट आज भी एक एसडीओपी के भरोसे है। पूर्व संस्कृति और धर्मस्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कामदगिरी परिक्रमा को मेले का दर्जा दिलाए जाने की घोषणा की थी, जो पूरी नहीं हो पाई। इसके चलते सरकार से पर्याप्त बजट नहीं मिलने से बेहतर व्यववस्थाएं नहीं हो पातीं।

हादसों पर एक नजर

देवास का धाराजी हादसा

7 अप्रैल 05 में जिला प्रशासन के अफसरों की लापरवाही के चलते धाराजी में अचानक पानी छोड़े जाने से भूतड़ी अमावस्या मेले में आए 70 श्रद्धालु बह गए। सरकार ने जलसंसधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव अरविंद जोशी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच दल बनाया। जोशी ने 30 मई को रिपोर्ट सरकार को सौंपते हुए पूरी तरह जिला प्रशासन को दोषी ठहराया। सरकार में बैठे आला अफसरों ने तत्कालीन कलेक्टर आशीष श्रीवास्तव और तत्कालीन एसपी आरके चौधरी को क्लीनचिट दे दी। वहीं एडीएम एमएस मरकाम, एसडीएम जगदीश गोमे, तहसीलदार वीएस रोमरे को दोषी ठहराकर मुकदमा चला दिया।

दतिया का रतनगढ़ हादसा 2006

एक अक्टूबर को मणीखेड़ा डैम से 5 से 6 फीट पानी बगैर पूर्व सूचना के छोड़ने से रतनगढ़ माता के दर्शन के लिए आए 57 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। राज्य सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस एसके पांडेय की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित किया। जस्टिस पांडेय ने तत्कालीन कलेक्टर गीता को लापरवाही का दोषी ठहराया, वहीं तत्कालीन एसपी प्रमोद वर्मा को क्लीनचिट दी। सरकार ने कलेक्टर को बचाने गृह मंत्री बाबूलाल गौर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर तत्कालीन कलेक्टर गीता को क्लीनचिट दे दी। वहीं इस मामले में जलसंसाधन विभाग के कुछ इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई।

दतिया का रतनगढ़ हादसा 2013

दूसरी बार 13 अक्टूबर को रतनगढ़ में दूसरी बार हुए हादसे में 115 श्रद्धालुओं की मौत होने पर राज्य सरकार ने जस्टिस राकेश सक्सेना की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित किया। जस्टिस सक्सेना ने तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे और तत्कालीन एसपी चंद्रशेखर सोलंकी सहित एसडीएम और एसडीओपी को क्लीनचिट दे दी। इस मामले में भी एसएएफ के दो जवानों को दोषी ठहराया गया।

Imtiaz ali will make a film on teejan bai

पंडवानी लोक गायिका पद्मभूषण से सम्मानित तीजन बाई पर जल्द ही फिल्म बनेगी। मशहूर निर्देशक इम्तियाज अली इस फिल्म का निर्देशन करेंगे। फिल्‍म का नाम तमाशा बताया जा रहा है। बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर भी इसका हिस्सा हो सकते हैं। सोमवार को अभिनेता रणबीर कपूर और निर्देशक इम्तियाज अली तीजन बाई से मिलने भिलाई, सेक्टर 1 स्थित उनके निवास पर गए। उनके साथ तीन लोगों की टीम भी थी।

ये सभी तीजन बाई के घर में काफी देर तक रुके और पंडवानी सहित छत्तीसगढ़ के लोक गीत-संगीत के बारे में काफी चर्चा की। बॉलीवुड सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्देशक इम्तियाज अली छत्तीसगढ़ की लोककला व संस्कृति को लेकर एक फिल्म बनाना चाह रहे हैं। लंबे रिसर्च के बाद इम्तियाज और उनकी टीम ने इस लोककला पर आधारित फिल्म के लिए तीजनबाई का नाम फाइनल किया। सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ में इम्तियाज को ड्रीम फिल्म बनाने के लिए तीजनबाई के अलावा दूसरा और कोई नाम पसंद नहीं आया।

मुझे जानकारी नहीं : सुंदरानी

छत्तीसगढ़ के फिल्म निर्माता मोहन सुंदरानी ने बताया कि इम्तियाज की ड्रीम फिल्म की मुझे कोई जानकारी नहीं है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इम्तियाज और उनकी टीम द्वारा छत्तीसगढ़ संस्कृति और लोककला के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी ली जा रही थी। इसके लिए वे लंबे समय से छत्तीसगढ़ के कई कलाकारों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर रहे थे। सोमवार को गुप्त रूप से निर्देशक और अभिनेता अपनी टीम के साथ छत्तीसगढ़ पहुंचे।

