Saturday 3 May 2014

Saturday worship the shani dev

ज्योतिष के अनुसार शनि देव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। यानी सभी लोगों के अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही देते हैं। यही वजह है कि से इन्हें क्रूर देवता माना जाता है।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो उसे जीवनभर संघर्ष करना पड़ता है। शनि के बुरे प्रभावों को दूर करने या कम करने के शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं।

माह के हर शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर विशेष दीपक, तेल, रुई की बत्ती आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और शनि देव का ध्यान करें और अशुभ प्रभावों को दूर करने की प्रार्थना करें।

ऐसे तैयार करें विशेष दीपक?

दीपक चार मुख (जिस दीपक को एक साथ चार जगह से जलाया जा सके) का होना चाहिए। इस प्रकार दीपक में दो रुई की लंबी बत्तियां लगाएं और दोनों बत्तियों के चार मुंह दीपक से बाहर निकालें। अब चारों ओर से दीपक को जलाएं। यह दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे रखें और शनिदेव से प्रार्थना करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष की सात परिक्रमा लगाएं।

घर लौटकर एक कटोरी में तेल लें, उसमें अपना चेहरा देखें और इस तेल का दान करें। इस प्रकार यह उपाय अपनाने से शनि दोषों का प्रभाव अवश्य कम हो जाएगा।

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