इंचियोन एशियाड में भोपाल का नाम भी चमका है। आईएफएस माता-पिता की बेटी वर्षा बर्मन ने शूटिंग के डबल ट्रेप इवेंट में टीम कांस्य पदक हासिल किया है। 13 साल की उम्र से शूटिंग का शौक रखने वाली वर्षा खेल के अलावा पढ़ाई में भी उतनी ही अव्वल रही है।
वर्षा बर्मन ने इंचियोन एशियाड में शूटिंग की डबल ट्रेप प्रतियोगिता में अपनी टीम को जीत दिलाई और भारत के लिए कांस्य पदक हासिल किया। वे 13 साल की उम्र की थीं तब उन्होंने पिस्टल से शूटिंग की शुरुआत की थी और इसके बाद 12 बोर की बंदूक को पकड़ लिया। अब तक वे 10 इंटरनेशनल और करीब 22 नेशनल लेवल के मैडल पाकर अपने देश और मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ा चुकी हैं।
पढ़ाई में भी अव्वल
वर्षा हावर्ड यूनिवर्सिटी में इस समय अंडर ग्रेज्यूएशन कर रही है। उसका 2014 में हावर्ड यूनिवर्सिटी ने स्कॉलरशिप के लिए चयन किया है। वर्षा ने 12 वीं की परीक्षा में भी सीबीएसई बोर्ड में राज्य में जहां टॉप किया था तो वहीं देश में उसकी तीसरी रैंक रही थी। इस प्रकार वर्षा खेल ही नहीं पढ़ाई में भी उतनी ही आगे है।
माता-पिता का सपोर्ट
वर्षा के पिता विनय बर्मन 1984 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और इस समय वे मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड के सीईओ हैं। उनकी माता हेमावती भी 1986 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं। वे ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर संचालक के पद पर सेवारत हैं। पिता विनय बर्मन भी रायफल शूटर हैं। उनका एक बड़ा भाई विनीत है। विनय बर्मन बताते हैं कि वर्षा पढ़ाई और खेल दोनों में ही काफी आगे रही है। वह मध्यप्रदेश शूटिंग एकाडेमी की सदस्य भी है और उसे मध्यप्रदेश सरकार ने काफी सपोर्ट किया है।
वर्षा बर्मन ने इंचियोन एशियाड में शूटिंग की डबल ट्रेप प्रतियोगिता में अपनी टीम को जीत दिलाई और भारत के लिए कांस्य पदक हासिल किया। वे 13 साल की उम्र की थीं तब उन्होंने पिस्टल से शूटिंग की शुरुआत की थी और इसके बाद 12 बोर की बंदूक को पकड़ लिया। अब तक वे 10 इंटरनेशनल और करीब 22 नेशनल लेवल के मैडल पाकर अपने देश और मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ा चुकी हैं।
पढ़ाई में भी अव्वल
वर्षा हावर्ड यूनिवर्सिटी में इस समय अंडर ग्रेज्यूएशन कर रही है। उसका 2014 में हावर्ड यूनिवर्सिटी ने स्कॉलरशिप के लिए चयन किया है। वर्षा ने 12 वीं की परीक्षा में भी सीबीएसई बोर्ड में राज्य में जहां टॉप किया था तो वहीं देश में उसकी तीसरी रैंक रही थी। इस प्रकार वर्षा खेल ही नहीं पढ़ाई में भी उतनी ही आगे है।
माता-पिता का सपोर्ट
वर्षा के पिता विनय बर्मन 1984 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और इस समय वे मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड के सीईओ हैं। उनकी माता हेमावती भी 1986 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं। वे ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर संचालक के पद पर सेवारत हैं। पिता विनय बर्मन भी रायफल शूटर हैं। उनका एक बड़ा भाई विनीत है। विनय बर्मन बताते हैं कि वर्षा पढ़ाई और खेल दोनों में ही काफी आगे रही है। वह मध्यप्रदेश शूटिंग एकाडेमी की सदस्य भी है और उसे मध्यप्रदेश सरकार ने काफी सपोर्ट किया है।
Source: Chhattisgarh News in Hindi and MP News in Hindi
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