Monday, 8 September 2014

All city buses will come in 6 months join the small town

राज्य शासन ने सिटी बस खरीदी का ई-टेंडर लगा दिया है। पूरे प्रदेश के लिए कुल 431 बसें खरीदी जाएंगी। टेंडर शर्त के अनुसार 6 माह के अंदर में सारी बसें उपलब्ध कराई जानी है। इसमें से जिले को 50 बसें मिलेंगी।

केंद्र सरकार ने अर्बन ट्रांसपोर्ट सिस्टम (सिटी बस) सेवा शुरू करने के लिए फंड जारी किया है। इसके तहत प्रदेश के सभी बड़े शहरों में 431 सिटी बस खरीदी जानी है। इसमें बिलासपुर शहर को भी 50 बसें मिलनी है, जो शहर के अंदर चलने के अलावा आसपास के छोटे शहरों के लिए भी चलेंगी।

बस खरीदी के लिए की गई ई-टेंडरिंग के तहत 26 सितंबर को टेंडर खोल दिया जाएगा। इसमें तय शर्त के अनुसार बस सप्लाई का टेंडर केवल निर्माता कंपनी ही जमा कर सकती है। इसके अलावा उसे कार्यादेश मिलने के बाद 6 माह के अंदर सभी बसें उपलब्ध करानी होगी।

बस खरीदी का टेंडर जारी हो जाने के बाद संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही शहर में सस्ती और सुविधाजनक सिटी बस सेवा की शुरुआत हो जाएगी। इसमें बसें शासन की होगी। इसे चलाने और रखरखाव के लिए निजी ऑपरेटर रखे जाएंगे। इस तरह घाटे के रूट पर भी सिटी बसें चलने की संभावना है। इससे शहर के सभी क्षेत्र के लोगों को इसकी सुविधा मिल पाएगी।

छोटे शहर जुड़ेंगे

अब तक सिटी बस केवल शहर के अंदर ही चला करती थीं। अब की बार उसके दायरे को बढ़ा दिया गया है। अर्बन ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत मुख्य शहर के आसपास वाले छोटे शहरों को सिटी बस से जोड़ दिया गया है। नई सिटी बस शहर के अंदर के अलावा आसपास के क्षेत्र तखतपुर, मस्तूरी, कोटा, बिल्हा, रतनपुर आदि जगहों तक भी जाएंगी। इससे वहां से रोज कामकाज के सिलसिले में शहर आने वालों को भी काफी आसानी होगी।

केंद्रीय मापदंड के अनुसार होंगी बसें

केंद्र सरकार ने सिटी बस के लिए मापदंड तय किया हुआ है। प्रदेश के लिए जो बसें खरीदी जा रही हैं, वे केंद्रीय मापदंड के अनुसार होंगी। निर्माता कंपनी को उसी के अनुसार बस का निर्माण करके सप्लाई करनी होगी।

तेल खपत कम होने का अनुमान

शहर और आसपास के क्षेत्रों को सिटी बस से जोड़ने के पीछे मुख्य उद्देश्य तेल की खपत में कमी लाना है। लोगों को सहज और सस्ती बस सेवा देने से वे े अलग-अलग गाड़ियों का उपयोग नहीं करेंगे। इससे तेल की बचत होने की संभावना जताई जा रही है।

इनका कहना है

सिटी बस खरीदी के लिए टेंडर जारी हो गया है। इसमें केवल निर्माता कंपनी ही भाग ले पाएंगी, जिसे टेंडर मिलेगा, उन्हें 6 माह के अंदर सारी बसें उपलब्ध करानी होगी।

सुधीर गुप्ता, अधीक्षण अभियंता

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