अमरकंटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के जिला व विभाग स्तर के कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्र में संघ कार्य को प्रभावी ढंग से विस्तार देने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा से ही हिंदू समाज को संगठित करने का मंत्र मिलता है। शाखा का विस्तार गांव गांव तक हो ऐसी मन में धारणा बनाकर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि संघ कार्य एक दैवीय कार्य है ऐसा मन में विचार रखकर आगे बढ़ें। भारत माता विश्व शिखर पर विराजमान हो उसके लिए निरंतर संघकार्य को गति दें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि चार दिन तक यहां रहकर जो सीखा है उसको अपने क्षेत्र में कार्य रूप में परिणित करें। किसी भी क्षेत्र को खाली नहीं छोड़ना है। हर क्षेत्र में संघ का कार्यकर्ता हो।
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्वगुरू के रूप में खड़ा होगा। समापन सत्र के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत दोपहर डेढ़ बजे अमरकंटक से रवाना हो गए हैं। उनके जाने के बाद मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ से आए तकरीबन चार सौ कार्यकर्ता भी अपने अपने क्षेत्र के लिए प्रस्थान कर गए हैं। संघ के इस वर्ग में महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक राजकुमार मटाले, प्रांत कार्यवाह डॉ. भरतशरण सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
वह पांच दिन जिसमें मिली सीख
संघ के इस कार्यकर्ता विकास वर्ग में मध्यप्रदेश के तीन प्रांत तथा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के तकरीबन चार सौ कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। अपेक्षित कार्यकर्ताओं के अलावा एक भी ऐसा व्यक्ति इस वर्ग में प्रवेश नहीं कर पाया जो इनके अतिरिक्त रहा हो। 13 सितंबर की शाम कार्यकर्ता यहां पहुंच गए थे और अपना पांच दिन का समय यहां बिताया। संघ प्रमुख मोहन भागवत 15 सितंबर की शाम साढे सात बजे अमरकंटक पहुंचे थे। संघ प्रमुख के सानिध्य में कार्यकर्ताओं को राष्ट्र सेवा की सीख मिली।
उन्होंने कहा कि संघ कार्य एक दैवीय कार्य है ऐसा मन में विचार रखकर आगे बढ़ें। भारत माता विश्व शिखर पर विराजमान हो उसके लिए निरंतर संघकार्य को गति दें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि चार दिन तक यहां रहकर जो सीखा है उसको अपने क्षेत्र में कार्य रूप में परिणित करें। किसी भी क्षेत्र को खाली नहीं छोड़ना है। हर क्षेत्र में संघ का कार्यकर्ता हो।
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्वगुरू के रूप में खड़ा होगा। समापन सत्र के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत दोपहर डेढ़ बजे अमरकंटक से रवाना हो गए हैं। उनके जाने के बाद मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ से आए तकरीबन चार सौ कार्यकर्ता भी अपने अपने क्षेत्र के लिए प्रस्थान कर गए हैं। संघ के इस वर्ग में महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक राजकुमार मटाले, प्रांत कार्यवाह डॉ. भरतशरण सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
वह पांच दिन जिसमें मिली सीख
संघ के इस कार्यकर्ता विकास वर्ग में मध्यप्रदेश के तीन प्रांत तथा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के तकरीबन चार सौ कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। अपेक्षित कार्यकर्ताओं के अलावा एक भी ऐसा व्यक्ति इस वर्ग में प्रवेश नहीं कर पाया जो इनके अतिरिक्त रहा हो। 13 सितंबर की शाम कार्यकर्ता यहां पहुंच गए थे और अपना पांच दिन का समय यहां बिताया। संघ प्रमुख मोहन भागवत 15 सितंबर की शाम साढे सात बजे अमरकंटक पहुंचे थे। संघ प्रमुख के सानिध्य में कार्यकर्ताओं को राष्ट्र सेवा की सीख मिली।
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh News
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