सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर नर्मदा तट नेमावर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार दोपहर तक 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु नर्मदा में डुबकी लगाकर अपने पितरों के तर्पण हेतु विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठान कर चुके थे। सुरक्षा की दृष्टि से सभी घाटों पर प्रशासन और पुलिस ने चाक चौबंद व्यवस्था की।
पौराणिक मान्यता अनुसार नर्मदा के नाभि कुंड नेमावर से पांच किलोमीटर दूर पांच लड्डू में भगवान परशुराम ने अपने पिता ऋषि जमदग्नि और माता रेणकुा को पिंड दान किया था। इसलिए पितृ तर्पण हेतु जो महत्व गया (बिहार) का है, उसी तरह का महत्व नेमावर का भी है।
चौदस (मंगलवार) से ही नेमावर आने वाले श्रद्धालुओं का रेला लग गया था और रात तक 2.50 लाख से ज्यादा लोग नेमावर पहुंच गए थे। बुधवार दोपहर 12 बजे तक 4.25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु नेमावर पहुंच चुके थे। उधर सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए एसपी अभयसिंह के निर्देशन में पुलिस के जवानों ने ट्रैफिक से लेकर घाटों तक मोर्चा संभाल रखा है।
इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 59 ए) पर गुराड़िया फाटे से लेकर हंडिया तक वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और परिवर्तित मार्ग कुसमानिया से विक्रमपुर, हरणगांव, दीपगांव होते हुए नसरुल्लागंज मार्ग होकर वाहन गुजर रहे हैं।
पौराणिक मान्यता अनुसार नर्मदा के नाभि कुंड नेमावर से पांच किलोमीटर दूर पांच लड्डू में भगवान परशुराम ने अपने पिता ऋषि जमदग्नि और माता रेणकुा को पिंड दान किया था। इसलिए पितृ तर्पण हेतु जो महत्व गया (बिहार) का है, उसी तरह का महत्व नेमावर का भी है।
चौदस (मंगलवार) से ही नेमावर आने वाले श्रद्धालुओं का रेला लग गया था और रात तक 2.50 लाख से ज्यादा लोग नेमावर पहुंच गए थे। बुधवार दोपहर 12 बजे तक 4.25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु नेमावर पहुंच चुके थे। उधर सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए एसपी अभयसिंह के निर्देशन में पुलिस के जवानों ने ट्रैफिक से लेकर घाटों तक मोर्चा संभाल रखा है।
इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 59 ए) पर गुराड़िया फाटे से लेकर हंडिया तक वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और परिवर्तित मार्ग कुसमानिया से विक्रमपुर, हरणगांव, दीपगांव होते हुए नसरुल्लागंज मार्ग होकर वाहन गुजर रहे हैं।
Source: MP News in Hindi and Chhattisgarh News in Hindi
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