एकसाथ पांच शवों के पहुंचते ही परिजनों की चीत्कारों से ग्राम बरखेड़ा दहल उठा। पति की प्रताड़ना से तंग आकर तीन दिनों से अपने चार बच्चों के साथ गुमशुदा महिला का लौटना इस कदर होगा, यह परिजनों और पड़ोसियों ने भी नहीं सोचा था। गांव के हर व्यक्ति की आंख में आंसू थे। पुलिस के अनुसार कुएं में पांचों शव दो दिन पुराने बताए जा रहे हैं।
जिस कुएं में गुड्डीबाई ने अपने बच्चों सहित इहलीला खत्म की, वह उसके जेठ मदनलाल धनगर का था। बुधवार की सुबह सबसे पहले उन्होंने ही कुएं में इन्हें देखा था। कुएं की सतह पर औंधे मुंह पड़े शवों को गौर से देखा तो उनके होश फाख्ता हो गए। वे उनके छोटे भाई देवीलाल की पत्नी गुड्डीबाई पति देवीलाल धनगर (45) और मासूम बच्चों कनक (17), दुर्गा (13), सीमा (11) और लालू पिता देवीलाल (9) के थे। देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ कुएं पर जमा हो गई। पुलिस को सूचना दी गई तो मनासा और कुकड़ेश्वर से अधिकारियों के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंचा। कुएं से शव निकाले गए।
बच्चे की कमर पर मां का हाथ
पुलिस के जवानों और ग्रामीणों को कुएं से शव निकालने में काफी मशक्कत करना पड़ी। पलंग की सहायता से एक-एक कर पांच शवों को बाहर निकाला गया। बालक लालू का शव उसकी मां के शव के पास ही था। मां का हाथ बालक की कमर में था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि मां अपने बच्चों को पकड़कर ही कुएं में कूदी। शव काफी फूले और काले पड़ चुके थे। पुलिस का मानना है कि शव लगभग दो तीन दिन पुराने हैं।
झगड़े के बाद से ही थी गायब
बताया गया है कि 31 अगस्त को देवनारायण जन्मोत्सव के दौरान देवीलाल और उसकी पत्नी गुड्डीबाई के बीच झगड़ा हुआ था। तब से ही महिला अपने बच्चों के साथ घर से निकल गई थी। चर्चा में पता चला कि देवीलाल ने केवल परिचितों से ही पत्नी और बच्चों के बारे में पूछताछ की। उसने तीन दिन बाद भी गुमशुदगी दर्ज कराने की जहमत नहीं उठाई। बताया जाता है कि देवीलाल पत्नी के साथ शराब पीकर मारपीट करता था।
पुलिस ने शवों का पंचनामा बनाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली से सामुदायिक चिकित्सा केंद्र मनासा पहुंचाया। वहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। शाम को एक साथ पांचों शव जैसे ही बरखेड़ा गांव पहुंचे तो परिजनों की चीत्कारें गूंज उठीं। कई ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं। कुछ ग्रामीण देवीलाल की भूमिका को लेकर भी आक्रोशित थे। -निप्र
फरार पति की तलाश
ग्रामीणों से चर्चा के अनुसार घटना का कारण पारिवारिक विवाद होना बताया जा रहा है। मामले की जांच कर रहे है। दाह संस्कार के बाद हर पहलू पर जांच होगी। महिला के फरार पति देवीलाल की तलाश की जा रही है।
-आरके रॉय, एसडीओपी, मनासा
जिस कुएं में गुड्डीबाई ने अपने बच्चों सहित इहलीला खत्म की, वह उसके जेठ मदनलाल धनगर का था। बुधवार की सुबह सबसे पहले उन्होंने ही कुएं में इन्हें देखा था। कुएं की सतह पर औंधे मुंह पड़े शवों को गौर से देखा तो उनके होश फाख्ता हो गए। वे उनके छोटे भाई देवीलाल की पत्नी गुड्डीबाई पति देवीलाल धनगर (45) और मासूम बच्चों कनक (17), दुर्गा (13), सीमा (11) और लालू पिता देवीलाल (9) के थे। देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ कुएं पर जमा हो गई। पुलिस को सूचना दी गई तो मनासा और कुकड़ेश्वर से अधिकारियों के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंचा। कुएं से शव निकाले गए।
बच्चे की कमर पर मां का हाथ
पुलिस के जवानों और ग्रामीणों को कुएं से शव निकालने में काफी मशक्कत करना पड़ी। पलंग की सहायता से एक-एक कर पांच शवों को बाहर निकाला गया। बालक लालू का शव उसकी मां के शव के पास ही था। मां का हाथ बालक की कमर में था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि मां अपने बच्चों को पकड़कर ही कुएं में कूदी। शव काफी फूले और काले पड़ चुके थे। पुलिस का मानना है कि शव लगभग दो तीन दिन पुराने हैं।
झगड़े के बाद से ही थी गायब
बताया गया है कि 31 अगस्त को देवनारायण जन्मोत्सव के दौरान देवीलाल और उसकी पत्नी गुड्डीबाई के बीच झगड़ा हुआ था। तब से ही महिला अपने बच्चों के साथ घर से निकल गई थी। चर्चा में पता चला कि देवीलाल ने केवल परिचितों से ही पत्नी और बच्चों के बारे में पूछताछ की। उसने तीन दिन बाद भी गुमशुदगी दर्ज कराने की जहमत नहीं उठाई। बताया जाता है कि देवीलाल पत्नी के साथ शराब पीकर मारपीट करता था।
पुलिस ने शवों का पंचनामा बनाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली से सामुदायिक चिकित्सा केंद्र मनासा पहुंचाया। वहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। शाम को एक साथ पांचों शव जैसे ही बरखेड़ा गांव पहुंचे तो परिजनों की चीत्कारें गूंज उठीं। कई ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं। कुछ ग्रामीण देवीलाल की भूमिका को लेकर भी आक्रोशित थे। -निप्र
फरार पति की तलाश
ग्रामीणों से चर्चा के अनुसार घटना का कारण पारिवारिक विवाद होना बताया जा रहा है। मामले की जांच कर रहे है। दाह संस्कार के बाद हर पहलू पर जांच होगी। महिला के फरार पति देवीलाल की तलाश की जा रही है।
-आरके रॉय, एसडीओपी, मनासा
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh Hindi News
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