Monday 19 May 2014

Marita inl disruption

विवाह के बाद दो अलग-अलग घरों, विचारों, व्यक्तित्व के लोग आपस में मिलकर अपनी गृहस्थी का शुरुआत करते हैं। यदि वधू-वर के घर में पितृदोष के कारण संतानहीनता हो अथवा उत्पन्न संतति अपरिपक्व या अल्पायु हो तो वैवाहिक जीवन में समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसी योग्य पंडितजी की सलाह पर नारायण नागबलि विधि करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए।

अनिष्ट ग्रहों के कारण होने वाली समस्या के निवारण के लिए ग्रहों के जप, होम और दान करें या सत्यपुरुष के चरित्र का वाचन कर सकते हैं। यदि अनजाने कारणों से दंपत्ति में अनबन हो तो विवाह होम एक दो वर्षों के बाद करते रहें।

पति के अविचारी, लोभी या दुष्ट होने पर पत्नियां अगर रोज श्री रुक्मिणी स्वयंवर का पाठ अगर करती है। तो उन्हें इस समस्या से निजात मिल जाएगी।

प्रदोष तिथि के दिन उमा-महेश्वर का पूजन करें। यदि इतना करने के बावजूद पति-पत्नी में में दरार बढ़ती जाए और बात तलाक तक पहुंच जाए तो दोनों में से एक या दोनों 16 सोमवार का व्रत करें मनोकामना जरूर पूरी होगी।

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