एयरपोर्ट से सीधे भिलाई रवाना

रणबीर कपूर, इम्तियाज अली के साथ अभिषेक सन्याल, तन्मई रस्तोगी और संदीप जाधव की टीम सुबह 8.40 बजे जेट की फ्लाइट से रायपुर पहुंची। यहां पहले से ही सभी प्रकार की तैयारी कर ली गई थी और टीम सीधे भिलाई रवाना हुई। भिलाई में सेक्टर 1 स्थित तीजनबाई के निवास में पूरी टीम की लंबी चर्चा हुई। इस दौरान निर्देशक ने पंडवानी के बारे में ढेर सारी बातें भी हुई।

भिलाई से तीजन बाई को साथ लेकर टीम दुर्ग जिले के बलोदी गांव पहुंची, जहां तीजन बाई के बेटे रहते हैं। यहां तंबूरा, बेंजो सहित विभिन्न प्रकार के लोक वाद्ययंत्रों का जायजा सभी ने लिया और इससे संबंधित आवश्यक जानकारी हासिल की। यहां एक छोटा-सा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जिसमें तीजनबाई ने रणबीर और इम्तियाज के समक्ष द्रौपदी चीरहरण का प्रसंग प्रस्तुत किया।

Debate in religion parliament sage had fought with sai devotee

साईं को भगवान मानने या नहीं मानने को लेकर बुलाई गई धर्म संसद में साईं समर्थक और साधुओं के बीच विवाद हो गया। साईं समर्थक मनुष्यमित्र ने कहा कि धर्म संसद हिंदुओं को बांटने का काम कर रही है। कोई भी साधु आज गौहत्या को रोकने के लिए अनशन करने को तैयार नहीं है। जब मनुष्यमित्र ने सनातन धर्म के साधुओं से गौहत्या बंद होने तक अन्न् त्यागने का प्रस्ताव रखा, तो एक साधु आए और शंकराचार्य के सामने अन्न् त्यागने को तैयार हो गए। इसके बाद साधुओं के समह ने मनुष्यमित्र को घेर लिया और विवाद बढ़ गया। बाद में साधु संतों के बीच से मनुष्यमित्र को निकाला गया और पुलिस अपने साथ ले गई।

धर्म संसद के दूसरे दिन दिल्ली से तीन साईं समर्थक अशोक कुमार, जितेंद्र कुमार और मनुष्यमित्र मंच पर पहुंचे। हालांकि सिरडी साईं ट्रस्ट की ओर से इनको अधिकृत नहीं किया गया था। तीनों ने कहा कि वे साईं को भगवान मानते हैं। वे सिद्ध पुस्र्ष और सिद्ध आत्मा थे, इसलिए उनकी पूजा करने का सभी को अधिकार है। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वे काशी विद्वत परिषद के निर्णय का पालन करेंगे, तो उन्होंने कहा कि जो सही होगा, उसे माना जाएगा। लेकिन धर्म संसद में आए साधु संतों ने साईं भक्तों के तर्क को मानने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि साईं ट्रस्ट से कोई भी अधिकृत व्यक्ति नहीं आया है, इसलिए वे साईं भक्तों के तर्क को नहीं मान सकते।

विवाद के बाद द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि साईं समर्थक की बात में कोई तर्क नहीं था। साईं भक्त साईं को इंसान कहकर बच नहीं सकते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि सबका मालिक एक गुस्र्नानक ने कहा था, जबकि साईं ने सबका अल्हा एक कहा था। साईं के पूरे देश में करोड़ों समर्थक हैं, तो मंच पर आकर शास्त्रार्थ करने को कोई क्यों नहीं तैयार है। जब साईं ईश्वर हैं, तो उनके अनुयाई चर्चा के लिए क्यों नहीं आए। साईं ट्रस्ट से कोई नहीं आया, इससे साफ है कि उनके पास कोई तर्क नहीं है।

सनातन धर्म को अपनी कमियों पर करना होगा विचार

पूर्व गृहमंत्री चिन्मयानंद स्वामी ने कहा कि साधु संतों में स्वाध्याय की कमी हो रही है। शास्त्र चिंतन शिथिल हो रहा है। इसके कारण ही धर्म संसद का आयोजन करना पड़ा है। सनातन धर्म को भी अपनी कमियों पर विचार करना होगा। आदिवासी और जंगलों में रहने वाले लोग सनातन धर्म से दूर हो गए। साधुओं की सभा में इस बात का चिंतन करना चाहिए कि सनातन धर्म के लोग मुसलमान, ईसाई और साईं की ओर क्यों झूक रहे हैं।

