Saturday 19 April 2014

Somewhere in your horoscope sum not kaal sarap yoga

यदि जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहू और केतु के एक ही बाजू में स्थित हों तो ऐसी ग्रह स्थिति को कालसर्प योग कहते हैं।

यह योग ठीक नहीं माना जाता है। जिसकी कुंडली में यह योग होता है, उसमें शारीरिक एवं मानसिक दुर्बलता और निराशा की भावना बनी रहती है।

ऐसे में व्यक्ति अपने अंत की कामना करने लगता है। उसे आर्थिक तंगी परेशान करती है। पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव बना रहता है।

पर इन सभी परेशानियों का कारण आपको कालसर्प योग लगता है, तो इसे दूर किया जा सकता है। बस, आप अगर इन उपायों को आजमाएं तो काफी हद तक इस समस्या से छुटकारा हासिल कर सकते हैं।

1. तांबे के किसी भी आकार की नाग प्रतिमा बनवाकर उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर, शिवमंदिर में चढ़ाएं।

2. नियमित रूप से हनुमानजी की उपासना के साथ शनिवार को सुंदरकाण्ड के पाठ के साथ ऊँ हं हनुमंते रुद्रात्मकाये हुं फट् मंत्र का 1 माला जप करने से कालसर्प योग के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

3. महीने के पहले बुधवार को नीले कपड़े में काले उड़द बांधकर वट वृक्ष की 108 परिक्रमा आरंभ करें।

4. ग्रहणकाल में किसी ऐसे शिव मंदिर की पिंडी पर पांचमुखी नाग की तांबे की मूर्ति अपनी श्रद्धानुसार लगवाएं, जिस पर पहले से नागदेवता नहीं हों।

5. जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्व योग हो, उसे कालसर्प योग लॉकेट धारण करना चाहिए।ऐसा यंत्र चांदी द्वारा निर्मित कराया जाता है। यंत्र का आकार सर्प के फैले हुए फन जैसा होता है।

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