जावेद हत्याकांड में अभी और भी चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। इस बात का खुलासा पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा ने किया। पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी युवकों को सात दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपी युवकों को गिरफ्तारी रविवार को पुलिस ने दर्शाई। इसके साथ ही आरोपी युवकों से हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार जब्त होना बाकी है।
जावेद हत्याकांड में पुलिस को अंदेशा है कि इसके पीछे और भी लोगों का हाथ हो सकता है। रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में हत्या के मुख्य दो आरोपियों के गिरफ्तार किए जाने की जानकारी पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा ने मीडिया को दी। हालांकि आरोपियों को दो दिन पहले ही बिलासपुर क्राइम ब्रांच की मदद से खंडवा पुलिस ने पकड़ लिया था।
आरोपियों से पूछताछ के चलते पुलिस दो दिन तक आरोपियों के बारे में खुलासा करने से बचती रही। रविवार को खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने बताया कि आरोपी नीरज पिता पन्नालाल यादव (21) निवासी पदमकुंड वार्ड दुबे कॉलोनी अपने साथी महेश पिता दगडू चौहान (20) निवासी संजय नगर के साथ अपने मौसा सुरेश पिता बाबूलाल यादव निवासी बिलासपुर के घर छिपा हुआ था। मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि आरोपी नीरज व महेश को न्यायालय में पेश कर सात दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपियों से पूछताछ कर हत्या के कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही पूछताछ में वे चेहरे भी बेनकाब होंगे जो हत्या के षडयंत्र में शामिल हैं। आरोपी युवकों को सहयोग करने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा। सहयोगियों के नाम सामने आने पर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आरोपियों को पनाह देने वाले नीरज के मौसा सुरेश यादव के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
युवाओं का हो रहा इस्तेमाल
पिछले कुछ माह में हुई घटनाओं में जो आपराधिक चेहरे सामने आए हैं उनमे अधिकांश युवा हैं। महज 18 से 22 साल की उम्र के युवा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनका इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं में किया जा रहा है। यह बात मीडिया से चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने कही। श्री शर्मा ने कहा की पिछले दिनों हुई हत्या के दो अलग-अलग वारदातों में गिरफ्तार होने वाले आरोपी आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।
हत्या के बाद अब पछतावा
जावेद हत्याकांड के मुख्य आरोपी युवक नीरज व महेश को अपने किए पर पछतावा है। आरोपी युवकों ने प्रारंभिक पूछताछ में अपराध करना स्वीकारा है लेकिन अब वे अपने किए पर पछता रहे हैं। यह बात पुलिस पूछताछ में सामने आई है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तारी को लेकर पुणे, नागपुर एवं बिलासपुर में दबिश दी थी। पुलिस के पहुंचने के पहले ही आरोपी पुणे एवं नागपुर से भाग जाने में सफल हो गए थे लेकिन बिलासपुर में वे पुलिस के हाथ लग गए।
पुरस्कृत होंगे पुलिसकर्मी
आरोपियों की गिरफ्तारी में नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान, मोघट थाना प्रभारी रविंद्र यादव, एसआई रामानंद दमाड़े, प्रधान आरक्षक महेंद्र यादव, आरक्षक हिफाजत, लतेशसिंह, संजय, रफीक एवं प्रदीप की भूमिका सराहनीय रही। एसपी श्री शर्मा ने कहा कि इस सफलता में शामिल पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। दोनों आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।
यह था मामला
14 अगस्त की शाम को दीनदयालपुरम् क्षेत्र में जावेद की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई थी। जावेद के एक साथी सलीम पर भी आरोपियों ने प्राण घातक हमला कर दिया था। सलीम के सीने में आरोपियों ने गोली मारी थी लेकिन वह बच निकला था। जावेद की हत्या के मामले में मोघट थाने में आरोपियों पर धारा 307, 302, 34 एवं 25, 27 आयुध अधिनियम के तहत प्ररकण दर्ज किया था। पुलिस ने हत्या के षडयंत्र में शामिल कुंडलेश्वर वार्ड निवासी कामेश पिता संजय चौकसे को गिरफ्तार कर लिया था। कामेश ने ही पूछताछ में नीरज व महेश के नाम का खुलासा पुलिस के समक्ष किया था।
