कुछ लोग जीवन में हर चयन को लेकर बहुत सावधान होते हैं क्योंकि वे अपने जीवन को तमाम चीजों से अधिक महत्व देते हैं। ऐसे खुशमिजाज लोगों की कुछ सामान्य आदतों पर गौर करके प्रेरणा पाई जा सकती है।
वे स्वयं को दूसरों की तरह बनाने के फेर में नहीं पड़ते। वे दूसरों के नहीं अपने प्रति ही उत्तरदायी होते हैं। उन्हें इस बात की प्रतीक्षा नहीं होती कि कोई उनकी तारीफ करेगा तभी वे जिंदगी को उस तरह से जिएंगे। वह न आलोचना से डरते हैं और न प्रशंसा से अपना रास्ता बदलते हैं।
वे कोई भी काम इसलिए करते हैं क्योंकि वह उन्हें पसंद होता है। वे किसी भी काम को ढोते नहीं हैं। किसी भी दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण के मुकाबले वे खुद की दृष्टि को प्राथमिकता देते हैं। अपने अनुभवों के अनुरूप ही अपने निर्णय लेते हैं।
वे अपने दोस्तों से प्यार करते हैं और उनकी सोहबत पसंद करते हैं लेकिन वे उन पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं होते। वे इस बात से परिचित होते हैं कि जब दोस्ती में अपेक्षा जगह बनाने लगती है तो फिर संबंध पहले की तरह नहीं रह जाते हैं।
जब भी आप उनसे पूछें कि वे क्या कर रहे हैं तो वे अपने काम से संबंधित जवाब नहीं देते बल्कि उस रोमांच के बारे में बात करते हैं जिसे वे जी रहे होते हैं। वे आपको उन जगहों के बारे में बताते हैं जहां वे जाने वाले होते हैं या फिर जहां के रोमांचक अनुभव से गदगद होते हैं। वे पेशे से इतर बात करते ही मिलेंगे।
वे किसी समुदाय या धर्म से बंधे नहीं होते और अपनी फिलॉसफी से जिंदगी जीते हैं। वे बंधे-बंधाए विचार के बजाय अपने अनुभवों से जिंदगी को देखते और तराशते हैं।
चीजों के लेकर इस तरह के लोगों के मन में डर नहीं होता। वे जानते हैं कि चीजें समय के साथ बदलेंगी और वे इस बदलाव से अवगत होते हैं। वे चीजों को निराशा के भाव से नहीं उम्मीद से देखते हैं और बदलावों का स्वागत करते हैं।
इस दुनिया को वे एक आकर्षक नाट्यमंच की तरह देखते हैं जहां वे एक पात्र की भांति हैं और हर घटना को पूरी तरह जीते हैं। वे सिर्फ एक ही चीज से बंधकर जिंदगी पूरी नहीं बिताते बल्कि अपनी रुचियों को विस्तार देने में भी कामयाब होते हैं।
वे मौजूदा क्षण को जीते हैं लेकिन भविष्य को लेकर उनके पास कुछ सपने जरूर होते हैं। हालांकि वे सपनों के पीछे भागते नहीं लेकिन सहज रूप में उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। सपनों और महत्वाकांक्षाओं के बीच के फर्क से भलीभांति परिचित होते हैं।
वे दूसरों को बदलने की कोशिश में नहीं रहते बल्कि इस बात को सीखने का प्रयास करते हैं कि उनके साथ निबाह कैसे किया जाए। वे मानते हैं कि लोग किसी के कहने से नहीं बल्कि अपनी जरूरतों और अपने अनुभवों से ही बदलते हैं।
Source: Spiritual Hindi News & Rashifal 2014
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