Thursday, 25 September 2014

The cycle now students will be given to isi

साइकिल खरीदी में पिछले साल हुए विवाद के बाद राज्य सरकार ने नियम में बदलाव किया है। इस वर्ष स्कूली छात्राओं को फिर से साइकिल दी जाएगी। छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास निगम ( सीएसआईडीसी) ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है । 30 सितंबर तक साइकिल निर्माता कंपनियां ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। सीएसआईडीसी ने इस बार आईएसआई मार्क वाली साइकिल खरीदने का फैसला लिया है।

वहीं इस बार निर्माता कंपनियां ही टेंडर में शामिल हो सकती हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस बार भी 22 इंच की साइकिल खरीदी के लिए टेंडर जारी किया गया है। साइकिल की साइज को लेकर पिछले साल विवाद हो चुका है, लेकिन इस बार आदिम जाति और स्कूल शिक्षा विभाग एक ही मंत्री के पास होने की वजह से विवाद की आशंका कम नजर आ रही है।

अक्टूबर तक तय होगी आरसी

ऑनलाइन आवेदन जमा होने का सिलसिला शुरू हो गया है। आवेदन आने के बाद उनकी जांच होगी। टेक्निकल और फाइनेंशियल बीड खोला जाएगा। विभागीय अफसरों के मुताबिक अक्टूबर अंत तक साइकिल खरीदी के लिए रेट क्रान्टै्रक्ट (आरसी) हो जाएगा। वहीं ब्लैक कलर की ही साइकिल इस बार दी जाएगी। पिछले वर्ष पांच कंपनियों से साइकिल वितरण के लिए कान्ट्रैक्ट किया गया था।

35 सौ की एक साइकिल

विभागीय सूत्र बताते हैं कि पिछले वर्ष करीब 2500 से लेकर 3000 तक साइकिल की कीमत तय थी । साल के अंत में नक्सल प्रभावित इलाकों में साइकिल सप्लाई नहीं होने की वजह से इसकी राशि नकद छात्राओं को दी गई थी। इस बार आईएसआई मार्क की साइकिल होने की वजह से दाम 3500 रुपए तक जा सकता है।

22 इंच साइकिल खरीदी पर था विवाद

पिछले वर्ष वित्त विभाग और तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बीच 22 इंच साइकिल खरीदी को लेकर विवाद हुआ था। बताते हैं कि श्री अग्रवाल ने 20 इंच की साइकिल खरीदी के लिए नोटशील लिखी थी लेकिन वित्त विभाग ने उसे नहीं माना। वहीं तत्कालीन आदिम जाति मंत्री केदार कश्यप ने विभाग के तहत स्कूली छात्राओं के लिए 22 इंच की साइकिल खरीदी थी। फिलहाल आदिम जाति और स्कूल शिक्षा विभाग इस बार केदार कश्यप के पास हैं।

छात्राओं को गुणवत्तायुक्त साइकिल मिल सके, इसके लिए सीएसआईडीसी ने आईएसआई मार्क और निर्माता कंपनी से ही साइकिल खरीदने का फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है । रेट और कंपनी तय करने के बाद संबंधित विभाग को जानकारी दे दी जाएगी। इसके बाद क्वालिटी कंट्रोल से लेकर भुगतान संबंधी सभी मामले संबंधित विभाग ही तय करेंगे।

सुनील मिश्रा, एमडी, सीएसआईडीसी

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