खनियांधाना के टेकरी हनुमान मंदिर पर मनीराम और तुलाराम के परिवार के 10 सदस्यों ने गुरुवार को फिर से हिन्दू धर्म अपना लिया। सभी ने गंगाजल से स्नान करके मंदिर में हवन किया।14 महीने तक मुस्लिम रहने के बाद मनीराम (अब्दुल्ला) और उसकी पत्नी मक्खो (अमीना) ने कहा कि उन्हें स्वतः प्रेरणा हुई, जिसके बाद वे फिर से हिन्दू धर्म स्वीकार करने जा रहे हैं।
मुस्लिम धर्म स्वीकार करने के दौरान उन्हें समय-समय पर मुस्लिम समाज के द्वारा रुपए-पैसों से मदद दी जाती रही थी। हम लोग बहक गए थे। मनीराम के बेटे कासिम व इब्राहिम ने 10 दिन का समय मांगा है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्हें भी समझा लिया जाएगा।
दोबारा हिन्दू धर्म अपनाने पर किसने क्या कहा
मेरा हृदय परिवर्तन हो गया और मुझे लगा कि इतना बड़ा समाज मुझे अपनाने के लिए खड़ा है तो मैंने अपनी पत्नी मक्खो के साथ फिर से हिन्दू धर्म अपना लिया है। मैं रास्ता भटक गया था, लेकिन अब मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिन्दू हूं।- मनीराम
हिन्दू धर्म सबसे पुराना सनातन धर्म है। हम लोग बहकावे में आ गए थे, लेकिन अब हमें अपने पथ से कोई डिगा नहीं सकता है। किताबें पढ़कर और कासिम के कहने पर हमने मुस्लिम धर्म अपनाने की सोची थी, लेकिन अब हम कभी धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे।- तुलाराम
गंगाजल से किया पवित्र, फिर हिन्दू धर्म की ली दीक्षा
खनियांधाना के टेकरी हनुमान मंदिर पर मुस्लिम धर्म अपना चुके अब्दुल्ला (मनीराम), अमीना (मक्खो बाई), नीलेश, समरथ(शाहिद), जयनम (गीता), अब्दुल करीम (तुलाराम), सकीना, रामसखी, प्रीतम, इल्यास (सरदार ) और प्रीतम ने हिन्दू धर्म को अपना लिया। हिन्दू धर्म की दीक्षा लेने से पहले पुरुष सदस्यों की दाढ़ी बनाई गई और इन्हें गंगाजल डालकर पवित्र किया गया। इसके बाद सभी सदस्यों को लेकर हिन्दू संगठन (विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल) टेकरी हनुमान मंदिर पहुंचे जहां विधि-विधान के अनुसार सभी सदस्यों से पूजा-पाठ कराकर यज्ञ कराया गया।
24 घंटे पहले ही उतार दी थी टोपी, लगा लिया टीका
शिवपुरी में मंगलवार को धर्म परिवर्तन करने आए सभी 10 लोगों पर बुधवार की शाम पुलिस ने खनियांधाना थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद से तमाम हिन्दू संगठन इन दोनों परिवारों को वापस लाने की कोशिश कर रहे थे। बजरंग दल के जिला महामंत्री मनोज शर्मा के मुताबिक हिन्दू धर्म अपनाने से पहले मनीराम ने अपनी टोपी उतार दी थी और मस्तक पर टीका लगा लिया था।
सरकारी सुविधाएं छीन जाती
अगर एससी-एसटी धर्म परिवर्तन करते हैं, तो उन्हें सामान्य वर्ग में माना जाता है। इस स्थिति में सरकारी नौकरी में छूट, इंदिरा आवास, छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, जमीन का मुफ्त पट्टा, बीपीएल कार्ड समेत अन्य एससी-एससी कोर्ट से मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाती हैं।
केके खरे, कमिश्नर ग्वालियर संभाग
मुस्लिम धर्म स्वीकार करने के दौरान उन्हें समय-समय पर मुस्लिम समाज के द्वारा रुपए-पैसों से मदद दी जाती रही थी। हम लोग बहक गए थे। मनीराम के बेटे कासिम व इब्राहिम ने 10 दिन का समय मांगा है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्हें भी समझा लिया जाएगा।
दोबारा हिन्दू धर्म अपनाने पर किसने क्या कहा
मेरा हृदय परिवर्तन हो गया और मुझे लगा कि इतना बड़ा समाज मुझे अपनाने के लिए खड़ा है तो मैंने अपनी पत्नी मक्खो के साथ फिर से हिन्दू धर्म अपना लिया है। मैं रास्ता भटक गया था, लेकिन अब मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिन्दू हूं।- मनीराम
हिन्दू धर्म सबसे पुराना सनातन धर्म है। हम लोग बहकावे में आ गए थे, लेकिन अब हमें अपने पथ से कोई डिगा नहीं सकता है। किताबें पढ़कर और कासिम के कहने पर हमने मुस्लिम धर्म अपनाने की सोची थी, लेकिन अब हम कभी धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे।- तुलाराम
गंगाजल से किया पवित्र, फिर हिन्दू धर्म की ली दीक्षा
खनियांधाना के टेकरी हनुमान मंदिर पर मुस्लिम धर्म अपना चुके अब्दुल्ला (मनीराम), अमीना (मक्खो बाई), नीलेश, समरथ(शाहिद), जयनम (गीता), अब्दुल करीम (तुलाराम), सकीना, रामसखी, प्रीतम, इल्यास (सरदार ) और प्रीतम ने हिन्दू धर्म को अपना लिया। हिन्दू धर्म की दीक्षा लेने से पहले पुरुष सदस्यों की दाढ़ी बनाई गई और इन्हें गंगाजल डालकर पवित्र किया गया। इसके बाद सभी सदस्यों को लेकर हिन्दू संगठन (विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल) टेकरी हनुमान मंदिर पहुंचे जहां विधि-विधान के अनुसार सभी सदस्यों से पूजा-पाठ कराकर यज्ञ कराया गया।
24 घंटे पहले ही उतार दी थी टोपी, लगा लिया टीका
शिवपुरी में मंगलवार को धर्म परिवर्तन करने आए सभी 10 लोगों पर बुधवार की शाम पुलिस ने खनियांधाना थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद से तमाम हिन्दू संगठन इन दोनों परिवारों को वापस लाने की कोशिश कर रहे थे। बजरंग दल के जिला महामंत्री मनोज शर्मा के मुताबिक हिन्दू धर्म अपनाने से पहले मनीराम ने अपनी टोपी उतार दी थी और मस्तक पर टीका लगा लिया था।
सरकारी सुविधाएं छीन जाती
अगर एससी-एसटी धर्म परिवर्तन करते हैं, तो उन्हें सामान्य वर्ग में माना जाता है। इस स्थिति में सरकारी नौकरी में छूट, इंदिरा आवास, छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, जमीन का मुफ्त पट्टा, बीपीएल कार्ड समेत अन्य एससी-एससी कोर्ट से मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाती हैं।
केके खरे, कमिश्नर ग्वालियर संभाग
Source: MP News in Hindi and Chhattisgarh News
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