सुप्रीम कोर्ट द्वारा 214 कोल ब्लॉक आवंटन को निरस्त करने का फैसला सुनाए जाने के बाद प्रदेश को लगभग 11 सौ करोड़ का फटका लगा है। इसमें राज्य खनिज विकास निगम ने अपनी ज्वाईंट वेंचर कंपनियों के साथ मिलकर 10 कोल ब्लॉक को डेवलप करने में लगभग 1000 करोड़ स्र्पए खर्च किए थे। ऐसे में सरकार को लगभग 400 और ज्वाईंट वेंचर कंपनियों (जेपी सीमेंट, एसीसी सीमेंट, मॉनिट और सैनिक कंपनी) को 600 करोड़ का झटका लगा है।
वहीं एस्सार और हिंडाल्कों को ज्वाईंट वेंचर प्रोजेक्ट महान कोल ब्लॉक आवंटन निरस्त होने से लगभग 100 करोड़ का फटका लगा है। तीन अन्य निजी कोल ब्लॉकों पर संशय है। यह साफ नहीं हो पाया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त 214 कोल ब्लॉकों में इनके नाम हैं कि नहीं।
इनमें बीएलए पावर कंपनी का गोटीटोरिया ईस्ट कोल ब्लॉक, प्रिज्म सीमेंट का सियाल घोघरी कोल ब्लॉक और जेपी सीमेंट का मंडला नार्थ कोल ब्लॉक शामिल है। जानकारों का कहना है कि यदि यह तीनों कोल ब्लॉक भी निरस्त हो जाते हैं तो इन कंपनियों को 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो सकता है।
वहीं एस्सार और हिंडाल्कों को ज्वाईंट वेंचर प्रोजेक्ट महान कोल ब्लॉक आवंटन निरस्त होने से लगभग 100 करोड़ का फटका लगा है। तीन अन्य निजी कोल ब्लॉकों पर संशय है। यह साफ नहीं हो पाया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त 214 कोल ब्लॉकों में इनके नाम हैं कि नहीं।
इनमें बीएलए पावर कंपनी का गोटीटोरिया ईस्ट कोल ब्लॉक, प्रिज्म सीमेंट का सियाल घोघरी कोल ब्लॉक और जेपी सीमेंट का मंडला नार्थ कोल ब्लॉक शामिल है। जानकारों का कहना है कि यदि यह तीनों कोल ब्लॉक भी निरस्त हो जाते हैं तो इन कंपनियों को 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो सकता है।
Source: Chhattisgarh News in Hindi and MP News in Hindi
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