इस वर्ष 13 फरवरी को गुरुपुष्य का संयोग बन रहा है। गुरु पुष्य योग की अवधि करीब 16 घंटे की रहेगी। हालांकि पुष्य नक्षत्र बुधवार शाम 7 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर गुरुवार रात 10 बजकर 24 मिनट तक माना जाएगा।
महामुहूर्त का संयोग
इस नक्षत्र के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृतसिद्धियोग, सुकर्मा योग और शुभयोग का भी संयोग बन रहा है। यह पुष्य काफी शुभफल देने वाला होता है। इसे महामुहूर्त भी कहा जाता है।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो देवताओं के गुरु बृहस्पति इस नक्षत्र के स्वामी है। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग अत्यंत शुभ योग बनाता है।
पूरे परिणाम प्राप्त होंगे
गुरु पुष्य योग में खरीदारी, बैंक से संबंधित कार्य, तंत्र सिद्धि और मंत्र सिद्धि, नया व्यापार-ऑफिस शुरू करना, पूजा-पाठ, शुभ कार्य करने से उन कार्यों के पूरे परिणाम प्राप्त होते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं.धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार शास्त्रों के अनुसार तंत्र मंत्र, सिद्धि या प्रयोग के लिए भी गुरु पुष्य योग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है रहेगा।
इस महामुहूर्त में खरीदारी से घर में लक्ष्मी का वास होगा। इस योग खरीदी गई वस्तुएं आपके लिए ज्यादा लाभकारी सिद्ध होंगी। इस दिन आप किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।
एक नजर में पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र-12 फरवरी बुधवार को पुष्य सायं 7: 32 मिनट से शुरू
गुरुपुष्य- 13 फरवरी को सूर्योदय से गुरुवार रात्रि 10:24 तक रहेगा ।
महामुहूर्त का संयोग
इस नक्षत्र के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृतसिद्धियोग, सुकर्मा योग और शुभयोग का भी संयोग बन रहा है। यह पुष्य काफी शुभफल देने वाला होता है। इसे महामुहूर्त भी कहा जाता है।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो देवताओं के गुरु बृहस्पति इस नक्षत्र के स्वामी है। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग अत्यंत शुभ योग बनाता है।
पूरे परिणाम प्राप्त होंगे
गुरु पुष्य योग में खरीदारी, बैंक से संबंधित कार्य, तंत्र सिद्धि और मंत्र सिद्धि, नया व्यापार-ऑफिस शुरू करना, पूजा-पाठ, शुभ कार्य करने से उन कार्यों के पूरे परिणाम प्राप्त होते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं.धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार शास्त्रों के अनुसार तंत्र मंत्र, सिद्धि या प्रयोग के लिए भी गुरु पुष्य योग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है रहेगा।
इस महामुहूर्त में खरीदारी से घर में लक्ष्मी का वास होगा। इस योग खरीदी गई वस्तुएं आपके लिए ज्यादा लाभकारी सिद्ध होंगी। इस दिन आप किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।
एक नजर में पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र-12 फरवरी बुधवार को पुष्य सायं 7: 32 मिनट से शुरू
गुरुपुष्य- 13 फरवरी को सूर्योदय से गुरुवार रात्रि 10:24 तक रहेगा ।
Source: Spiritual News in Hindi & Rashifal 2014
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