Thursday 25 September 2014

Power-shortage-maybe-in-state

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोल ब्लॉक आवंटन निरस्त किए जाने से बिजली का संकट हो सकता है, क्योंकि बिजलीघरों में कोल संकट के आसार बन रहे हैं। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मुकाबले मध्यप्रदेश के बिजलीघरों में कोयले के लिए निर्भरता निजी सेंटर पर कम है। इस वजह से कोर्ट के निर्णय का असर प्रदेश में कम नजर आएगा।

वहीं जानकारों की राय में निजी सेंटर से खदानें छिनने के बाद अगले 6 माह तक कोल इंडिया इनका संचालन करेगी जिससे देश भर में कोयले की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर गहरा सकता है। एमपी पावर जनरेशन कंपनी पहले ही आवंटित कोल स्टॉक नियमित रूप से नहीं उठा पा रही है ऐसे में यदि कटौती शुरू हो गई तो थर्मल स्टेशनों में फ्यूल सप्लाई प्रभावित होना तय है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के प्रमुख थर्मल पावर स्टेशनों को कोयले की सप्लाई के लिए केंद्र सरकार ने साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड की कोरबा स्थित खदानों से लिंकेज दे रखा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ की सभी 39 खदानें निरस्त कर दी गई है।

बिजलीघरों में कोल सप्लाई (मीट्रिक टन)

प्लांट प्रतिमाह आवंटन वार्षिक आवंटन

संजय गांधी 5.33 लाख 64 लाख

सतपुड़ा 6.60 लाख 79.29 लाख

अमरकंटक 1.66 लाख

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