गुरूवार का दिन आपके लिए मंगलकारी हो सकता है। पुराणों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान, बुद्धि, दाम्पत्य सुख देने वाली ही मानी गई है। गुरु बृहस्पति की उपासना के लिए गुरुवार सबसे अच्छा दिन माना गया है।
ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है। आप किसी भी एक गुरु मंत्र का गुरुवार के दिन जाप कर अपनी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं।
1. ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
2. ऊँ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:
3. ऊँ गुं गुरवे नम:
4. ऊँ बृं बृहस्पतये नम:
5. ऊँ क्लीं बृहस्पतये नम:
मनोकामना होगी पूर्ण
आप इस गुरु मंत्र का जाप अपने ईष्टदेव का स्मरण करते हुए करें तो आपको मनोकामना जल्द ही पूर्ण होगी।
पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी चतुर्भुजो देवगुरु प्रशान्त:।
यथाक्षसूत्रं च कमण्डलुञ्च दण्ड च विभ्रद्वरदोस्तु।।
सौभाग्य की कामना
ऐसे व्यक्ति जिन पर बृहस्पति देव की कृपा होती है वह धार्मिक, आस्थावान, दर्शनिक, विज्ञान में रूचि रखने वाले, सत्यनिष्ठ, परोपकारी, कर्तव्यपरायण, होते हैं। अगर आप सौभाग्य की कामना करते हैं तो इस आसान उपाय अपनाकर अपने जीवन को और भी आनंदमयी बना सकते हैं।
1. प्रातः काल स्नान कर नवग्रह मंदिर में गुरु बृहस्पति की प्रतिमा को केसर के दूध या गंगाजल से स्नान कराएं।
2. देवगुरु को केसरिया गंध, अक्षत, पीली पूजा सामग्री, जिनमें पीले फूल, पीले वस्त्र अर्पित करें।
3. केला और पीले रंग की मिठाईयां गरीबों, पक्षियों विशेषकर कौओं को खिलाएं।
4. पूजा व मंत्र जप के बाद पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल का दान करें।
5. केले के पौधे पर गौघृत का दीपक जलाएं।
6. बृहस्पतिवार को व्रत रखने से बृहस्पति देव की अनुकम्पा बनी रहती है।
ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है। आप किसी भी एक गुरु मंत्र का गुरुवार के दिन जाप कर अपनी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं।
1. ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
2. ऊँ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:
3. ऊँ गुं गुरवे नम:
4. ऊँ बृं बृहस्पतये नम:
5. ऊँ क्लीं बृहस्पतये नम:
मनोकामना होगी पूर्ण
आप इस गुरु मंत्र का जाप अपने ईष्टदेव का स्मरण करते हुए करें तो आपको मनोकामना जल्द ही पूर्ण होगी।
पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी चतुर्भुजो देवगुरु प्रशान्त:।
यथाक्षसूत्रं च कमण्डलुञ्च दण्ड च विभ्रद्वरदोस्तु।।
सौभाग्य की कामना
ऐसे व्यक्ति जिन पर बृहस्पति देव की कृपा होती है वह धार्मिक, आस्थावान, दर्शनिक, विज्ञान में रूचि रखने वाले, सत्यनिष्ठ, परोपकारी, कर्तव्यपरायण, होते हैं। अगर आप सौभाग्य की कामना करते हैं तो इस आसान उपाय अपनाकर अपने जीवन को और भी आनंदमयी बना सकते हैं।
1. प्रातः काल स्नान कर नवग्रह मंदिर में गुरु बृहस्पति की प्रतिमा को केसर के दूध या गंगाजल से स्नान कराएं।
2. देवगुरु को केसरिया गंध, अक्षत, पीली पूजा सामग्री, जिनमें पीले फूल, पीले वस्त्र अर्पित करें।
3. केला और पीले रंग की मिठाईयां गरीबों, पक्षियों विशेषकर कौओं को खिलाएं।
4. पूजा व मंत्र जप के बाद पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल का दान करें।
5. केले के पौधे पर गौघृत का दीपक जलाएं।
6. बृहस्पतिवार को व्रत रखने से बृहस्पति देव की अनुकम्पा बनी रहती है।
Source: Spiritual News in Hindi
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