एक बार गौतम बुद्ध अपने अनुयायियों के साथ किसी गांव में उपदेश देने जा रहे थे। गर्मी का मौसम था। गांव पहुंचने से पहले ही बुद्ध के साथ जा रहे लोगों को जगह-जगह बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए मिले।
तब उनके एक शिष्य ने गड्डे देखकर जिज्ञासा प्रकट की, आखिर इस तरह गढे का खुदे होने का तात्पर्य कया है? तब गौतम बुद्ध बोले, पानी की तलाश में किसी व्यक्ति ने इतनें गड्ढे खोदे है।
यदि वह धैर्यपूर्वक एक ही स्थान पर गड्ढा खोदता तो उसे पानी अवश्य मिल जाता।पर वह थोडी देर गड्ढा खोदता और पानी न मिलने पर दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर देता।
संक्षेप में
कहा गया है कि व्यक्ति को परिश्रम करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए। तभी उन्हें सफलता मिलती है।
तब उनके एक शिष्य ने गड्डे देखकर जिज्ञासा प्रकट की, आखिर इस तरह गढे का खुदे होने का तात्पर्य कया है? तब गौतम बुद्ध बोले, पानी की तलाश में किसी व्यक्ति ने इतनें गड्ढे खोदे है।
यदि वह धैर्यपूर्वक एक ही स्थान पर गड्ढा खोदता तो उसे पानी अवश्य मिल जाता।पर वह थोडी देर गड्ढा खोदता और पानी न मिलने पर दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर देता।
संक्षेप में
कहा गया है कि व्यक्ति को परिश्रम करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए। तभी उन्हें सफलता मिलती है।
Source: Spiritual News in Hindi & 2014 Ka Rashifal
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