मैं धर्म के बारे में क्या बोलूं? किससे बोलूं? जब तक समाज नैतिक नहीं बनेगा। तुम सच्चे इंसान नहीं बन सकते हो। तब तक मैं धर्म का मार्ग कैसे बताऊंगा?
जिस दिन तुम सच्चे इंसान बन गए, उस दिन तुम स्वयं धनवान बन जाओगे। ये विचार राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलक सागर महाराज ने सोमवार को महावीर जयंती महोत्सव समिति द्वारा जैन छात्रावास में आयोजित ज्ञान गंगा महोत्सव में व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि एक गंगा हिमालय से निकलती है। यह गंगा मनुष्य की प्यास बुझाती है। एक गंगा मेरे हृदय से निकलती है। यह गंगा प्यास जगाती है।
मैं तुम्हारे भीतर धर्म की प्यास जगाने आया हूं। मनुष्य प्यार करना भूल गया है। जीवन को सफल बनाने के लिए नम्रता का स्वभाव धारण कर लो। यही कल्याण का मार्ग है। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
जिस दिन तुम सच्चे इंसान बन गए, उस दिन तुम स्वयं धनवान बन जाओगे। ये विचार राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलक सागर महाराज ने सोमवार को महावीर जयंती महोत्सव समिति द्वारा जैन छात्रावास में आयोजित ज्ञान गंगा महोत्सव में व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि एक गंगा हिमालय से निकलती है। यह गंगा मनुष्य की प्यास बुझाती है। एक गंगा मेरे हृदय से निकलती है। यह गंगा प्यास जगाती है।
मैं तुम्हारे भीतर धर्म की प्यास जगाने आया हूं। मनुष्य प्यार करना भूल गया है। जीवन को सफल बनाने के लिए नम्रता का स्वभाव धारण कर लो। यही कल्याण का मार्ग है। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
Source: Spirituality News & Rashifal 2014
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