देश की राजधानी नई दिल्ली के सर्वधर्म सद्भाव का एक बेहतर उदाहरण देखने को मिलता है। यहां यानी झंडेवालान मंदिर में हर मंगलवार को लगभग 50 मुस्लिम महिलाएं हनुमान चालीसा और श्री राम की आरती और पाठ करती हैं।
वहीं इन महिलाओं ने हनुमान चालीसा और राम आरती का उर्दू में अनुवाद स्वयं ही किया है।
इन महिलाओं का कहना है कि वह इस तरह सांप्रदायिक सद्भाव लाने और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच आपसी सम्मान की भावना पैदा करने के लिए करते हैं।
हनुमान चालीसा का जाप करने की यह पहल संकट मोचन मंदिर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और 2006 में वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन पर बम धमाकों की श्रृंखला के बाद शुरू की थी।
यहां कुछ समय तक इस संगठन से जुडें लोगों ने वाराणसी में संकट मोचन मंदिर में हनुमान चालीसा का जाप किया। और, पिछले कुछ वर्षों में ही 35,000 से अधिक हिंदू-मुस्लिम धर्म की महिलाओं के समूह में शामिल हो गए।
वहीं इन महिलाओं ने हनुमान चालीसा और राम आरती का उर्दू में अनुवाद स्वयं ही किया है।
इन महिलाओं का कहना है कि वह इस तरह सांप्रदायिक सद्भाव लाने और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच आपसी सम्मान की भावना पैदा करने के लिए करते हैं।
हनुमान चालीसा का जाप करने की यह पहल संकट मोचन मंदिर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और 2006 में वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन पर बम धमाकों की श्रृंखला के बाद शुरू की थी।
यहां कुछ समय तक इस संगठन से जुडें लोगों ने वाराणसी में संकट मोचन मंदिर में हनुमान चालीसा का जाप किया। और, पिछले कुछ वर्षों में ही 35,000 से अधिक हिंदू-मुस्लिम धर्म की महिलाओं के समूह में शामिल हो गए।
Source: Spiritual Hindi Stories & Rashifal 2014
No comments:
Post a Comment