Thursday 22 May 2014

Shanidev is the birthday of lord shani jayanti

इस बार शनि जयंती त्रिपर्व संयोग के साथ आ रही है। पहले दिन सोम प्रदोष, दूसरे दिन शिव चतुर्दशी और तीसरे दिन शनि जयंती मिलकर यह संयोग बना रहे हैं। सर्वार्थसिद्धि योग होने से यह दिन और खास बन गया है।

शनि जयंती 28 मई बुधवार को आएगी। अमावस्या मंगलवार रात 11.45 बजे से बुधवार रात 12.09 बजे तक रहेगी। सर्वार्थसिद्धि योग बुधवार सुबह 5.13 बजे से दिवस पर्यंत रहेगा। ज्योतिर्विद्‌ श्यामजी बापू के अनुसार हवन-पूजन और साधना की दृष्टि से सर्वार्थसिद्धि योग खास है।

शनि दशा से पीड़ित जातकों के लिए यह दिन मंगलकारी होगा। वर्तमान में शनि अपनी उच्च राशि तुला में है, जो 02 नवंबर तक रहेगा। इस दिन शाम 5.56 बजे रोहिणी नक्षत्र लगेगा।

न्याय के देवता हैं शनि

ज्योतिर्विद देवेंद्र सिंह कुशवाह के मुताबिक के मुताबिक शास्त्रों में शनि को न्याय का देवता कहा गया है। मान्यता है कि शनि जयंती पर दान-पूजन से जातक शनि दोष से मुक्त होता है। इस दिन तिल-उड़द, काले कपड़े, लोहे की सामग्री दान करने का विधान है।

साढ़े साती के जातकों के लिए महत्वपूर्ण

पं. धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि शनि जयंती पर बने त्रिपर्व संयोग के चलते तीन दिन शिव और शनि आराधना के लिए खास हैं। 26 मई को सोम प्रदोष, 27 को शिव चतुर्दशी और 28 को शनि जयंती रहेगी।

शनि के अधिष्ठाता देव भगवान शिव हैं। दो दिन शिव पूजन और अंतिम दिन शनि पूजन शुभ फल प्रदान करेगा। शिव पूजन से शनि की प्रसन्नाता प्राप्त होगी। कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर साढ़े साती और कर्क व मीन पर शनि का ढैया है। इन जातकों को तीन दिन पूजन करना हितकारी रहेगा।

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