बेल कांटों की झूले में झुलती काछनदेवी ने बुधवार की शाम आशीर्वाद और दशहरा मनाने की अनुमति भक्तों को दी। इसके साथ ही अन्य देवी देवताओं को आमंत्रण पत्र भेजा गया। अश्विन अमावस बुधवार की शाम पुलिस लाइन भंगाराम चौक स्थित काछन गुड़ी में पारंपरिक रूप से पूजा-अनुष्ठान हुआ।
जहां 9 दिनों से व्रतधारी नाबालिग बालिका विशाखा को देवी की सवारी आने पर उसे बेल कांटों से तैयार झूले पर बिठाया गया। काछनदेवी ने राजपरिवार के सदस्यों सहित अन्य भक्तों को प्रसाद और आशीर्वाद देकर पर्व मनाने की अनुमति दी।
इससे पूर्व राजपरिवार के सदस्य पर्व मनाने की अनुमति लेने गाजे-बाजे के साथ काछनगुड़ी पहुंचे थे। इनमें राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव, हरिहरचंद भंजदेव, सुकमा जमींदार के सदस्य कुमार जयदेव, महापौर किरण देव, दशहरा समिति के अध्यक्ष व सांसद दिनेश कश्यप, उपाध्यक्ष लच्छूराम कश्यप, मंत्री केदार कश्यप, राजगुरु नवीन ठाकुर, राज पुरोहित जोगेंद्र महापात्र सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी ओर भक्त शामिल थे।
जहां 9 दिनों से व्रतधारी नाबालिग बालिका विशाखा को देवी की सवारी आने पर उसे बेल कांटों से तैयार झूले पर बिठाया गया। काछनदेवी ने राजपरिवार के सदस्यों सहित अन्य भक्तों को प्रसाद और आशीर्वाद देकर पर्व मनाने की अनुमति दी।
इससे पूर्व राजपरिवार के सदस्य पर्व मनाने की अनुमति लेने गाजे-बाजे के साथ काछनगुड़ी पहुंचे थे। इनमें राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव, हरिहरचंद भंजदेव, सुकमा जमींदार के सदस्य कुमार जयदेव, महापौर किरण देव, दशहरा समिति के अध्यक्ष व सांसद दिनेश कश्यप, उपाध्यक्ष लच्छूराम कश्यप, मंत्री केदार कश्यप, राजगुरु नवीन ठाकुर, राज पुरोहित जोगेंद्र महापात्र सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी ओर भक्त शामिल थे।
Source: Chhattisgarh News in Hindi and MP News in Hindi
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