हिंदू उत्सव समिति की मांग पर गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने भी गरबा महोत्सव में परिचय पत्र अनिवार्य करने की मांग का समर्थन किया है। दरअसल, बुधवार को हिंदू उत्सव समिति के प्रतिधिनिमंडल ने गृह मंत्री गौर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। समिति की मांग थी कि गरबा में प्रवेश के लिए सभी के लिए परिचय पत्र (आईडी) अनिवार्य किया जाए।
हिउस के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा के मुताबिक उनकी मांग पर गौर ने बड़े तीर्थ स्थलों का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह बड़े तीर्थ स्थलों में परिचय पत्र देखा जाता है, उसी तरह गरबा में भी होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इसे अमल में लाने के लिए गरबा आयोजक व समिति सदस्य जिला प्रशासन के साथ बैठक करें। इसके बाद निर्णय लें। हालांकि जब इस बारे में गृह मंत्री गौर से बात की तो उन्हों 'नो कमेंट्स कहकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
बुधवार को समिति के साथ करीब 150 लोग जूलूस की शक्ल में गृहमंत्री से मिलने पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल में महंत चंद्रमादास त्यागी, महंत जगदीश महाराज, ज्ञानी दलीप सिंघ, भंते शाक्यपुत्र सागर, पं. विष्णु राजोरिया, विधायक रामेश्वर शर्मा, समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा, सुनील चंद्रवंशी, संतोष गुप्ता सहित कई समाजों के प्रमुख लोग मौजूद थे।
समिति की मांगें
गरबा उत्सव विशुद्ध रूप से हिंदू धर्म का धार्मिक व सांस्कृतिक उत्सव है। कोई मनोरंजन का शो नही है। अत: गरबा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की हिंदू धर्म में और हमारी संस्कृति में आस्था का प्रमाण अनिवार्य हो। इसके लिए प्रत्येक गरबा महोत्सव का आरंभ वंदे मातरम गान से हो। इससे धर्म चेतना एवं राष्ट्र चेतना का संचार होगा।
तय हो जिम्मेदारी
उत्सव में प्रवेश के पूर्व प्रत्येक व्यक्ति का परिचय पत्र चेक किया जाए और गरबा में शामिल होने आया व्यक्ति यदि मुस्लिम है, तो उसे उसके परिवार की महिलाओं के साथ होने पर ही प्रवेश दिया जाए। किसी भी हालात में अकेले मुस्लिम युवा को गरबा में प्रवेश न दिया जाए। अगर उस व्यक्ति की वजह से कोई व्यवधान होता है, तो जिम्मेदारी तय की जाए।
वचन पत्र लें
गरबा में मुस्लिम युवाओं को प्रवेश देने के पूर्व उनसे वचन पत्र भी लिया जाए कि उसे हिंदू धर्म के इस गरबा उत्सव में पूरी आस्था है। साथ ही वह गरबा में शामिल होकर पवित्रता और गरिमा को भंग नहीं करेगा।
प्रशासन नहीं करेगा हस्तक्षेप
गरबा महोत्सव में किसे प्रवेश दें या न दें यह समितियों का मामला है। इसमें प्रशासन कोई हस्तक्षेप नहीं कर करेगा। - बीएस जामोद, एडीएम
हिउस के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा के मुताबिक उनकी मांग पर गौर ने बड़े तीर्थ स्थलों का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह बड़े तीर्थ स्थलों में परिचय पत्र देखा जाता है, उसी तरह गरबा में भी होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इसे अमल में लाने के लिए गरबा आयोजक व समिति सदस्य जिला प्रशासन के साथ बैठक करें। इसके बाद निर्णय लें। हालांकि जब इस बारे में गृह मंत्री गौर से बात की तो उन्हों 'नो कमेंट्स कहकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
बुधवार को समिति के साथ करीब 150 लोग जूलूस की शक्ल में गृहमंत्री से मिलने पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल में महंत चंद्रमादास त्यागी, महंत जगदीश महाराज, ज्ञानी दलीप सिंघ, भंते शाक्यपुत्र सागर, पं. विष्णु राजोरिया, विधायक रामेश्वर शर्मा, समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा, सुनील चंद्रवंशी, संतोष गुप्ता सहित कई समाजों के प्रमुख लोग मौजूद थे।
समिति की मांगें
गरबा उत्सव विशुद्ध रूप से हिंदू धर्म का धार्मिक व सांस्कृतिक उत्सव है। कोई मनोरंजन का शो नही है। अत: गरबा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की हिंदू धर्म में और हमारी संस्कृति में आस्था का प्रमाण अनिवार्य हो। इसके लिए प्रत्येक गरबा महोत्सव का आरंभ वंदे मातरम गान से हो। इससे धर्म चेतना एवं राष्ट्र चेतना का संचार होगा।
तय हो जिम्मेदारी
उत्सव में प्रवेश के पूर्व प्रत्येक व्यक्ति का परिचय पत्र चेक किया जाए और गरबा में शामिल होने आया व्यक्ति यदि मुस्लिम है, तो उसे उसके परिवार की महिलाओं के साथ होने पर ही प्रवेश दिया जाए। किसी भी हालात में अकेले मुस्लिम युवा को गरबा में प्रवेश न दिया जाए। अगर उस व्यक्ति की वजह से कोई व्यवधान होता है, तो जिम्मेदारी तय की जाए।
वचन पत्र लें
गरबा में मुस्लिम युवाओं को प्रवेश देने के पूर्व उनसे वचन पत्र भी लिया जाए कि उसे हिंदू धर्म के इस गरबा उत्सव में पूरी आस्था है। साथ ही वह गरबा में शामिल होकर पवित्रता और गरिमा को भंग नहीं करेगा।
प्रशासन नहीं करेगा हस्तक्षेप
गरबा महोत्सव में किसे प्रवेश दें या न दें यह समितियों का मामला है। इसमें प्रशासन कोई हस्तक्षेप नहीं कर करेगा। - बीएस जामोद, एडीएम
Source: Chhattisgarh News in Hindi and MP News in Hindi
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