छत्तीसगढ़ के सैकड़ों ऐसे व्यापारी अब वाणिज्यिककर विभाग के निशाने पर आ गए हैं, जिन्होंने पिछले चार साल से टैक्स की अदायगी नहीं की है। कोरबा में एक व्यापारी की शिकायत के बाद कि उसे टैक्स अदा करने का आदेश ही नहीं मिला है। विभाग ने जब इस बात की जांच कराई तो यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि प्रदेशभर के सैकड़ों व्यापारियों पर करीब पांच सौ करोड़ रुपए बकाया है।
इन व्यापारियों के साथ-साथ अब वाणिज्यिककर विभाग के वे अधिकारी और कर्मचारी भी निशाने पर आ गए हैं, जिन्होंने वसूली के लिए आदेश जारी नहीं किए और न ही आरआरसी (रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी करने के अधिकार का इस्तेमाल किया। मामले की शुरुआती जांच में कोरबा के तीन लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है।
शुरू कर दी जांच
'नईदुनिया' ने गुरुवार को इस सिलसिले में प्रकाशित खबर में जानकारी दी थी कि सेल्स टैक्स अदा न करने वाले व्यापारियों पर विभाग के अफसर मेहरबान हैं, लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। छत्तीसगढ़ में सेल टैक्स चोरी और वसूली में लापरवाही करने का यह मामला पांच अरब रुपयों का है। वाणिज्यिककर विभाग के कमिश्नर आरएस विश्वकर्मा के अनुसार इस मामले की व्यापक स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है।
पिछले चार साल के सेल टैक्स बकायादारों का रिकॉर्ड निकाला जा रहा है। मोटे तौर पर माना जा रहा है कि व्यापारियों ने पांच सौ करोड़ रुपयों का राजस्व अदा नहीं किया। जिस स्तर पर व्यापारियों की ओर से गड़बड़ी की गई है, उससे अधिक दोषी विभाग के वे अधिकारी-कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने वसूली के लिए जरूरी कानूनी कदम नहीं उठाए। टैक्स अदा न करने वाले व्यापारियों के साथ ही वसूली न कर पाने के लिए जिम्मेदार अफसरों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।
कोरबा से मिली शिकायत से खुला मामला
सेल टैक्स विभाग को कोरबा के एक व्यापारी की शिकायत मिली कि उसे टैक्स अदा करने के लिए कोई नोटिस अथवा सूचना नहीं मिली है। इस मामले की जांच से पता लगा कि वसूली के लिए 340 आदेश जारी किए गए, लेकिन ये आदेश व्यापारियों तक पहुंचे ही नहीं। मामले की जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए कोरबा के तीन लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है। बाद में प्रदेश भर के ऐसे सभी मामलों की जांच की गई तो यह सारा मामला सामने आया।
आरआरसी के अधिकार का नहीं किया इस्तेमाल
वाणिज्यिककर विभाग के अधिकारियों के यह कानूनी अधिकार है कि टैक्स अदा न करने वाले व्यापारी के खिलाफ आरआरसी जारी की जाए। इसके बाद भी टैक्स न देने वाले व्यापारी के खिलाफ उसकी अचल संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है, लेकिन पिछले चार साल के बकाएदारों के मामलों में विभाग के अधिकारियों ने गड़बड़ी इस तरह की कि बड़ी संख्या में व्यापारियों को टैक्स वसूली आदेश ही नही पहुंचा। जिन्हें आदेश मिला, उनसे टैक्स न मिलने के बाद आरआरसी जारी नहीं की गई।
इन व्यापारियों के साथ-साथ अब वाणिज्यिककर विभाग के वे अधिकारी और कर्मचारी भी निशाने पर आ गए हैं, जिन्होंने वसूली के लिए आदेश जारी नहीं किए और न ही आरआरसी (रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी करने के अधिकार का इस्तेमाल किया। मामले की शुरुआती जांच में कोरबा के तीन लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है।
शुरू कर दी जांच
'नईदुनिया' ने गुरुवार को इस सिलसिले में प्रकाशित खबर में जानकारी दी थी कि सेल्स टैक्स अदा न करने वाले व्यापारियों पर विभाग के अफसर मेहरबान हैं, लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। छत्तीसगढ़ में सेल टैक्स चोरी और वसूली में लापरवाही करने का यह मामला पांच अरब रुपयों का है। वाणिज्यिककर विभाग के कमिश्नर आरएस विश्वकर्मा के अनुसार इस मामले की व्यापक स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है।
पिछले चार साल के सेल टैक्स बकायादारों का रिकॉर्ड निकाला जा रहा है। मोटे तौर पर माना जा रहा है कि व्यापारियों ने पांच सौ करोड़ रुपयों का राजस्व अदा नहीं किया। जिस स्तर पर व्यापारियों की ओर से गड़बड़ी की गई है, उससे अधिक दोषी विभाग के वे अधिकारी-कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने वसूली के लिए जरूरी कानूनी कदम नहीं उठाए। टैक्स अदा न करने वाले व्यापारियों के साथ ही वसूली न कर पाने के लिए जिम्मेदार अफसरों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।
कोरबा से मिली शिकायत से खुला मामला
सेल टैक्स विभाग को कोरबा के एक व्यापारी की शिकायत मिली कि उसे टैक्स अदा करने के लिए कोई नोटिस अथवा सूचना नहीं मिली है। इस मामले की जांच से पता लगा कि वसूली के लिए 340 आदेश जारी किए गए, लेकिन ये आदेश व्यापारियों तक पहुंचे ही नहीं। मामले की जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए कोरबा के तीन लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है। बाद में प्रदेश भर के ऐसे सभी मामलों की जांच की गई तो यह सारा मामला सामने आया।
आरआरसी के अधिकार का नहीं किया इस्तेमाल
वाणिज्यिककर विभाग के अधिकारियों के यह कानूनी अधिकार है कि टैक्स अदा न करने वाले व्यापारी के खिलाफ आरआरसी जारी की जाए। इसके बाद भी टैक्स न देने वाले व्यापारी के खिलाफ उसकी अचल संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है, लेकिन पिछले चार साल के बकाएदारों के मामलों में विभाग के अधिकारियों ने गड़बड़ी इस तरह की कि बड़ी संख्या में व्यापारियों को टैक्स वसूली आदेश ही नही पहुंचा। जिन्हें आदेश मिला, उनसे टैक्स न मिलने के बाद आरआरसी जारी नहीं की गई।
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh News
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