सद्गुरु का आचरण अनुकरणीय है। सद्गुरु के बताए मार्ग पर चलकर मनुष्य संसार की बुराइयों और अहंकार से मुक्ति पा सकता है। गुरु पद संसार का सर्वोच्च पद है।
गुरु की सेवा का फल भगवान की सेवा से बड़ा होता है। भगवान रूठ जाए तो गुरु मार्ग दिखाते हैं, लेकिन अगर गुरु रूठ जाए तो उस मनुष्य के लिए भव सागर से तरना मुश्किल है।
यह बात कथावाचक पं. रमाकांत व्यास ने सोमवार को कही। वे रावतपुरा सरकार के सान्निध्य में पुष्प विहार कॉलोनी, महालक्ष्मी नगर में सैकड़ों की संख्या में मौजूद भक्तों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने सच्चे संत की महत्ता बताते हुए कहा कि जिसका जीवन गतिशील, मन स्थिर, सेवा का भाव और जो धर्म का मार्ग दिखाए वह सच्चा संत है।
जिस परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन दिया, उसके लिए कुछ समय जरूर निकालना चाहिए। ईश्वर की साधना से जीवन में शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गुरु की सेवा का फल भगवान की सेवा से बड़ा होता है। भगवान रूठ जाए तो गुरु मार्ग दिखाते हैं, लेकिन अगर गुरु रूठ जाए तो उस मनुष्य के लिए भव सागर से तरना मुश्किल है।
यह बात कथावाचक पं. रमाकांत व्यास ने सोमवार को कही। वे रावतपुरा सरकार के सान्निध्य में पुष्प विहार कॉलोनी, महालक्ष्मी नगर में सैकड़ों की संख्या में मौजूद भक्तों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने सच्चे संत की महत्ता बताते हुए कहा कि जिसका जीवन गतिशील, मन स्थिर, सेवा का भाव और जो धर्म का मार्ग दिखाए वह सच्चा संत है।
जिस परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन दिया, उसके लिए कुछ समय जरूर निकालना चाहिए। ईश्वर की साधना से जीवन में शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Source: Spiritual News in Hindi & Rashifal 2014
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