Monday, 1 September 2014

10 dams will be built in areas populated disaster management plan

आबादी वाले इलाकों पर बने सभी बांधों के लिए राज्य सरकार विशेष आपदा प्रबंधन प्लान तैयार कराने जा रही है। केंद्रीय जल आयोग की सिफारिश पर इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर के लिए कॉप्रिहेंसिव डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार कराने के बाद प्रदेश में 10 और ऐसे बांध चिन्हित हुए हैं।

प्रदेश सरकार के निर्देश पर राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान ने इन बांधों की ज्योग्राफी, आबादी क्षेत्र, भू-गर्भीय स्थिति आदि पहलुओं पर व्यापक अध्ययन शुरू कर दिया है। सभी बांधों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग कांप्रिहेंसिव डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार होंगे, ताकि इनके डाउन स्ट्रीम में रहने वाली आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आपदा प्रबंधन संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक बांध मध्यप्रदेश में ही हैं1

दूसरे राज्य भी बांधों के रखरखाव के संबंध में मध्यप्रदेश से मदद मांगते हैं। इस दृष्टि से आबादी को प्रभावित करने वाले सभी बांधों के लिए वर्ल्ड बैंक के स्टैंडर्ड के अनुरूप आपदा प्रबंधन की प्लानिंग की जा रही है। ग्वालियर संभाग के 3, जबलपुर संभाग के 3, भोपाल संभाग के 3 एवं नर्मदापुरम संभाग के 1 बांध का चयन किया गया है।

इन बांधों के लिए बनेगा आपदा प्लान

-संजय सागर (गोमुख), गुना

-गोपीकृष्ण सागर, गुना

-चांदपाठा, शिवपुरी

-दूधी प्रोजेक्ट, राजगढ़

-कोलार, सीहोर

-वरना, रायसेन

-तवा, होशंगाबाद

-नहलेसराह, बालाघाट

-अरी टैंक, सिवनी

-संजय सरोवर, सिवनी

इनका कहना है

ऐसे बांध जिनकी डाउन स्ट्रीम में आबादी क्षेत्र आते हैं, उन बांधों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। राज्य शासन के निर्देश पर एसडीएमए इन बांधों की भौगोलिक और भूगर्भीय स्थितियों का अध्ययन कर रहा है।

-दिलीप सिंह, भू-वैज्ञानिक, राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान

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