विश्व प्रसिद्ध बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने आनेवाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। इस क्रम में प्रवेश कार्ड के माध्यम से पूजा-अर्चना की व्यवस्था शुरू की गयी है। सफल होने पर यह व्यवस्था श्रावणी मेला में भी लागू की जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को कम से कम समय के लिए लाइन में इंतजार करना होगा। पूजा करने वाले हर श्रद्धालु को प्रवेश कार्ड लेना अनिवार्य होगा, चाहे वह वीआइपी ही क्यों ना हो।
संस्कार मंडप से क्यू सिस्टम। त्रिलोक सिक्युरिटी सिस्टम इंडिया लिमिटेड नामक एजेंसी को प्रवेश कार्ड जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। ट्रायल के बाद प्रबंधन बोर्ड में इस पर अंतिम फैसला होगा। बुधवार को मंदिर कैंपस के प्रशासनिक भवन में निबंधन काउंटर बनाया गया। निबंधन कराने वालों का संस्कार मंडप में वेरिफिकेशन हुआ उसके बाद क्यू सिस्टम के सहारे मंदिर प्रांगण होते मंदिर में प्रवेश कराया गया। बाबा पर जलार्पण के बाद निकास द्वार से खुशी-खुशी बाहर हो गए।
क्या है व्यवस्था -दो स्थान पर निबंधन काउंटर बनाया गया है। शिवगंगा से सटे बीएन झा संस्कृत पाठशाला एवं मंदिर परिसर स्थित प्रशासनिक भवन में एक-एक काउंटर है। यहां आकर हर एक श्रद्धालु चाहे वह स्थानीय हो या तीर्थयात्री, प्रवेश कार्ड बनवाना होगा। पहले दिन सुबह सात बजे से दिन के 12 बजे के बीच 2500 लोगों ने पूजा-अर्चना की।
इनमें तीन सौ ने संस्कृत पाठशाला जबकि शेष ने प्रशासनिक भवन के काउंटर से अपना प्रवेश कार्ड बनवाया। पहले दिन का जो अनुभव प्रशासनिक पदाधिकारियों का रहा है उसमें तीन से चार सेकंड में एक यात्री की तस्वीर वेब कैमरा से सिस्टम में फीड हो गयी। उसके बाद एक रंगीन कार्ड यात्री को थमा दिया गया। इस कार्ड को लेकर यात्री संस्कार मंडप के प्रथम तल पर गए जहां कार्ड का वेरिफिकेशन किया गया। एक क्लिक करते ही रजिस्टर्ड यात्री की तस्वीर मॉनीटर पर आ गयी जिसे ओके कर कतार में लगा दिया गया।
श्रवणी मेला से पूर्व दोनों सोमवार को पूरी मुस्तैदी के साथ एक अतिरिक्त काउंटर फूट ओवर के पास बनाने पर विचार किया गया है। तीनों प्वाइंट पर निबंधन के बाद संस्कार मंडप पर रिपोर्टिग होगी।
संस्कार मंडप से क्यू सिस्टम। त्रिलोक सिक्युरिटी सिस्टम इंडिया लिमिटेड नामक एजेंसी को प्रवेश कार्ड जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। ट्रायल के बाद प्रबंधन बोर्ड में इस पर अंतिम फैसला होगा। बुधवार को मंदिर कैंपस के प्रशासनिक भवन में निबंधन काउंटर बनाया गया। निबंधन कराने वालों का संस्कार मंडप में वेरिफिकेशन हुआ उसके बाद क्यू सिस्टम के सहारे मंदिर प्रांगण होते मंदिर में प्रवेश कराया गया। बाबा पर जलार्पण के बाद निकास द्वार से खुशी-खुशी बाहर हो गए।
क्या है व्यवस्था -दो स्थान पर निबंधन काउंटर बनाया गया है। शिवगंगा से सटे बीएन झा संस्कृत पाठशाला एवं मंदिर परिसर स्थित प्रशासनिक भवन में एक-एक काउंटर है। यहां आकर हर एक श्रद्धालु चाहे वह स्थानीय हो या तीर्थयात्री, प्रवेश कार्ड बनवाना होगा। पहले दिन सुबह सात बजे से दिन के 12 बजे के बीच 2500 लोगों ने पूजा-अर्चना की।
इनमें तीन सौ ने संस्कृत पाठशाला जबकि शेष ने प्रशासनिक भवन के काउंटर से अपना प्रवेश कार्ड बनवाया। पहले दिन का जो अनुभव प्रशासनिक पदाधिकारियों का रहा है उसमें तीन से चार सेकंड में एक यात्री की तस्वीर वेब कैमरा से सिस्टम में फीड हो गयी। उसके बाद एक रंगीन कार्ड यात्री को थमा दिया गया। इस कार्ड को लेकर यात्री संस्कार मंडप के प्रथम तल पर गए जहां कार्ड का वेरिफिकेशन किया गया। एक क्लिक करते ही रजिस्टर्ड यात्री की तस्वीर मॉनीटर पर आ गयी जिसे ओके कर कतार में लगा दिया गया।
श्रवणी मेला से पूर्व दोनों सोमवार को पूरी मुस्तैदी के साथ एक अतिरिक्त काउंटर फूट ओवर के पास बनाने पर विचार किया गया है। तीनों प्वाइंट पर निबंधन के बाद संस्कार मंडप पर रिपोर्टिग होगी।
Source: Spiritual Hindi News & 2014 Rashifal
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