गुड फ्राइडे ईसाई धर्म को मानने वाले अनुयायियों के लिए एक बेहद खास दिन है। गुड फ्राइडे के ही दिन प्रभु ईसा मसीह अपने अनुयायियों के कल्याण के लिए सूली पर चढ़ गए थे। यह दिन क्षमा के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। प्रभु यीशू अपने अनुयायियों को क्षमा करने का संदेश देते हैं।
गुड फ्राइडे की शुरुआत 40 दिन पहले ही हो जाती है। गुड फ्राइडे इन 40 दिनों की समाप्ति का दिन होता है। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग पूरे 40 दिन तक संयम और व्रत का निर्वाहन कर अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं।
इस बारे में सेंट जोन्स चर्च( देवास जिले के चापड़ा) के फादर प्रकाश बताते हैं गुड फ्राइडे दरअसल यह पर्व क्षमा और प्रेम का पर्व है। यह पर्व दुःख पूर्ण इसलिए है कि इस दिन प्रभु यीशू ने इस दिन मृत्युदंड स्वीकार किया था। प्रभु यीशू को इसी दिन क्रास पर यहूदी नेताओं ने चढ़ाया था।
यीशू धर्म गुरु थे यह बात उनको बिल्कुल भी ठीक नहीं लगती है क्यों कि वह अपना ही स्वामित्व वहां चाहते थे। यहूदी समुदाय के लिए एक चुनौती बन गए थे। यही कारण था कि वह उन्हें अपने रास्ते से हटाना चाहते थे।
पर प्रभु यीशू परमपिता के पुत्र थे। ऐसे में उन्होंने लोगों को बताया कि वह सिर्फ उन यहूदियों के अहम् को मिटाने के लिए क्रास पर चढ़ रहे हैं। ताकि उनके अहम् का अंत हो जाए।
यीशू ने पहले ही बता दिया था कि उनको कोई मार नहीं सकता ऐसे में यीशू क्रास पर चढ़े जरूर पर वह पुनः जीवित हो गए और ईश्वर के पुत्र और सत्य की विजयी हुई।
गुड फ्राइडे की शुरुआत 40 दिन पहले ही हो जाती है। गुड फ्राइडे इन 40 दिनों की समाप्ति का दिन होता है। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग पूरे 40 दिन तक संयम और व्रत का निर्वाहन कर अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं।
इस बारे में सेंट जोन्स चर्च( देवास जिले के चापड़ा) के फादर प्रकाश बताते हैं गुड फ्राइडे दरअसल यह पर्व क्षमा और प्रेम का पर्व है। यह पर्व दुःख पूर्ण इसलिए है कि इस दिन प्रभु यीशू ने इस दिन मृत्युदंड स्वीकार किया था। प्रभु यीशू को इसी दिन क्रास पर यहूदी नेताओं ने चढ़ाया था।
यीशू धर्म गुरु थे यह बात उनको बिल्कुल भी ठीक नहीं लगती है क्यों कि वह अपना ही स्वामित्व वहां चाहते थे। यहूदी समुदाय के लिए एक चुनौती बन गए थे। यही कारण था कि वह उन्हें अपने रास्ते से हटाना चाहते थे।
पर प्रभु यीशू परमपिता के पुत्र थे। ऐसे में उन्होंने लोगों को बताया कि वह सिर्फ उन यहूदियों के अहम् को मिटाने के लिए क्रास पर चढ़ रहे हैं। ताकि उनके अहम् का अंत हो जाए।
यीशू ने पहले ही बता दिया था कि उनको कोई मार नहीं सकता ऐसे में यीशू क्रास पर चढ़े जरूर पर वह पुनः जीवित हो गए और ईश्वर के पुत्र और सत्य की विजयी हुई।
Source: Spiritual News in Hindi & Horoscope 2014
No comments:
Post a Comment