Friday 28 February 2014

Varad vinayak fulfills all dreams

महड़ के वरद विनायक की महिमा बड़ी ही निराली है। कहते हैं यहां आने वाले हर भक्त के मन की मुराद दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है। वरद विनायक इच्छापूर्ति के भगवान माने जाते हैं। यह मंदिर महाराष्ट्र रायगढ़ जिले के महड़ क्षेत्र में आता है।

भगवान का यह आशियाना प्रकृति के सुंदर क्षेत्र में बना है। देवों में सर्वप्रथम पूज्य भगवान वरद विनायक के दर्शन से पहले यहां आपको उनके वाहन मूषक के दर्शन होते हैं। छोटे से मंदिर में मूषक देव की यह प्रतिमा आस्था का केंद्र है।

भगवान गणेश के इस स्वरूप के बारे में ऋग्वेद में भी बताया गया है। सन् 1690 में भगवान की यह मूर्ति महड़ गांव में वर्तमान मंदिर के पीछे स्थित सरोवर में मिली थी। बाद में सन् 1725 में पेशवा राज्य के दौरान मंदिर की स्था्पना करवा कर मूर्ति की स्थापना करवाई गई है

यहां एक ज्योति भी है जो पिछले 118 सालों से जल रही है। यहां नवग्रह देवता और शिवलिंग, मंदिर के 4 पक्षों की रखवाली करती 4 हाथी मूर्तियां हैं।

इस अष्ट विनायक मंदिर में भक्त साल भर में माघ चतुर्थी पर भारी संख्या में आते हैं। वरद विनायक मंदिर की यात्रा दाैरा और त्योहारों पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।

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