Thursday 18 September 2014

Stepmother lit up with tongs beaten by father

कबीर नगर में घर का काम नहीं करने पर दो मासूम बहनों को चिमटे से जलाया जाता था। दोनों को कमरे में बंद करके पीटा जाता था। उन्हें घर से बाहर निकाल दिया जाता था। यहां तक खाना तक नहीं दिया जाता था। मासूम बच्चियां आसपास से मांगकर अपना पेट भरती थी। अगर कोई खाना नहीं देते थे तो भूखे ही सो जाते थे। यह घटना है कबीर नगर की।

आसपास वालों की शिकायत के बाद पुलिस की टीम ने कबीर नगर में दबिश दी और दोनों बहन को चंगुल से छुड़ाया। आरोपी बाप को हिरासत में ले लिया है। आजाद चौक सीएसपी भगवान सिंह राठौर ने बताया कि कबीर नगर में छह माह पहले मेरठ निवासी कमल हसन (26) पत्नी अंजली के साथ रहने आया। डेढ़ माह पहले वह अपनी दो बेटी रानी (11) और नंदिनी (10) (दोनों का बदला हुआ नाम है) को लेकर रायपुर आ गया।

यहां लाने के बाद दोनों बच्चियों को प्रताड़ित करने लगे। रानी ने पुलिस को बयान दिया है कि उनकी मां उसे घर का पूरा काम करने को कहती है। नहीं करने पर मारती है। चिमटा को गरम करके उन्हें जलाती है। घटना के संबंध में किसी को नहीं बताने की धमकी देती थी। जब वे लोग खाना मांगते हैं तो खाने तक नहीं देती है।

जब वे अपने पिता से इसकी शिकायत करते हैं, तो उल्टा वे उन्हें छड़ी से मारते हैं। बच्चियों ने बताया कि उनके हाथ, चेहरे, पीठ और पैर को चिमटी से जला दिया गया है। कई दिनों तक दर्द से सो नहीं पाई है। दोनों बहन के बयान के आधार पर आरोपी कमल हसन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

सौतेली मां की प्रताड़ना

पुलिस ने बताया कि कमल हसन मूलतः मेरठ का रहने वाला है। वह दिल्ली में काम करता था। उसने अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया है। रानी और नंदिनी पहली पत्नी के बच्चे हैं। दो साल पूर्व कमल ने अंजली से लव मैरिज की है। वह उसे लेकर रायपुर आ गया। यहां वह कैटरिंग का काम करता था। अंजली गर्भवती है। इसलिए पुलिस ने उसे हिरासत में नहीं लिया है। बच्चों ने बयान दिया है कि वे मां के जाने के बाद अपने दादा-दादी के साथ मेरठ में रहती थी। कमल उन्हें रायपुर लेकर आया है।

पुलिस ने नहीं दिया ध्यान

पुलिस ने बताया कि बच्चों को खाना नहीं दिया जाता था। दोनों खाना के लिए तरसते थे। इसलिए दोनों बच्चियां आसपास के घरों में खाना मांगने जाने जाती थीं। उन्होंने आसपास वालों को बताया कि उनकी मां उन्हें बहुत मारती है। खाना नहीं देती है। लोगों ने इस नजरअंदाज कर दिया। जब बच्चों के शरीर पर चोट का निशान देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। आमानाका थाना प्रभारी वैजयंती माला तिग्गा ने बताया कि शिकायत मिलने पर वह खुद मौके पर गई थी। दोनों पति-पत्नी को समझाइश देकर आई थी। लेकिन दोबारा शिकायत मिली है तब कार्रवाई की गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि चाइल्ड हेल्प लाइन को भी इसकी सूचना दी गई थी।

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