नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को रायपुर लाने और राजधानी से बाहर दूसरे जिलों में हुई दुर्घटनाओं में घायल, जिन्हें तत्काल उपचार की जरूरत है, उनके लिए जल्द शासन एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाने जा रहा है। इसे लेकर 108 संजीवनी एक्सप्रेस को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसका काम लगभग पूरा होने जा रहा है। अगर सरकार इसे मंजूरी देती है तो 108प्रदेश में रायपुर से एयर-एम्बुलेंस की कनेक्टिविटी देगी।
झीरम घाटी समेत कई बड़ी नक्सली घटनाओं में घायलों को तत्काल अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपचार मुहैया नहीं हो सका, क्योंकि जगदलपुर स्थित महारानी मेडिकल कॉलेज में उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाओं का अभाव है, इसलिए घायलों को तत्काल रायपुर रेफर करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अब तक घायल को इमरजेंसी में रायपुर लाने के लिए सेना के हेलिकॉप्टर की मदद लेनी पड़ती है या फिर सड़क मार्ग से लाया जाता है। सेना के हेलिकॉप्टर में चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं होती हैं और सड़क मार्ग से लाने में लंबा समय लगता है। कई बार घायल इसी देरी में जान गवां बैठते हैं।
विदेश गई थी टीम
हाल ही में कुछ बड़ी घटनाओं के बाद शासन ने 108 एम्बुलेंस सेवा को कहा कि वे प्रस्ताव तैयार करें कि क्या रायपुर में एयर एम्बुलेंस सेवा मुहैया हो सकती है? इसे लेकर 108 संजीवनी एक्सप्रेस की एक टीम विदेश भी गई हुई है, जो एयर एम्बुलेंस में क्या व्यवस्थाएं होती हैं, वह कैसे काम करती है, कितने स्टाफ की जरूरत होगी, इस सबका जायजा ले रही है। इसी संबंध में देश के अंदर एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाने वाले वेंडर्स से भी बातचीत जारी है।
रायपुर ही क्यों?
रायपुर में चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में बेहतर हैं। यहां डॉ. अंबेडकर अस्पताल के अलावा कई बड़े निजी अस्पताल हैं, जहां सुपरस्पेशलिस्ट मौजूद हैं। केस इसलिए रायपुर रेफर किए जाते हैं। शासन का कुछ बड़े निजी अस्पतालों से अनुबंध हैं, जहां घायल जवानों को सीधे उन्हीं अस्पताल में भर्ती करवाया जाता रहा है। झीरम घाटी हमले में घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री को पहले हेलिकॉप्टर से रायपुर लाया गया और फिर एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था, जिसकी व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इन्हीं इमरजेंसी के लिए एयर एम्बुलेंस का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
रायपुर से दिल्ली, मुंबई भी प्रस्ताव में- 'नईदुनिया' को मिली जानकारी के मुताबिक अगर रायपुर में घायलों का इलाज संभव नहीं है। एयर एम्बुलेंस के जरिए मरीज को दिल्ली, मुंबई भी ले जाने की सुविधा उपलब्ध हो सकती है। हालांकि यह सेकंडरी (द्वितीयक) प्रपोजल है, पहली प्राथमिकता 27जिलों से रायपुर को जोड़ने की है। हालांकि अधिकारी अभी यह बताने के लिए तैयार नहीं हैं कि इस सुविधा में कितना बजट लगेगा। वहीं छत्तीसगढ़ पहला राज्य होगा, जहां 108 संजीवनी एक्सप्रेस एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाएगा।
प्रस्ताव तैयार हो रहा है
शासन की तरफ से 108 संजीवनी एक्सप्रेस सेवा से प्रस्ताव मांगा गया है। हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं, जल्द ही इसे शासन को सौंपा जाएगा। यह व्यवस्था बाकी जिलों से घायल जवानों और एक्सीडेंट में घायलों को रायपुर लाने के लिए की जाएगी।
-सुरेश कामले, प्रभारी, 108 संजीवनी एक्सप्रेस
झीरम घाटी समेत कई बड़ी नक्सली घटनाओं में घायलों को तत्काल अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपचार मुहैया नहीं हो सका, क्योंकि जगदलपुर स्थित महारानी मेडिकल कॉलेज में उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाओं का अभाव है, इसलिए घायलों को तत्काल रायपुर रेफर करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अब तक घायल को इमरजेंसी में रायपुर लाने के लिए सेना के हेलिकॉप्टर की मदद लेनी पड़ती है या फिर सड़क मार्ग से लाया जाता है। सेना के हेलिकॉप्टर में चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं होती हैं और सड़क मार्ग से लाने में लंबा समय लगता है। कई बार घायल इसी देरी में जान गवां बैठते हैं।
विदेश गई थी टीम
हाल ही में कुछ बड़ी घटनाओं के बाद शासन ने 108 एम्बुलेंस सेवा को कहा कि वे प्रस्ताव तैयार करें कि क्या रायपुर में एयर एम्बुलेंस सेवा मुहैया हो सकती है? इसे लेकर 108 संजीवनी एक्सप्रेस की एक टीम विदेश भी गई हुई है, जो एयर एम्बुलेंस में क्या व्यवस्थाएं होती हैं, वह कैसे काम करती है, कितने स्टाफ की जरूरत होगी, इस सबका जायजा ले रही है। इसी संबंध में देश के अंदर एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाने वाले वेंडर्स से भी बातचीत जारी है।
रायपुर ही क्यों?
रायपुर में चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में बेहतर हैं। यहां डॉ. अंबेडकर अस्पताल के अलावा कई बड़े निजी अस्पताल हैं, जहां सुपरस्पेशलिस्ट मौजूद हैं। केस इसलिए रायपुर रेफर किए जाते हैं। शासन का कुछ बड़े निजी अस्पतालों से अनुबंध हैं, जहां घायल जवानों को सीधे उन्हीं अस्पताल में भर्ती करवाया जाता रहा है। झीरम घाटी हमले में घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री को पहले हेलिकॉप्टर से रायपुर लाया गया और फिर एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था, जिसकी व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इन्हीं इमरजेंसी के लिए एयर एम्बुलेंस का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
रायपुर से दिल्ली, मुंबई भी प्रस्ताव में- 'नईदुनिया' को मिली जानकारी के मुताबिक अगर रायपुर में घायलों का इलाज संभव नहीं है। एयर एम्बुलेंस के जरिए मरीज को दिल्ली, मुंबई भी ले जाने की सुविधा उपलब्ध हो सकती है। हालांकि यह सेकंडरी (द्वितीयक) प्रपोजल है, पहली प्राथमिकता 27जिलों से रायपुर को जोड़ने की है। हालांकि अधिकारी अभी यह बताने के लिए तैयार नहीं हैं कि इस सुविधा में कितना बजट लगेगा। वहीं छत्तीसगढ़ पहला राज्य होगा, जहां 108 संजीवनी एक्सप्रेस एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाएगा।
प्रस्ताव तैयार हो रहा है
शासन की तरफ से 108 संजीवनी एक्सप्रेस सेवा से प्रस्ताव मांगा गया है। हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं, जल्द ही इसे शासन को सौंपा जाएगा। यह व्यवस्था बाकी जिलों से घायल जवानों और एक्सीडेंट में घायलों को रायपुर लाने के लिए की जाएगी।
-सुरेश कामले, प्रभारी, 108 संजीवनी एक्सप्रेस
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh Hindi News
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