शोध का नेतृत्व कर रही डॉ माइरना वाइजमैन कहती हैं, 'हमारा मस्तिष्क हमारे विचारों और मनोदशाओं का आईना होता है। इमेजिंग की नई तकनीक से यह सब कुछ देखना संभव हुआ है। हमारा मस्तिष्क एक असाधारण अंग है, जो न सिर्फ हम पर नियंत्रण रखता है बल्कि हमारी मनोदशाओं से नियंत्रित भी होता है।'
नए शोध से पता चलता है कि मस्तिष्क की बाहरी सतह की मोटाई और आध्यात्मिकता में गहरा रिश्ता है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि जिन लोगों के मस्तिष्क के कॉर्टेक्स की मोटाई अधिक होती है वे आध्यात्मिक भी होते हैं।
यह तय है कि जो धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं उनके कॉर्टेक्स की मोटाई अधिक होती है। पता चला है कि जो लोग अवसाद का शिकार होते हैं उनके कॉर्टेक्स की सतह धार्मिक लोगों के मुकाबले पतली होती है।
इस शोध में ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिनके माता-पिता या दादा-दादी अवसाद से संबंधित पहले के अध्ययन में शामिल थे। इनमें से कुछ के परिवार में अवसाद पीढ़ीगत बीमारी के रूप में थी। इस समूह की तुलना ऐसे लोगों के साथ की गई, जिनमें अवसाद के कोई लक्षण नहीं थे।
जिन बातों को हम पहले से जानते हैं, उन पर विज्ञान की मुहर लगती है तो उनमें हमारा विश्वास और प्रबल होता है।
Source: Spiritual Hindi Stories & Aaj Ka Rashifal
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