Friday, 5 September 2014

Welcome Distlri quota in the horrific fire, scorched three workers

कोटा क्षेत्र के ग्राम छेरकाबांधा स्थित वेलकम डिस्टलरी में गुरुवार सुबह अचानक आग लग गई। आग डिस्टलरी टेंक में लगी, जिसके चलते आग तत्काल भभक गई और भीषण रूप ले लिया। आगजनी के चलते एक के बाद एक कर तीन डिस्टलरी टेंक के ढक्कन फट गए, जिसके कारण जोरदार विस्फोट की आवाज सुनाई। आवाज सुनकर वहां काम कर रहे मजदूर दहशत में आ गए और भगदड़ में मच गई।

मजदूर फैक्ट्री छोड़कर भागने लगे। आगजनी की इस घटना में तीन मजदूर झुलस गए हैं। इनमें एक की हालत गंभीर है, जिसे इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं मामूली घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोपहर तक आलम यह था कि दहशत में आसपास के ग्रामीणों ने गांव तक छोड़ दिया था।

चल रहा था वेल्डिंग का काम

ग्राम छेरकाबांधा में यूपी गु्रप के शराब ठेकेदार सुभाष जायसवाल, अभिषेक जायसवाल की शराब बनाने की फैक्ट्री है, जिसे वेलकम डिस्टलरी के नाम से जाना जाता है। गुरुवार सुबह वेलकम डिस्टलरी में 2 सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। इस दौरान डिस्टलरी टेंक से लगे हुए हिस्से में वेल्डिंग का काम चल रहा था।

वेल्डर समेत कुछ मजदूर ऊपर के हिस्से में एंगल में चढ़कर वेल्डिंग कर रहे थे। इस दौरान वेल्डिंग से निकल रही चिंगारी डिस्टरी टेंक में जा गिरी, जिसके चलते टेंक में आग लग गई। कुछ ही देर में भीषण लपटें उठीं, जिसे वेल्डर कादिर खान पिता बुद्घु खान (27) ने देख लिया। अचानक आग की लपटों को देखकर वह घबरा गया। लपटे इतनी तेज थी कि वह बुरी तरह झुलस गया।

कूद-कूदकर भागने लगे

आग लगते ही उसने ऊपर से नीचे छलांग लगा दी। इस बीच उसके साथ काम कर रहे दो मजदूर भी झुलस गए। देखते ही देखते आगजनी की खबर पूरी फैक्ट्री में फैल गई, लेकिन तब तक आग पूरी तरह भीषण रूप ले चुकी थी। इसके बाद टेंक का ढक्कन फट गया और जोरदार विस्फोट की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर काम कर रहे मजदूर दहशत में आ गए और भगदड़ मच गई। गेट बंद होने के बावजूद घबराए श्रमिक दीवार कूद-कूदकर भागने लगे। हादसे में कादिर खान गंभीर रूप से झुलस गया। वहीं उसके दो साथी भी घायल हो गए हैं।

यहां काम कर रहे सुपरवाइजर समेत अन्य लोगों ने संजीवनी 108 को सूचना दी। संजीवनी एक्सप्रेस की मदद से उन्हें तत्काल कोटा स्थित स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां कादिर की गंभीर हालत को देखकर उसे अपोलो अस्पताल भेज दिया गया। हादसे के बाद दहशत में आए मजदूरों के साथ ही आसपास के गांव छेरकाबांधा, लारीपारा, पीपरपारा, जोगीपुर, खरगहनी, खरगहना के ग्रामीणों ने गांव छोड़ दिया। उन्हें फैक्ट्री व टेंक से जहरीला गैस फैलने का झांसा दिया गया, जिसके डर के कारण ग्रामीणों ने गांव छोड़ दिया और सभी रतनपुर स्थित शनिचरी पहुंच गए।

टैंक खाली होने पर ही बुझेगी आग

ग्रामीण पूरे दिन रतनपुर में दिन गुजारते रहे। इस बीच हादसे की सूचना पर कोटा टीआई बीएस निषाद, एसडीओपी विभोर सिंह, एसडीएम फरिहा आलम सिद्दीकी, तहसीलदार समेत अन्य अधिकारी वहां पहुंच गए। साथ ही नगर पंचायत कोटा, नगर निगम बिलासपुर, एसईसीएल व एनटीपीसी सीपत से दमकल मंगाकर आग को काबू में करने की असफल कोशिश की गई। आधा दर्जन से अधिक दमकल पहुंचने के बाद भी शाम तक आग को काबू में नहीं किया जा सका। कहा जा रहा है कि जब तक डिस्टलरी टेंक पूरी तरह खाली नहीं हो जाएगा, तब तक आग को पूरी तरह नहीं बुझाया जा सकता।

एक के बाद एक कर आग की लपटें तीन टेंक तक पहुंच गई थीं। दमकल की मदद से आग को काबू में करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन शराब व उसमें उपयोग होने वाले पदार्थ के डीजल-पेट्रोल की तरह ज्वलनशील होने के कारण आग लगातार बढ़ ही रही थी। अफसरों का कहना था कि टेंक में रखी शराब के पूरी तरह जलने व खाली होने के बाद ही आग के काबू में होने के दावे किए जाते रहे। आलम यह था कि देर शाम तक बेकाबू आग की स्थिति जस की तस थी। पुलिस प्रशासन के अफसर शाम तक यहां जमे रहे और आग को नियंत्रित करने में जुटे रहे।

No comments:

Post a Comment