Thursday, 4 September 2014

Clean chit for dismissed ias officer tinu joshi given by the income tax

बर्खास्‍त आईएएस अफसर टीनू जोशी को आयकर आयुक्त अपील अनीता अरोरा ने क्लीनचिट दे दी। जोशी दम्पत्ति के यहां मिली करोड़ों की सम्पत्ति के लिए अकेले अरविंद जोशी को जिम्मेदार माना गया है। इस आधार पर टीनू जोशी ने केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण कैट में याचिका दायर कर मांग की है कि उनके खिलाफ जो बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है उसे खारिज कर निलंबन के दिनांक से सारे फायदे दिलाए जाएं। उन्होंने निलंबन के बाद से 31 अगस्त 14 को सेवानिवृत्ति की तारीख तक सारे मांगे हैं।

अपील में टीनू ने कहा था कि अर्जित सम्पत्ति के मामले में उनका योगदान नहीं है। इस आधार पर विभाग ने आयकर छापे में उजागर सम्पत्ति व कर चोरी के लिए अरविन्द को ही जिम्मेदार माना है। इसके बाद टीनू ने कैट से अपील में कहा है कि राज्य और केंद्र ने जो कार्रवाई की है वह सिर्फ आयकर की सांकेतिक रिपोर्ट के आधार पर है। इसी आधार पर विभागीय जांच भी हुई।

निर्मला बुच को जांच का अधिकार नहीं

कैट में उन्होंने जांच अधिकारी पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच के खिलाफ कहा है कि वे एनजीओ चलाती हैं और जब उनके खिलाफ जांच कर रही थीं, तब उन्हें राज्य सरकार से 80 लाख रुपए का अनुदान मिला, जिस कारण स्वाभाविक था कि वे रिपोर्ट सरकार के पक्ष में ही देंगी। इसकी जानकारी केंद्र व राज्य सरकारों को दीं, पर सुनवाई नहीं हुई।

लोकायुक्त ने भी की गलती

जोशी ने लोकयुक्त कार्रवाई को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि आयकर की तरह लोकायुक्त ने भी उनका नाम पति की सम्पत्ति में जोड़ा, जबकि दोनों अलग-अलग लोकसेवक थे। टीनू ने कहा कि लोकायुक्त ने भी आयकर विभाग की सांकेतिक रिपोर्ट के आधार पर ही उनके खिलाफ प्रकरण बनाया था।

राजौरा को भी मिली थी क्लीनचिट

आईएएस डॉ. राजेश राजौरा को भी हाईकोर्ट ने क्लीनचिट दी थी। आयकर छापे के बाद राजौरा को भी राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया था। क्लीनचिट मिलने पर सरकार ने न सिर्फ बहाल किया बल्कि पदोन्न्ति से लेकर सारे लाभ दिए। चार्जशीट और डीई की कार्रवाई सरकार ने रद्द कर दी थी।

आयकर की कार्रवाई से सरोकार नहीं है। दोनों कार्रवाई अलग-अलग हैं। संगठन ने तो चालान भी पेश कर दिया है। अब फैसला कोर्ट से होगा ।

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