Wednesday 17 September 2014

Narayanpur seven maoists surrender

जिला मुख्यालय में एक महिला माओवादी डॉक्टर समेत 7 माओवादियों ने आईजी एसआरपी कल्लूरी एवं सीआरपीएफ के डीआईजी केके मिश्रा के समक्ष आत्मसमर्पण किया। बेनूर थाने के ओंगनार गांव की 25 साल की सुकली वड्डे छटी कंपनी में प्लाटून नंबर दो की बी सेक्शन की सदस्या थी। वह एरिया की डॉक्टर भी थी।

उसने बताया कि वह 2006 में बेनूर एलओएस में पश्चिम बस्तर के 18 नंबर प्लाटून के कमाण्डर सुरेश के कहने पर एलओएस सदस्य के तौर पर संगठन में शामिल हुई। बेनूर एलओएस में दो माह काम करने के बाद वह केशकाल के किसकोड़ो एरिया के कमाण्डर राजू दादा उर्फ के रामचंद्र रेड्डी ने उसे डॉक्टरी सीखने कहा। एरिया डॉक्टर राजेश ने उसे डॉक्टरी सिखाई। एक साल काम करने के बाद उसे किसकोड़ो एवं अंतागढ़ एलओएस का एक साल तक सदस्य बनाया गया। फिर वह 18 नंबर प्लाटून में चली गई।

वह 2008 तक वहां रही। इस दौरान कंपनी नंबर 6 का गठन किया गया। वह इस कंपनी में शामिल हो गई। उसे इसके बी सेक्शन का सदस्य बनाया गया। ये इस दौरान नक्सली नेता राजू दादा, कोसा, सुधाकर, अर्जुन, कमलेश, उर्मिला, सुजाता, राजमन मण्डावी, विजय, रतन उर्फ पुसू एव संपत उर्पᆬ छठ्ठे के संपर्क में रही। वह 2010 में महारबेड़ा की वारदात में शािमल थी।

इसमें 27 जवान शहीद हुए थे। 2011 में झारा कैम्प में हमले में वह शामिल थी। इसमें 5 जवान शहीद हुए थे। वह नक्सलियों की नीति से परेशान होकर समाज की मुख्यधारा में लौटी। उसने बिना हथियार समर्पण किया। इसके अलावा नक्सली दयाराम नाग, बालकृष्ण उर्फ कृष्णा नाग, ललित कुमार पोटाई, गुड्डू मेडम उर्फ पवन कुमार प्रधान, कोलिया उर्फ सुदराम नेताम एवं तिलानंद उर्फ गुड्डा प्रधान ने भी समर्पण किया। ये केशकाल एरिया के बारदा दलम के एलजीएस सदस्य थे।

सभी बेनूर थाने के चिंगनार गांव के निवासी है। इन पर नारायणपुर एसपी ने दस-दस हजार रूपए का ईनाम रखा था। ये 2008 से नक्सली संगठन में काम कर रहे थे। ये नक्सलियों के लिए बैठक और भोजन की व्यवस्था करते थे। फिर एलजीएस कमाण्डर फूलसिंह ने बारदा एलजीएस में शामिल कर लिया। ये नक्सली नेता पवन, कमलेश, सरिता एवं फूलसिंह के संपर्क में थे। ये 2011 में चिंगनार में सीएएफ आरक्षक की हत्या एवं 2014 के चुनाव में मतदान दल पर हमले की घटना में शामिल थे। आंध्र के नक्सलियों की भेदभाव की नीति के कारण वे परेशान थे। इन्होंने बिना हथियार समर्पण किया।

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