मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें तात्या टोपे पर लिखी अपनी किताब की पहली प्रति भेंट की।उन्होंने कहा कि मैंने इस किताब के जरिए कुछ तथ्यात्मक त्रुटियों को ठीक करने का प्रयास किया है।
यादव ने बताया कि तात्या टोपे के संबंध में कई भ्रांतियां हैं,उनके संबंध में बच्चों को पढ़ाया जाता है कि तात्या टोपे को अंग्रेजों ने फांसी दी थी,जबकि एक अन्य किताब में पढ़ाया जाता है कि तात्या टोपे को नहीं,बल्कि किसी ओर को फांसी दी गई थी।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने तथ्यों की पड़ताल करके अपनी किताब में सही तथ्य पेश किए हैं, इसके मुताबिक टोपे को अंग्रेजों ने ही फांसी दी थी।
यादव ने कहा कि मप्र सरकार की हिंदी ग्रंथ अकादमी की सामान्य ज्ञान की किताब में भी संविध्ाान की झंडा समिति के संबंध में गलत तथ्य पेश किए गए हैं,इस पर मैंने सरकार को पत्र लिखकर त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करा दिया है। उन्होंने कहा कि झंडा समिति में जे.डी. कृपलानी को अध्यक्ष बताया गया है,जबकि वे तो समिति मे सदस्य तक नहीं रहे,वास्तविकता यह है कि डा राजेंद्र प्रसाद इस समिति के अध्यक्ष थे।
कोई और मकसद नहीं
यादव ने कहा कि उनकी दिल्ली यात्रा का मकसद राष्ट्रपति को किताब भेंट करना ही था,इसके अलावा कोई और वजह नहीं थी,इस्तीफे के संबंध में उन्होंने कहा कि इस बारे में उनसे अब तक कोई बात नहीं की गई है।
यादव ने बताया कि तात्या टोपे के संबंध में कई भ्रांतियां हैं,उनके संबंध में बच्चों को पढ़ाया जाता है कि तात्या टोपे को अंग्रेजों ने फांसी दी थी,जबकि एक अन्य किताब में पढ़ाया जाता है कि तात्या टोपे को नहीं,बल्कि किसी ओर को फांसी दी गई थी।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने तथ्यों की पड़ताल करके अपनी किताब में सही तथ्य पेश किए हैं, इसके मुताबिक टोपे को अंग्रेजों ने ही फांसी दी थी।
यादव ने कहा कि मप्र सरकार की हिंदी ग्रंथ अकादमी की सामान्य ज्ञान की किताब में भी संविध्ाान की झंडा समिति के संबंध में गलत तथ्य पेश किए गए हैं,इस पर मैंने सरकार को पत्र लिखकर त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करा दिया है। उन्होंने कहा कि झंडा समिति में जे.डी. कृपलानी को अध्यक्ष बताया गया है,जबकि वे तो समिति मे सदस्य तक नहीं रहे,वास्तविकता यह है कि डा राजेंद्र प्रसाद इस समिति के अध्यक्ष थे।
कोई और मकसद नहीं
यादव ने कहा कि उनकी दिल्ली यात्रा का मकसद राष्ट्रपति को किताब भेंट करना ही था,इसके अलावा कोई और वजह नहीं थी,इस्तीफे के संबंध में उन्होंने कहा कि इस बारे में उनसे अब तक कोई बात नहीं की गई है।
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh News
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