एक छोटा सा मोर पंख आपकी किस्मत चमका सकता है। आपके नवग्रह दोष शांत कर सकता है। आपकी पढ़ाई-लिखाई को और भी ज्यादा बेहतर बना सकता है।
अगर जातक की कुंडली में उसकी दशा खराब चल रही हो तो उसे भी मोर का एक पंख दूर कर सकता है। यह हम नहीं बल्कि हमारे धर्म ग्रंथ कहते हैं। मोर पंख आपकी जिंदगी की कई समस्याओं का समाधान कर सकता है। इसके लिए हमारे धर्मग्रंथों में एक सुंदर कथा है।
भगवान विष्णु थे विवश
आदिकाल में संध्यासुर का नाम का एक बहुत दैत्य था। वह भगवान शिव का परम भक्त था। उसने शिव से अतिवीर होने का वरदान भी लिया था। वर पाने के बाद उसे इतना अहंकार हुआ कि उसने विष्णु भक्तों को ही परेशान करना शुरु कर दिया और कई देवताओं को बंदी बना लिया। उसने भक्ति से इतनी शक्ति प्राप्त कर ली थी कि भगवान विष्णु भी उसका वध करने में समर्थ नहीं थे।
दिव्य मोर में छिपी शक्तियां
कहते हैं जब देवताओं दैत्यासुर के अत्याचार से बहुत दुःखी हो गए तो उन्होंने योगमाया को सहायता के लिए पुकारा योगमाया ने नवग्रहों और देवताओं के तेज से एक पक्षी की रचना की जिसे नाम दिया गया 'मोर'। इस 'दिव्य मोर' के पंखों में छिपकर अपनी शक्तियां बढ़ाईं और एक दिन मोर के साथ असुर पर आक्रमण कर दिया।
33 करोड़ देवता और मोर
संध्यासुर मोर के आगे टिक नहीं पाया और मोर के सामने घुटने टेक दिए। तभी से मोर पंख में नवग्रहों और तैंतीस करोड़ देवी देवताओं की शक्ति समाहित हो गई।
करियर में तरक्की
कहते हैं मोर पंख की पूजा विधि विधान से की जाए तो मोर पंख से ग्रह दशा ठीक हो जाती है।यही नहीं धन प्राप्ति और वास्तु दोष की के लिए भी मोर पंख की सहायता ली जाती है। पढ़ाई में सफलता और करियर में तरक्की के लिए भी मोर पंख लाभकारी सिद्ध होता है।
अगर जातक की कुंडली में उसकी दशा खराब चल रही हो तो उसे भी मोर का एक पंख दूर कर सकता है। यह हम नहीं बल्कि हमारे धर्म ग्रंथ कहते हैं। मोर पंख आपकी जिंदगी की कई समस्याओं का समाधान कर सकता है। इसके लिए हमारे धर्मग्रंथों में एक सुंदर कथा है।
भगवान विष्णु थे विवश
आदिकाल में संध्यासुर का नाम का एक बहुत दैत्य था। वह भगवान शिव का परम भक्त था। उसने शिव से अतिवीर होने का वरदान भी लिया था। वर पाने के बाद उसे इतना अहंकार हुआ कि उसने विष्णु भक्तों को ही परेशान करना शुरु कर दिया और कई देवताओं को बंदी बना लिया। उसने भक्ति से इतनी शक्ति प्राप्त कर ली थी कि भगवान विष्णु भी उसका वध करने में समर्थ नहीं थे।
दिव्य मोर में छिपी शक्तियां
कहते हैं जब देवताओं दैत्यासुर के अत्याचार से बहुत दुःखी हो गए तो उन्होंने योगमाया को सहायता के लिए पुकारा योगमाया ने नवग्रहों और देवताओं के तेज से एक पक्षी की रचना की जिसे नाम दिया गया 'मोर'। इस 'दिव्य मोर' के पंखों में छिपकर अपनी शक्तियां बढ़ाईं और एक दिन मोर के साथ असुर पर आक्रमण कर दिया।
33 करोड़ देवता और मोर
संध्यासुर मोर के आगे टिक नहीं पाया और मोर के सामने घुटने टेक दिए। तभी से मोर पंख में नवग्रहों और तैंतीस करोड़ देवी देवताओं की शक्ति समाहित हो गई।
करियर में तरक्की
कहते हैं मोर पंख की पूजा विधि विधान से की जाए तो मोर पंख से ग्रह दशा ठीक हो जाती है।यही नहीं धन प्राप्ति और वास्तु दोष की के लिए भी मोर पंख की सहायता ली जाती है। पढ़ाई में सफलता और करियर में तरक्की के लिए भी मोर पंख लाभकारी सिद्ध होता है।
Source: Spiritual News in Hindi & Horoscope 2014
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