अगर आपकी कुंडली में किसी भी ग्रह की दशा ठीक नहीं है तो उसकी शांति के लिए कुछ आसान से उपाय आजमा सकते हैं। आप रत्न धारण करने की तरह ही वनस्पति का प्रयोग कर सकते हैं।
जिस ग्रह की शांति के लिए जो जड़ बताई गई है। उसे उसी वार में विधिवत् लाकर धारण कर सकते हैं। ध्यान रखें कि जड़ एक इंच लंबी होनी चाहिए।
सूर्यः सूर्य ग्रह की शांति के लिए बिल्व पत्र की जड़ा रविवार को गुलाबी धागे स पीली धातु के कवर में धारण करें।
चंद्रः चंद्र की शांति के लइ खिरनी की जड़ सोमवार को सफेद ऊन के धागे में लपेटकर धारण करें।
मंगलः मंगल ग्रह की शांति के लिए अनन्तमूल की जड़ केवल मंगलवार को लाल धागे के साथ धारण करें।
बुद्धः बुद्ध ग्रह की शांति के लिए विधारा की जड़ बुधवार को हरे धागे से चांदी के यंत्र के साथ धारण करें।
गुरुः गुरु ग्रह की शांति के लिए केले की जड़ गुरुवार को पीले धागे के साथ स्वर्ण के ताबीज के साथ ग्रहण करें।
शुक्रः शुक्र ग्रह की शांति के लिए सरपुख की जड़ शुक्रवार को सफेद धागे के साथ धारण करें।
राहुः राहु की शांति के लिए सफेद चंदन की जड़ बुधवार को लोहे के यंत्र में धारण करें।
केतूः केतू की शांति के लिए असगंध की जड़ गुरुवार को आसमानी धागे से चांदी के यंत्र में धारण करें।
वनस्पति से ग्रह शांति
सूर्यः सूर्य की शांति के लिए कनेर, देवदार, केसर, इलायची, महुआ के फूल का चूर्ण पानी में डालकर स्नान करें। जल्द ग्रह शांति दोष दूर हो जाएगा।
मंगलः मंगल की शांति के लिए सोंठ, सौंफ, लाल चंदन, के फूल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
बुधः बुध की शांति के लिए बहेड़ा, चावल, आंवला, और शहद को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
गुरुः गुरु की शांति के लिए मुलेठी, सफेद सरसों को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
शुक्रः शुक्र ग्रह की शांति के लिए हड़,बहेड़ा, आंवला, इलायची, केसर पानी में डालकर स्नान करें।
राहुः राहु की शांति के लिए नागबेल, लोबान, तिल के पत्र को पानी में डालकर स्नान करने से ग्रह शांति दोष से मुक्ति मिल जाती है।
केतुः केतु की शांति के लिए लोबान, बला, मोथा, प्रियंगु को पानी में डालकर स्नान करें।
Source: Spiritual News in Hindi & Horoscope 2014
जिस ग्रह की शांति के लिए जो जड़ बताई गई है। उसे उसी वार में विधिवत् लाकर धारण कर सकते हैं। ध्यान रखें कि जड़ एक इंच लंबी होनी चाहिए।
सूर्यः सूर्य ग्रह की शांति के लिए बिल्व पत्र की जड़ा रविवार को गुलाबी धागे स पीली धातु के कवर में धारण करें।
चंद्रः चंद्र की शांति के लइ खिरनी की जड़ सोमवार को सफेद ऊन के धागे में लपेटकर धारण करें।
मंगलः मंगल ग्रह की शांति के लिए अनन्तमूल की जड़ केवल मंगलवार को लाल धागे के साथ धारण करें।
बुद्धः बुद्ध ग्रह की शांति के लिए विधारा की जड़ बुधवार को हरे धागे से चांदी के यंत्र के साथ धारण करें।
गुरुः गुरु ग्रह की शांति के लिए केले की जड़ गुरुवार को पीले धागे के साथ स्वर्ण के ताबीज के साथ ग्रहण करें।
शुक्रः शुक्र ग्रह की शांति के लिए सरपुख की जड़ शुक्रवार को सफेद धागे के साथ धारण करें।
राहुः राहु की शांति के लिए सफेद चंदन की जड़ बुधवार को लोहे के यंत्र में धारण करें।
केतूः केतू की शांति के लिए असगंध की जड़ गुरुवार को आसमानी धागे से चांदी के यंत्र में धारण करें।
वनस्पति से ग्रह शांति
सूर्यः सूर्य की शांति के लिए कनेर, देवदार, केसर, इलायची, महुआ के फूल का चूर्ण पानी में डालकर स्नान करें। जल्द ग्रह शांति दोष दूर हो जाएगा।
मंगलः मंगल की शांति के लिए सोंठ, सौंफ, लाल चंदन, के फूल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
बुधः बुध की शांति के लिए बहेड़ा, चावल, आंवला, और शहद को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
गुरुः गुरु की शांति के लिए मुलेठी, सफेद सरसों को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
शुक्रः शुक्र ग्रह की शांति के लिए हड़,बहेड़ा, आंवला, इलायची, केसर पानी में डालकर स्नान करें।
राहुः राहु की शांति के लिए नागबेल, लोबान, तिल के पत्र को पानी में डालकर स्नान करने से ग्रह शांति दोष से मुक्ति मिल जाती है।
केतुः केतु की शांति के लिए लोबान, बला, मोथा, प्रियंगु को पानी में डालकर स्नान करें।
Source: Spiritual News in Hindi & Horoscope 2014
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