Monday 24 March 2014

When india is heaven there is no need to go anywhere else

भारत दुनिया में अपनी गौरवशाली संस्कृति, आध्यात्मिक ज्ञान आैर वैचारिक गुणों के बल पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ता है।

ये विशेषताएं इसे और देशों से अलग बनाती हैं। भारत की यह परंपरा रही है कि इस देश ने सभी धर्मों को अपने यहां आश्रय दिया। यही वजह है कि भारत भूमि स्वर्ग से कम नहीं है। इस भूमि पर स्थित तीर्थ इस बात काे सिद्ध भी करते हैं।

हम हिंदू धर्म के 7 प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का उल्लेख कर रहे हैं। जो धरती पर स्वर्ग की तरह है।

1. कैलाश मानसरोवर: पुराणों में कहा गया है कि कैलाश साक्षात् भगवान शिव का निवास स्थान है। यह देवस्थान पहले भारत में ही था। पर अब यह हमारे पड़ोसी देश चीन में है। जहां हिंदुआें के प्रसिद्ध तीर्थस्थल के रूप में कैलाश अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है, वहीं यह अन्य धर्मों जैसे बौद्ध और जैन धर्मे के श्रद्धालुओं के लिए भी बहुत महत्व रखता है।

2. मां वैष्णो देवी: यह तीर्थ स्थल जम्मू और कश्मीर के जम्मू जिले में कटरा नगर के नजदीक वैष्णो त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। वैष्णो देवी को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। यहां पर भारत ही नहीं दुनियाभर से लोग मां के दर्शन के लिए आते हैं। यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है।

3. काशी विश्वनाथ: कहते हैं यह तीर्थ भगवान शिव के त्रिशूल की नाेक पर बसा है। जिसे शिव की काशी नगरी भी कहते हैं। इस नगरी को बनारस और वाराणसी के नाम से भी पहचाना जाता है। यहां शिव के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्वनाथ स्थित है। धनुष के आकार में बसी यह नगरी भगवान शिव की अत्यंत प्रिय नगरी मानी गई है।

कहते हैं कि भगवान विष्णु ने अपने चिन्तन से यहां एक पुष्कर्णी का निर्माण किया और लगभग पचास हजार वर्षों तक घोर तपस्या करते रहे। कबीर ने यहीं पर बैठकर अपने संदेश को दु‍निया में फैलाया। तुलसीदास जी ने यहीं बैठकर रामचरित मानस की रचना की। इस नगरी के बारे में पुराणों में विस्तृत वर्णन मिलता है।

ऐतिहासिक दृष्टि से अगर देखा जाए ताे काशी में सौ मंदिर थे जिन्हें मुस्लिम आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर मस्जिदों का निर्माण कराया था। मुस्लिम काल के प्रसिद्ध शासक औरंगजेब ने इसका नाम बदलकर मस्जिदें बनाई। इस बात का उल्लेख चीनी यात्री (ह्वेनसांग) के अपने भारत भ्रमण के उपरांत किया था।

4. अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म आज से 7124 वर्ष पूर्व अर्थात 5116 ईस्वी पूर्व अयोध्या में हुआ था। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्म भी अयोध्या में हुआ था। ऐतिहासिक तथ्य कहते हैं कि सन् 1528 में अयोध्या में जन्मभूमि पर बने राम मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद का निर्माण किया गया। मुगल सम्राट बाबर ने ये मस्जिद बनवाई थी इसलिए इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा गया। बाबर भारत का बादशाह नहीं था।

5. मथुरा: उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर बसा एक सुंदर शहर है। यह विश्व का प्राचीन शहर है। 500 ईसा पूर्व के प्राचीन अवशेष यहां मिले हैं, जिससे इसकी प्राचीनता सिद्ध होती है। कृष्ण जन्मभूमि हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह उसी तरह है जिस तरह की मुस्लिम धर्म की आस्था का केंद्र मक्का- मदीना।

यहां रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व यानी आज से 5125 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। इस कारागार को एक भव्य मंदिर में बदल दिया गया था, लेकिन मुस्लिम शासकों ने इसे नष्ट कर दिया।

6. तिरुपति व्यंक्टेश्वर मन्दिर: तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है।तमिल के शुरुआती साहित्य में से एक संगम साहित्य में तिरुपति को त्रिवेंगदम कहा गया है। कहा जाता है कि चोल, होयसल और विजयनगर के राजाओं का आर्थिक रूप से इस मंदिर के निर्माण में खास योगदान था।

प्रभु व्यंक्टेश्वर या बालाजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था। यह तालाब तिरुमाला के पास स्थित है।

7. तिरुमाला: तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियां, शेषनाग के सात फनों के आधार पर बनीं सप्तगिर‍ि कहलाती हैं। श्री वेंकटेश्वरैया का यह मंदिर सप्तगिरि की सातवीं पहाड़ी पर स्थित है, जो वेंकटाद्री नाम से प्रसिद्ध है।

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