Wednesday 24 September 2014

Hardcore maoist accused surrendered by jhiram attack

झीरम घाटी में कांग्रेस के काफिले पर हमले में शामिल रहे नक्सली जागेश्वर कोमरा उर्फ प्रमोद (22) पिता बैजनाथ निवासी मलमेटा ताड़ोकी ने मंगलवार को कांकेर एसपी कार्यालय पहुंचकर बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी, कांकेर कलेक्टर अलरलमेलमंगई डी व एसपी राजेंद्र नारायण दास के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उक्त हार्डकोर नक्सली पर कुल आठ लाख रूपए का इनाम घोषित किया गया था।

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि जागेश्वर कोमरा को वर्ष 2009 में अंतागढ़ एलओएस कमाण्डर राकेश ने नक्सली संगठन में भर्ती किया था। उसे कोरर एलओएस के कमाण्डर रमेश द्वारा प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया। उसने कमांडर अर्जुन के गार्ड के रूप में काम किया। मार्च 2014 तक वह जगरगुंडा एरिया कमेटी में नक्सली पापाराव का सहयोगी रहा।

जागेश्वर इंसास रायफल तथा 03 मैग्जीन पकड़ता था, जगरगुण्डा से उसका ट्रांसफर केश्काल एरिया कमेटी में किया गया जहां उसने सचिव सरिता के साथ काम किया। इसी दौरान नक्सलियों की शोषणकारी नीतियों से तंग आकर उसने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया तथा पुलिस अधीक्षक के सूत्रों के माध्यम से आत्मसमर्पण के लिए पुलिस अधीक्षक कांकेर के समक्ष पहुंचा। जागेश्वर मई-2013 में हुये झीरम घाटी हमले में बटालियन नंबर 02 के सदस्य के रूप में शामिल था। लोकसभा चुनाव 2014 में चितांगुफा थाना क्षेत्र में कोबरा बटालियन के तीन जवानों की हत्या, 2009 में आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के सोड़े से तीन पुलिस वालों को अपहरण करने एवं अन्य छोटी बड़ी वारदातों में शामिल रहने की बात वह स्वीकार करता है।

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