Monday, 15 September 2014

Nepal were before the terrorist hiding in bijnour

बिजनौर में छुपने से पहले इंडियन मुजाहिदीन व सिमी से जुड़े आतंकियों ने नेपाल में पनाह ली थी। पिछले साल वे मध्यप्रदेश की खंडवा जेल से फरार होने के बाद उप्र में दाखिल हुए, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का दबाव बढ़ने के बाद नेपाल चले गए। इनकी गतिविधियों की छानबीन कर रहे आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को कई सुराग मिले हैं। अंदेशा है कि मीरजापुर व इलाहाबाद में भी इनकी आमदरफ्त है, लिहाजा वहां भी इनकी तलाश में टीमें लगी हैं।

एटीएस की पड़ताल में आतंकियों के नेपाल कनेक्शन का पता चला है। मप्र जेल से भागने के बाद इनमें कुछ रांची और कुछ उप्र के मीरजापुर जिले पहुंचे थे। इसी दौरान कानुपर में लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी के रैली स्थल की रेकी की थी। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के बढ़ते दबाव के चलते ये नेपाल भाग गए और वहां एक्शन प्लान तैयार कर बड़ी वारदात की फिराक में थे। बिजनौर में ठिकाना बनाने के पीछे इनका मकसद बहुत खतरनाक था। इन आतंकियों ने अयोध्या मामले पर फैसला देने वाले जजों और एक पक्ष के वकील को भी निशाने पर लेने के लिए कई माह रेकी की थी।

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