विदेशी ताकतों की साजिश के कारण इन धर्मों का प्रभाव बढ़ रहा है। बस्तर में नक्सलियों को हथियार पहुंचाने का काम भी इन लोगों ने ही किया। चिन्मयानंद स्वामी ने कहा कि गौतम बुद्ध, गुस्र् नानक, राम और कृष्ण को अवतार बताने की जरूरत नहीं पड़ी, फिर साईं को कृष्ण या राम बनने की क्यों जरूरत पड़ी। यह शास्त्र और मंत्रों को प्रदूषित करने की साजिश है।

छह प्रस्तावों पर लगी मुहर

धर्म संसद में दंडी स्वामी सदानंद स्वामी ने छह प्रस्ताव रखा, जिसे शंकराचार्य के अनुमोदन के बाद पास किया गया। इसमें साईं को न तो गुस्र् माना गया, न संत, न अवतान, न भगवान हैं। गोहत्या को बंद करना चाहिए और गंगा को निर्मल अविरल धारा में प्रवाहित करने के लिए प्रयास करना होगा। विश्वविद्यालयों में गीता, रामायण, महाभारत की पढ़ाई अनिवार्य होना चाहिए। नकली संतों का बहिष्कार करना चाहिए।

ये हिंदु धर्म का नाम लेकर सनातन धर्म को क्षति पहुंचा रहे हैं। नारी का सम्मान बढ़ाना होगा। कानून से कोई हल नहीं निकलने वाला, इसके लिए धर्म जागरण अभियान चलाना होगा। आखिरी प्रस्ताव अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का था। सरकार को राम मंदिर निर्माण में आ रहे सभी अवरोध को दूर करने का प्रस्ताव भेजा गया है।

धर्म की रक्षा के लिए बनी सनातन संघर्ष समिति

देश में धर्म की रक्षा के लिए सनातन संघर्ष समिति का गठन किया गया है। यह कमेटी सनातन धर्म के विरोध में उठने वाले मुद्दों पर जवाब देगी। इसके अध्यक्ष नरेद्र गिरी और मंत्री हरिगिरी को बनाया गया है। यह कमेटी देश में अलग-अलग स्थानों पर धर्म संसद का आयोजन करेगी और नकली साधुओं को समाप्त करने के लिए अभियान चलाएंगे।

The prisoner was given general information

पश्चिम बंगाल की पुलिस ने हमें सामान्य कैदी के भागने की खबर दी थी। जब शाम को एफआईआर कराई गई तो इसमें उन्होंने कैदी के आतंकवादी होने की जानकारी दी। फरार कैदी के आतंकवादी होने की जानकारी मिलते ही सभी को अलर्ट कर रायगढ़ से लेकर डोंगरगढ़ तक नाकेबंदी की गई। यह तो तय हो गया है कि आतंकवादी ट्रेन के रास्ते भागा है।

उक्त जानकारी एसआरपी (रेलवे पुलिस अधीक्षक) केके अग्रवाल ने दी। सोमवार दोपहर 2.30 बजे दुर्ग- निजामुद्दीन संपर्कक्रांति एक्सप्रेस से श्री अग्रवाल बिलासपुर जीआरपी थाने पहुंचे। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि घटना सुबह 6 बजे की है, लेकिन इसकी सूचना पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुबह 8 बजे के करीब दी, लेकिन यह नहीं बताया कि हावड़ा- मुंबई मेल एक्सप्रेस के एस-3 कोच भागने वाला कैदी आतंकवादी है। उन्होंने इस घटना को सामान्य तरीके से एक कैदी के भागने की दी।

सभी जीआरपी थानों को किया सचेत

थाना प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर, चांपा, कटनी, पेंड्रा व रायगढ़ के आगे के सभी जीआरपी थाने को दी। शाम होने के बाद उन्होंने असलियत बताई कि फरार आरोपी आतंकवादी है। उसे दमदम सेंट्रल जेल से पेशी में मुंबई लेकर जा रहे थे। पुणे बम धमाके का वह आरोपी है। उसके खिलाफ 120 बी, 125 व 126 का मामला पंजीबद्ध है। आतंकवादी के भागने की सूचना रायगढ़ के आगे से लेकर डोंगरगढ़ तक और कटनी रूट के सभी जीआरपी थाने के अलावा जिला पुलिस को दी गई।

नाकेबंदी कर सभी ट्रेनों की जांच की गई। साथ ही ट्रेन पेट्रोलिंग अमले को चौकन्ना कर दिया गया। श्री अग्रवाल का कहना है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने, जो कहानी पेश की है वह समझ से परे हैं। रेलवे से जानकारी लेने पर राबर्ट्सन से लेकर खरसिया तक ट्रेन रुकने की जानकारी नहीं है, जबकि एफआईआर में ट्रेन की गति धीमी होने की जानकारी दी गई है। जब आतंकी ट्रेन से भागा, तो उन्होंने तत्काल चेन पुलिंग क्यों नहीं की यह भी सवाल उठने लगा है।

