Friday 21 March 2014

After getting wish fulfilled devotee will have to sweep in temple

राजस्थान का चुरु जिले के सालासर शहर में स्थित है बालाजी धाम। जहां स्थापित होने की इच्छा स्वयं बजरंगबली ने की थी। लगभग ढाई सौ साल पहले हनुमानजी के परम भक्त बाबा मोहन दास ने यहां बालाजी की स्थापना की।

दिलचस्प है कि यहां मन्नत पूरी होने पर भक्त श्रद्धा से झाडू लगाते हैं। मंदिर में ही मोहनदास जी के द्वारा लगाई गई धूनी आज भी जल रही है। कहते हैं इस धूनी में नारियल और घी अर्पित करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हाे जाते हैं।

जयपुर से 175 किलोमीटर दूर है सालासर। चुरु जिले का यह पावन धाम जहां लाखों भक्तों की आस्था का समागम होता है। मान्यता है कि पवनपुत्र हनुमान ने स्वयं इस धाम में प्रतिष्ठित होने की इच्छा जताई थी। संवत 1118 में हनुमानजी महाराज यहां विराजमान हुए।

हनुमानजी का यह मंदिर सालासर शहर के बीच में स्थित है और मंदिर परिसर के बीच में स्थित है बाबा मोहनदास का समाधि स्थल। मंदिर में आने वाले भक्त सबसे पहले यहीं माथा टेकते हैं।

यहां मौजूद मोहनदास जी भक्त ह्दया और काली दादी के आगे शीष झुकाना कोई नहीं भूलता। इसके बाद ही भक्त सालसर के हनुमानजी के दर्शन करने जाते हैं और मनवांछित वरदान मांगते हैं।

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