Wednesday, 3 September 2014

Train woman attempt suicide police hospital treatment datiamp

 मंगलवार को राजघाट कॉलोनी के सामने अप रेलवे ट्रैक पर 18 वर्षीय एक युवती ट्रेन की चपेट में आने से घायल हो गई। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि युवती आत्महत्या करने के लिए ही रेलवे ट्रैक पर आई थी। उसे रोकने का काफी प्रयास किया। लेकिन वह नहीं मानी।

पहली बार जब उसके ऊपर से ट्रेन निकली, तो उसे कुछ नहीं हुआ। वह भाग कर कहीं छिप गई। करीब दो घंटे बाद दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से युवती घायल हुई है। वहीं युवती कुछ और ही कहानी बता रही है। युवती का कहना है कि वह किसी लड़के से बचने के लिए भागते हुए रेलवे ट्रैक तक पहुंच गई। जहां वह ट्रेन से टकरा गई।

ट्रेन की चपेट में आने से युवती के हाथ व पैर में गंभीर चोटें आई हैं। उसे पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया, उसे गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर किया है। वहीं पुलिस ने भी मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस जांच में युवती की पहचान कीर्ति (18) पुत्री भूपत रावत निवासी हतलई हाल निवासी रामनगर कालोनी के रूप में हुई।

युवती ने यह बताई कहानी-

मैं रामनगर कॉलोनी में बिहारी शर्मा के मकान में अपनी मां व भतीजे व भतीजी के साथ किराए से रहती हूं। मौरछठ वाले दिन मम्मी गांव चली गई थी। आज सुबह अपने भतीजों को छोड़कर मैं अनामय आम के पास सब्जी लेने गई थी। वहां एक लड़का मिला, मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था। लेकिन वह मुझसे बोला तुम कहां जा रही हो, मैं तुम्हें बोरे में डालकर ले जाऊंगा। उसके हाथ में भी कुछ था। मैं डर गई और वहां से भागने लगी, लड़कें ने भी मेरा पीछा किया। मैं बचते-बचते रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई। तभी ट्रेन से टकरा गई।

बाद में कुछ लोग व पुलिस भी वहां पहुंच गई, जिसके बाद मुझे अस्पताल ले आए। जैसा घायल कीर्ति ने नई दुनिया को बताया। हालांकि इस दौरान उससे चरवाहे के बारे में पूछा तो उसने बताया कि चरवाहा भी मिला था और वह छिपी भी थी। लेकिन आत्महत्या की बात से इंकार कर रही है। उसका कहना है कि आत्महत्या करने के लिए मैं ट्रेन से कटने क्यों जाती, आत्महत्या करने के और भी तरीके हैं।

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक -

दोपहर 12 बजे मैं रेलवे ट्रैक के पास बकरियां चरा रहा था। वहां एक लड़की दिखी। पहले मैंने सोचा वह किसी को ढूंढ रही होगी। लेकिन वह ट्रैक के आस-पास मडराने लगी। मुझे संदेह हुआ तो मैंने पास जाकर पूछा लड़की कहने लगी अंकल! मेरी मदद मत करो, मुझे मरना है। मैंने उसे समझाने का बहुत प्रयास किया। रोकने के लिए उसका हाथ भी पकड़ा, लेकिन इतने में ट्रेन आ गई और लड़की मेरा हाथ झटककर ट्रैक पर जा लेटी। मेरी आंखों के साथ पूरी ट्रेन लड़की के ऊपर से निकल गई। लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ। ट्रेन जैसे ही गुजरी लड़की दोबारा खड़ी होकर भागने लगी। उस वक्त मैं भी डर गया। इसलिए मैंने लड़की का पीछा करने की बजाय सड़क से कुछ लोगों को इकट्ठा किया और वापस ट्रैक पर आया। उसके बाद लड़की वहां नहीं मिली। हम लोग लड़की को करीब एक घंटे तक खोजते रहे, लेकिन वह कहीं नहीं दिखी। बाद में हम सभी चले गए, मैं पास में ही बकरियां चरा रहा था, तभी एक घंटे बाद रेलवे ट्रैक से लड़की की चीखें सुनाई दी। पास आकर देखा लड़की जख्मी अवस्था में ट्रैक पर पड़ी चीख रही थी। बाद में बहुत लोग इकट्ठे हो गए, पुलिस भी आ गई थी। पुलिस वाले लड़की को गाड़ी में बिठाकर अपने साथ ले गए। यह घटना गुलफाम मौहम्मद ने नई दुनिया को बताई। गुलफाम घटना के वक्त पास ही बकरियां चरा रहे थे। उन्होंने लड़की को रोकने का बहुत प्रयास किया। उनका कहना है कि उन्हें दुःख है कि वह लड़की को नहीं बचा सके।

इनका कहना है

पहले तो युवती कुछ भी नहीं बता रही थी। बाद में उसके द्वारा घटना की जानकारी दी गई। लेकिन अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। युवती की हालत गंभीर है। ठीक होने के बाद बयान लिए जाएंगे। मामले की जांच कर रहे हैं।

-आरकेएस गुर्जर, टीआई कोतवाली।

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