हुलिया बताया, तस्वीर नहीं

सूचना के मुताबिक आतंकी का हुलिया रंग गोरा, ऊंचाई 5 फुट 10 इंच, सिर पर काले व छोटे बाल, मूंछ या दाड़ी नहीं थी। इसके अलावा लोवर व टी- शर्ट पहना हुआ है। हुलिए के आधार पर पहचान करना काफी कठिन होता है। यदि तस्वीर दे दी जाती, तो शायद वह पकड़ा भी जा सकता था। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। ट्रेन के माध्यम से आतंकवादी किसी भी स्थिति में भागने में सफल नहीं हो सकता है।

Surrender jhiram valley couple accused of assault

झीरम कांड में शामिल रहे नक्सलियों के सेक्शन कमांडर चैतराम सलाम व उसकी पत्नी मंजुला ने एक अन्य महिला नक्सली सहित पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है। सोमवार दोपहर आईजी दफ्तर में समर्पित नक्सलियों को पेश किया गया। इनसे पूछताछ में एनआईए को झीरम कांड के बारे में कई अहम जानकारी हाथ लगी है।

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने पत्रवार्ता में कहा कि नक्सलियों के दोहरे चरित्र के चलते स्थानीय नक्सली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। झीरमकांड में शामिल रहे नक्सलियों के दरभा सेक्शन कमांडर चैतराम सलाम (32) निवासी बनछपई उसकी पत्नी मंजुला(25) निवासी कुरेली जिला नारायणपुर तथा राजनांदगांव क्षेत्र में सक्रि य महिला नक्सली रजनी निवासी छोटे पंखाजुर ने नारायणपुर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। रजनी राजनांदगांव जिले के मानपुर में हुए मुठभेड़ में शामिल बतायी गई है।

तीनों समर्पित नक्सलियों से पुलिस, सीआरपीएफ एवं एनआईए के वरिष्ठ अफसरों ने पूछताछ की। इनसे झीरमकांड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। करीब 165 लोगों के नाम तथा प्रमाण भी जांच एजेंसी को मिले हैं। पत्रवार्ता के दौरान कोबरा के डीआईजी एमजे विजय, डीआईजी सीआरपीएफ केके सिन्हा, एसपी बस्तर अजय यादव, एसपी नारायणपुर अमित काम्बले, एसपी कांकेर राजेंद्र दास, एसपी कोंडागांव अभिषेक मीणा मौजूद थे।

देवजी ने रची थी झीरम की साजिश

समर्पित नक्सलियों से मिली जानकारी के अनुसार झीरम कांड की साजिश 13 मार्च 2013 को बीजापुर जिले के दोड़ी तुमनार गांव में रची गई थी। यहां टॉप मोस्ट नक्सल लीडर सेंट्रल कमेटी के सदस्य देवजी समेत दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य एवं दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी के सचिव गणेश उईके, डिवीजनल कमांडर विनोद, देवा व श्याम ने हमले का षडंयंत्र रचा था। यह सभी एम्बुश में शाामिल थे। इनके साथ समर्पित नक्सली सेक्शन कमांडर चैतराम सलाम भी शामिल था। वहीं उसकी पत्नी घटना स्थल से कुछ दूरी पर रसोइए के रूप में मौजूद थी।

कई वारदात में संलिप्तता

सरेंडर नक्सल दंपत्ति का ओडिशा व बस्तर के कई बड़े हादसों में हाथ होना पाया गया है। ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवानों की एम्बुश में फंसाकर हत्या, ओडिशा दामनजोड़ी नालको संयंत्र पर हमला समेत अन्य वारदातों में भी यह शामिल रहे हैं। चैतराम सलाम की पत्नी मंजुला सीआरसी साऊथ रीजनल कमांड 2 की सक्रि य सदस्य रही है।

छह हजार लोग आंध्र में रह रहे

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि नक्सलियों समर्थक कुछ संगठन यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि पुलिस बस्तर में नक्सली नहीं बल्कि आदिवासियों के खिलाफ आपरेशन चली रही है जबकि हकीकत यह है कि कोंटा के भेज्जी क्षेत्र के छह हजार आदिवासी नक्सल दहशत से कई सालों से आंध्र के खम्मम व अन्य जगहों पर रह रहे हैं। उनकी वापसी के लिए ठोस उपाय किए जा रहे हैं।