छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी ने छत्तीसगढ़ नियामक आयोग से 8 हजार 204 करोड़ के राजस्व की जरूरत बताते हुए बिजली की दरों में करीब 20 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के प्रस्ताव का मूल्यांकन करने के बाद आयोग जनसुनवाई करेगा और इसके बाद बिजली की नई दरें घोषित की जाएंगी।
बिजली की नई दरें निर्धारित करने के लिए छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी से आय-व्यय के साथ नई दरों का पूरा ब्योरा मांगा था। लेकिन कंपनी ने महज आय- व्यय का ब्योरा पेश किया। इसमें कंपनी ने 2014-15 के लिए 8 हजार 204 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता बताई है। वहीं 1806 करोड़ का अनुमानित घाटा भी दर्शाया है। इस हानि की भरपाई करने के लिए बिजली की दरों में 4 रुपए 85 पैसे प्रति यूनिट औसत वृद्धि की मांग की गई है। फिलहाल कंपनी की इस मांग और आय-व्यय के ब्योरे के मूल्यांकन में आयोग जुटा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक आयोग ने उत्पादन कंपनी , पारेषण कंपनी और वितरण कंपनी का तकनीकी मूल्यांकन कर लिया है। आयोग अब जल्द ही बिजली की नई दरें निर्धारित करने के लिए जनसुनवाई करेगा। प्रदेश के सभी संभागों के उपभोक्ताओं और संगठनों से सुझाव मांगे जाएंगे। इन सुझावों के आधार पर आयोग बिजली की दरें निर्धारित करेगा।
पिछले साल नहीं बढ़ी थी बिजली की दर
राज्य सरकार ने बीते वर्ष छत्तीसगढ़ पावर कंपनी को 492 करोड़ की सब्सिडी दी थी। इसके अलावा आयोग की जांच में यह पता चला कि कंपनी का पिछले कई वर्षों का लाभ शेष है। आयोग ने सब्सिडी और लाभ को समायोजित करते हुए पिछले वर्ष बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की थी। लेकिन इस बार करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। दरअसल सरकार ने इस बार कोई सब्सिडी अभी तक नहीं दी है और कोयले के दाम में हुई वृद्धि की वजह से बिजली की दरों में इस वर्ष बढ़ोतरी की जा सकती है। बिजली की नई दर जून-जुलाई में घोषित होनी है।
घरेलू बिजली की वर्तमान दरें (राशि रूपए में)
यूनिट दर
0 से 100 2.10
101 से 200 2.40
201 से 600 3.40
601 से अधिक 5.85
बिजली की नई दरें निर्धारित करने के लिए छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी से आय-व्यय के साथ नई दरों का पूरा ब्योरा मांगा था। लेकिन कंपनी ने महज आय- व्यय का ब्योरा पेश किया। इसमें कंपनी ने 2014-15 के लिए 8 हजार 204 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता बताई है। वहीं 1806 करोड़ का अनुमानित घाटा भी दर्शाया है। इस हानि की भरपाई करने के लिए बिजली की दरों में 4 रुपए 85 पैसे प्रति यूनिट औसत वृद्धि की मांग की गई है। फिलहाल कंपनी की इस मांग और आय-व्यय के ब्योरे के मूल्यांकन में आयोग जुटा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक आयोग ने उत्पादन कंपनी , पारेषण कंपनी और वितरण कंपनी का तकनीकी मूल्यांकन कर लिया है। आयोग अब जल्द ही बिजली की नई दरें निर्धारित करने के लिए जनसुनवाई करेगा। प्रदेश के सभी संभागों के उपभोक्ताओं और संगठनों से सुझाव मांगे जाएंगे। इन सुझावों के आधार पर आयोग बिजली की दरें निर्धारित करेगा।
पिछले साल नहीं बढ़ी थी बिजली की दर
राज्य सरकार ने बीते वर्ष छत्तीसगढ़ पावर कंपनी को 492 करोड़ की सब्सिडी दी थी। इसके अलावा आयोग की जांच में यह पता चला कि कंपनी का पिछले कई वर्षों का लाभ शेष है। आयोग ने सब्सिडी और लाभ को समायोजित करते हुए पिछले वर्ष बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की थी। लेकिन इस बार करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। दरअसल सरकार ने इस बार कोई सब्सिडी अभी तक नहीं दी है और कोयले के दाम में हुई वृद्धि की वजह से बिजली की दरों में इस वर्ष बढ़ोतरी की जा सकती है। बिजली की नई दर जून-जुलाई में घोषित होनी है।
घरेलू बिजली की वर्तमान दरें (राशि रूपए में)
यूनिट दर
0 से 100 2.10
101 से 200 2.40
201 से 600 3.40
601 से अधिक 5.85
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