बालको में सुरक्षाकर्मी की मौत पर आधी रात को जमकर बवाल हुआ। ड्यूटी के दौरान सुरक्षाकर्मी की मौत नहीं होने की बात कहते हुए प्रबंधन ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया। इसके बाद नाराज सुरक्षाकर्मियों ने बालको संयंत्र के सभी गेट को बंद कर दिए। कुछ जगह में पथराव कर तोड़फोड़ भी किया गया। अफसरों व सुरक्षाकर्मियों के बीच झूमाझटकी भी हुई। अंततः प्रबंधन झुका और मृत सुरक्षाकर्मी के परिजनों को 5.50 लाख रुपए मुआवजा देने तैयार हो गया। तब जाकर आंदोलन समाप्त हुआ।
शनिवार को बालको में नियोजित आईएसएस एसडीबी कंपनी के सुरक्षा कर्मी सोम बहादुर की कार्य के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी और उपचार के लिए रायपुर ले जाते वक्त रास्त में मौत हो गई थी। घटना के बाद आक्रोशित सुरक्षा कर्मियों ने 5.50 लाख रुपए मुआवजा की मांग लेकर बालको के मटेरियल गेट स्थित सुरक्षा कार्यालय में शव रखकर घेराव कर दिया था। प्रबंधन द्वारा मुआवजा देने में टालमटोल किए जाने से घेराव शनिवार की देर रात्रि तक चला।
सुरक्षाकर्मियों ने कर दिया पथराव
अर्द्धरात्रि तक प्रबंधन के अधिकारी अड़े हुए थे, तभी नाराज सुरक्षाकर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान अधिकारियों के साथ तू-तू, मैं-मैं के साथ झूमाझटकी भी हुई। नाराज कुछ सुरक्षाकर्मियों ने मटेरियल गेट स्थित सुरक्षा कार्यालय में पथराव कर दिया। इससे कार्यालय में लगा कांच की खिड़की टूट गई और सामान क्षतिग्रस्त हो गया। बाद में प्रबंधन द्वारा मुआवजा के रूप में 5.50 लाख रुपए देने में सहमति जताई गई, तब सुरक्षाकर्मियों ने घेराव समाप्त किया।
वार्ता के दौरान बालको प्रबंधन की ओर से आईआर हेमंत भाटिया, एचआर से अंबरीश पांडेय, सुरक्षा अधिकारी एसएन शर्मा, नीलकंठम व बीएमएस की ओर से राजेंद्र मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे। हमारे बालको प्रतिनिधि ने बताया कि देर रात्रि तक काफी संख्या में सुरक्षा कर्मी मटेरियल एवं एल्युमिना गेट में जमे हुए थे। इस वजह से रात्रि पाली में भी ठेकाकर्मी व नियमित कामगार न तो अंदर जा सके और न ही बाहर निकल पाए।
शव को रखा गया मर्च्युरी में
सुरक्षाकर्मियों ने शव को आधी रात तक मटेरियल गेट के समीप ही रखा हुआ था। जब समझौता वार्ता हो गया और प्रबंधन ने 50 हजार तत्काल सहायता के तौर पर उपलब्ध कराते हुए शेष राशि बैंक खाते में डालने का आश्वासन दिया। तब शव को बालको चिकित्सालय स्थित मर्च्युरी में रखा गया। रविवार को वाहन की व्यवस्था कर संध्या मृतक सोम बहादुर के गृह ग्राम जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) रवाना किया गया।
गेट में लगा जाम
काफी संख्या में उपस्थित सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेराव किए जाने से जहां मटेरियल गेट में जाम लगा रहा। एल्यूमिना गेट में भी कर्मियों का आना-जाना ठप रहा। रात्रि पाली में कोई भी कर्मचारी प्लांट के अंदर न तो जा सका और न ही बाहर निकल सका। भारी वाहन सहित नियमित व ठेका मजदूरों का प्लांट के अंदर आवागमन ठप रहा।
