Monday 28 April 2014

Live today as if he is not to touch relive the tension

एक बुनियादी स्तर पर, मनुष्य होने के नाते हम सब एक समान हैं, हम में से हर एक सुख की आकांक्षा रखता है और हम में से प्रत्येक दुख नहीं झेलना चाहता। आज, बढ़ती मान्यता, साथ ही ठोस वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो हमारी चित्त की स्थिति और सुख के बीच घनिष्ठ संबंध की पुष्टि करता है।

एक ओर हममें से कई ऐसे समाजों में रहते हैं जो भौतिक रूप से बहुत विकसित हैं, पर फिर भी हमारे बीच कई ऐसे हैं जो बहुत सुखी नहीं हैं। समृद्धि के सुन्दर धरातल के नीचे एक प्रकार की मानसिक अशांति है, जो निराशा, अनावश्यक झगड़े, नशीली दवाइयों या शराब पर निर्भरता, और सबसे बुरी स्थिति में आत्महत्या है।

ऐसी कोई गारंटी नहीं है कि केवल धन आपको आनंद अथवा जो तृप्ति आप चाहते हैं वह दे सकता है। यही आपके मित्रों के संबंध में भी कहा जा सकता है। जब आप क्रोध या घृणा की एक तीव्र अवस्था में होते हैं तो एक बहुत अंतरंग मित्र भी आपको एक प्रकार से ठंढा, सर्द, अलग और कष्टदायी प्रतीत हो सकता है।

परन्तु, मनुष्य के रूप में हमें यह अद्भुत मानव बुद्धि की भेंट मिली है। इसके अतिरिक्त, सभी मनुष्यों में दृढ़ संकल्प और उस दृढ़ता को वे जिस किसी दिशा में चाहें निर्धारित करने की क्षमता होती है। जब तक हम यह स्मरण रखें कि हमारे पास मानव बुद्धि की अनोखी भेंट है और दृढ़ता के विकास की क्षमता है और उसका उपयोग सकारात्मक ढंग से करते हैं, हम अपने अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कर पाएंगे।

यह अनुभव कि हममें यह महान मानव क्षमता है हमें आधारभूत शक्ति देता है। यह मान्यता ऐसे तंत्र के रूप में कार्य कर सकती है जो हमें बिना आशा खोए अथवा कम आत्म सम्मान की भावना में डूबे, किसी भी कठिनाई से निपटने के लिए क्षमता प्रदान करती है, फिर चाहे हम किसी भी प्रकार की परिस्थिति का सामना क्यों न कर रहे हों।..

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