Monday, 1 September 2014

They have seducted threatened me but i will not leave the battle field says roopdhar

अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ अकेले बचे प्रत्याशी अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के रूपधर पुड़ो ने कहा कि उन्हें चुनाव मैदान से हटने के लिए प्रलोभन भी दिया गया और धमकियां भी मिलीं। उनके साथियों को आपराधिक मामले में फंसाने की चेतावनी भी दी गई, इसके बावजूद वे नहीं डरे और चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।

हालांकि धमकी और प्रलोभन के संबंध में उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया। उनका कहना है कि वे इस चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के प्रत्याशी का डटकर मुकाबला करेंगे। कांग्रेस के समर्थन के सवाल पर श्री पुड़ो का कहना है कि इस बारे में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी ही कोई फैसला लेंगे।

गरमाई है राजनीति

रूपधर पुड़ो ने रविवार रात नईदुनिया से चर्चा की। शनिवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन की सुबह से लेकर नाम वापसी के अंतिम समय तक वे संपर्क से बाहर थे। इससे पहले उनका नामांकन वापस कराने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन नाम वापस न करने के प्रयासों के तहत क्षेत्र से बाहर निकल गए थे। नामांकन वापसी का समय समाप्त होने के बाद वे अपने पार्टी मुख्यालय नागपुर पहुंचे। इधर अंतागढ़ से लेकर राजधानी रायपुर तक इस उपचुनाव को लेकर चली उठापटक के कारण राजनीति गरमाई हुई थी।

कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार के मैदान से हटने के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि अगर रूपधर कांग्रेस का समर्थन लेने को तैयार होंगे तो पार्टी उनका समर्थन करेगी। रूपधर पुड़ो से समर्थन लेने के संबंध में पूछे जाने पर उनका कहना था कि इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव फैसला करेंगे। पार्टी कांग्रेस के समर्थन के मुद्दे पर विचार कर रही है।

नाम वापस लेने के लिए हुए प्रयास

रूपधर पुड़ो अंतागढ़ उपचुनाव में भाजपा के बाद अकेले बचे प्रत्याशी हैं। कांग्रेस सहित दस अन्य प्रत्याशी अपना नाम वापस ले चुके हैं। अब तक आरोपों की शक्ल में यह बात सामने आई है कि कांग्रेस सहित अन्य सभी निर्दलीय प्रत्याशियों को प्रलोभन देकर नाम वापस कराया गया है। यह चर्चा भी काफी तेजी से फैली की रूपधर की कड़ी घेराबंदी की जा रही है और हर हाल में उनका नाम वापस कराने का प्रयास किया जा रहा है। रूपधर ने यह स्वीकार किया है कि उनका नाम वापस कराने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किया गया।

उनका कहना है कि उनसे भी नाम वापसी का प्रस्ताव लिखकर देने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया। फिलहाल हम लोगों को अपने उन साथियों की चिंता है, जिन्हें फंसाने की बात धमकी के रूप में कही जा चुकी है। हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी भी तरह के प्रलोभन और धमकी से डरने का कोई सवाल ही नहीं है।

No comments:

Post a Comment