प्रबंधन ने 5.50 लाख रुपए मुआवजा देने में सहमति जता दी है। तात्कालिक सहायता के तौर पर 50 हजार दिए गए हैं, जबकि शेष पांच लाख रुपए सात दिवस के भी मृतक कर्मी के परिजनों के खाते में हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। - राजेंद्र मिश्रा, महामंत्री, बालको कर्मचारी संघ
शनिवार को बालको में नियोजित आईएसएस एसडीबी कंपनी के सुरक्षा कर्मी सोम बहादुर की कार्य के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी और उपचार के लिए रायपुर ले जाते वक्त रास्त में मौत हो गई थी। घटना के बाद आक्रोशित सुरक्षा कर्मियों ने 5.50 लाख रुपए मुआवजा की मांग लेकर बालको के मटेरियल गेट स्थित सुरक्षा कार्यालय में शव रखकर घेराव कर दिया था। प्रबंधन द्वारा मुआवजा देने में टालमटोल किए जाने से घेराव शनिवार की देर रात्रि तक चला।
सुरक्षाकर्मियों ने कर दिया पथराव
अर्द्धरात्रि तक प्रबंधन के अधिकारी अड़े हुए थे, तभी नाराज सुरक्षाकर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान अधिकारियों के साथ तू-तू, मैं-मैं के साथ झूमाझटकी भी हुई। नाराज कुछ सुरक्षाकर्मियों ने मटेरियल गेट स्थित सुरक्षा कार्यालय में पथराव कर दिया। इससे कार्यालय में लगा कांच की खिड़की टूट गई और सामान क्षतिग्रस्त हो गया। बाद में प्रबंधन द्वारा मुआवजा के रूप में 5.50 लाख रुपए देने में सहमति जताई गई, तब सुरक्षाकर्मियों ने घेराव समाप्त किया।
वार्ता के दौरान बालको प्रबंधन की ओर से आईआर हेमंत भाटिया, एचआर से अंबरीश पांडेय, सुरक्षा अधिकारी एसएन शर्मा, नीलकंठम व बीएमएस की ओर से राजेंद्र मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे। हमारे बालको प्रतिनिधि ने बताया कि देर रात्रि तक काफी संख्या में सुरक्षा कर्मी मटेरियल एवं एल्युमिना गेट में जमे हुए थे। इस वजह से रात्रि पाली में भी ठेकाकर्मी व नियमित कामगार न तो अंदर जा सके और न ही बाहर निकल पाए।
शव को रखा गया मर्च्युरी में
सुरक्षाकर्मियों ने शव को आधी रात तक मटेरियल गेट के समीप ही रखा हुआ था। जब समझौता वार्ता हो गया और प्रबंधन ने 50 हजार तत्काल सहायता के तौर पर उपलब्ध कराते हुए शेष राशि बैंक खाते में डालने का आश्वासन दिया। तब शव को बालको चिकित्सालय स्थित मर्च्युरी में रखा गया। रविवार को वाहन की व्यवस्था कर संध्या मृतक सोम बहादुर के गृह ग्राम जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) रवाना किया गया।
गेट में लगा जाम
काफी संख्या में उपस्थित सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेराव किए जाने से जहां मटेरियल गेट में जाम लगा रहा। एल्यूमिना गेट में भी कर्मियों का आना-जाना ठप रहा। रात्रि पाली में कोई भी कर्मचारी प्लांट के अंदर न तो जा सका और न ही बाहर निकल सका। भारी वाहन सहित नियमित व ठेका मजदूरों का प्लांट के अंदर आवागमन ठप रहा।
प्रबंधन ने 5.50 लाख रुपए मुआवजा देने में सहमति जता दी है। तात्कालिक सहायता के तौर पर 50 हजार दिए गए हैं, जबकि शेष पांच लाख रुपए सात दिवस के भी मृतक कर्मी के परिजनों के खाते में हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। - राजेंद्र मिश्रा, महामंत्री, बालको कर्मचारी संघ
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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