Wednesday, 24 September 2014

Motherfather had left him to die made of hospital staff favorite

मालनपुर में हॉटलाइन फैक्टरी के सामने झाड़ियों में मिली 10 माह की बच्ची को उसके माता-पिता ने भले ही मरने के लिए फेंक दिया था, लेकिन अब जिला अस्पताल में वह नर्सिंग स्टाफ की चहेती बनी हुई है। हॉस्पिटल में उसका नाम भी दिया गया है, उसे गुनगुन नाम मिला है। गुनगुन की देखभाल शिशु वार्ड की 4 नर्सिंग सिस्टर कर रही हैं। गुनगुन की तबीयत में भी अब सुधार हो रहा है।

गुनगुन का बैड, ड्यूटी रूम के पास

शिशु वार्ड में गुनगुन को नर्सिंग सिस्टर ने अपने ड्यूटी रूम के पास वाले बैड पर रखा है, जिससे गुनगुन उनकी आंखों के सामने रहे और वे उसे भूख लगने पर तत्काल दूध पिला सकें। मंगलवार दोपहर में सिस्टर रामबाई रैपुरिया, कविता कुशवाह, संगीता पटेल, ज्योति कुशवाह और वार्ड ब्वॉय रमेश कुमार शाक्य बिल्कुल परिवार की तरह देखभाल कर रहे हैं।

3 परिवार आए गुनगुन को लेने

जन्म के बाद असली मां-पिता को भले ही गुनगुन बोझ लगी थी, जिससे उसे झाड़ियों में फेंक दिया गया था। लेकिन अब उसे गोद लेने के लिए 3 परिवार आगे आए हैं। इनकी ओर से जिला बाल कल्याण बोर्ड के पास आवेदन आए हैं।

अभी 2 दिन अस्पताल में रहेगी

गुनगुन की हालत में भले ही सुधार है, लेकिन अभी उसे एहतियात के तौर पर करीब 2 दिन और जिला अस्पताल में रखा जाएगा। तबीयत में पूरी तरह से सुधार होने के बाद ही गुनगुन को बाल कल्याण बोर्ड के सुपुर्द किया जाएगा।

बच्ची की तबीयत में सुधार है। हमारा स्टाफ भी उसकी देखभाल कर रहा है। साथ ही हमने उसके बारे में बाल कल्याण बोर्ड को सूचना दी है।

डॉ. केके दीक्षित, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल भिंड

बच्ची को गोद लेने के लिए 3 परिवारों के आवेदन आए हैं। इन पर बच्ची के स्वस्थ होने के बाद हमारा बोर्ड निर्णय लेगा।

डॉ. गुलाब सिंह, अध्यक्ष, जिला बाल कल्याण बोर्ड, भिंड

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