जावेद हत्याकांड में पुलिस को अंदेशा है कि इसके पीछे और भी लोगों का हाथ हो सकता है। रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में हत्या के मुख्य दो आरोपियों के गिरफ्तार किए जाने की जानकारी पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा ने मीडिया को दी। हालांकि आरोपियों को दो दिन पहले ही बिलासपुर क्राइम ब्रांच की मदद से खंडवा पुलिस ने पकड़ लिया था।
आरोपियों से पूछताछ के चलते पुलिस दो दिन तक आरोपियों के बारे में खुलासा करने से बचती रही। रविवार को खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने बताया कि आरोपी नीरज पिता पन्नालाल यादव (21) निवासी पदमकुंड वार्ड दुबे कॉलोनी अपने साथी महेश पिता दगडू चौहान (20) निवासी संजय नगर के साथ अपने मौसा सुरेश पिता बाबूलाल यादव निवासी बिलासपुर के घर छिपा हुआ था। मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि आरोपी नीरज व महेश को न्यायालय में पेश कर सात दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपियों से पूछताछ कर हत्या के कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही पूछताछ में वे चेहरे भी बेनकाब होंगे जो हत्या के षडयंत्र में शामिल हैं। आरोपी युवकों को सहयोग करने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा। सहयोगियों के नाम सामने आने पर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आरोपियों को पनाह देने वाले नीरज के मौसा सुरेश यादव के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
युवाओं का हो रहा इस्तेमाल
पिछले कुछ माह में हुई घटनाओं में जो आपराधिक चेहरे सामने आए हैं उनमे अधिकांश युवा हैं। महज 18 से 22 साल की उम्र के युवा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनका इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं में किया जा रहा है। यह बात मीडिया से चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने कही। श्री शर्मा ने कहा की पिछले दिनों हुई हत्या के दो अलग-अलग वारदातों में गिरफ्तार होने वाले आरोपी आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।
हत्या के बाद अब पछतावा
जावेद हत्याकांड के मुख्य आरोपी युवक नीरज व महेश को अपने किए पर पछतावा है। आरोपी युवकों ने प्रारंभिक पूछताछ में अपराध करना स्वीकारा है लेकिन अब वे अपने किए पर पछता रहे हैं। यह बात पुलिस पूछताछ में सामने आई है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तारी को लेकर पुणे, नागपुर एवं बिलासपुर में दबिश दी थी। पुलिस के पहुंचने के पहले ही आरोपी पुणे एवं नागपुर से भाग जाने में सफल हो गए थे लेकिन बिलासपुर में वे पुलिस के हाथ लग गए।
पुरस्कृत होंगे पुलिसकर्मी
आरोपियों की गिरफ्तारी में नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान, मोघट थाना प्रभारी रविंद्र यादव, एसआई रामानंद दमाड़े, प्रधान आरक्षक महेंद्र यादव, आरक्षक हिफाजत, लतेशसिंह, संजय, रफीक एवं प्रदीप की भूमिका सराहनीय रही। एसपी श्री शर्मा ने कहा कि इस सफलता में शामिल पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। दोनों आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।
यह था मामला
14 अगस्त की शाम को दीनदयालपुरम् क्षेत्र में जावेद की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई थी। जावेद के एक साथी सलीम पर भी आरोपियों ने प्राण घातक हमला कर दिया था। सलीम के सीने में आरोपियों ने गोली मारी थी लेकिन वह बच निकला था। जावेद की हत्या के मामले में मोघट थाने में आरोपियों पर धारा 307, 302, 34 एवं 25, 27 आयुध अधिनियम के तहत प्ररकण दर्ज किया था। पुलिस ने हत्या के षडयंत्र में शामिल कुंडलेश्वर वार्ड निवासी कामेश पिता संजय चौकसे को गिरफ्तार कर लिया था। कामेश ने ही पूछताछ में नीरज व महेश के नाम का खुलासा पुलिस के समक्ष किया था।
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