कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इसमें वरिष्ठ विधायकों और पदाधिकारियों को शामिल किया जाएगा। सभी को जिलों की जिम्मेदारी देकर पूरी रिपोर्ट मंगाई जाएगी। लेकिन प्रदेश चुनाव समिति के पदाधिकारी ही कांग्रेस प्रत्याशी का नाम तय करेंगे।
नगर निगम में महापौर और अध्यक्षों के आरक्षण के बाद कांग्रेस में बड़ी संख्या में दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। गुरुवार को कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में रणनीति पर भी चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने पदाधिकारियों को चुनाव की अभी से तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नुक्कड़ सभाओं के जरिए सरकार की वादाखिलाफी को जनता तक पहुंचाने को कहा। बैठक में बताया गया कि निगम क्षेत्र में वरिष्ठ विधायक और पदाधिकारी पर्यवेक्षक होंगे। वहीं वार्ड स्तर पर वार्ड समितियों के माध्यम से नाम लिए जाएंगे। प्रदेश पदाधिकारियों को इसकी अलग से जिम्मेदारी दी जाएगी।
निगम और प्रदेश का बनेगा घोषणा-पत्र
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सभी नगर निगम की अलग-अलग समस्याएं होती हैं, ऐसे में सभी शहरों के लिए निगम स्तर का घोषणा-पत्र अलग से जारी किया जाएगा। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से एक और घोषणा पत्र जारी किया जाएगा जो प्रदेश स्तरीय होगा। इसमें सरकार की वादाखिलाफी का जिक्र होगा।
सदस्यता अभियान पर भी फोकस
कांग्रेस ने सदस्यता अभियान पर भी फोकस किया है। सभी पदाधिकारियों को अधिक से अधिक सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया है। कांग्रेस के करीब 7 लाख सदस्य हैं। ी बघेल ने सभी पदाधिकारियों को इस लक्ष्य को पार करने को कहा है।
भाजपा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
कार्यकारिणी की बैठक में दो राजनैतिक प्रस्ताव पारित किए गए। पहला प्रस्ताव अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार द्वारा धनबल और सत्ताबल के दुरुपयोग और उम्मीदवारों की खरीद फरोख्त तथा दबावपूर्वक नाम वापसी कराने के संबंध में था। प्रदेश उपाध्यक्ष पीआर खुंटे द्वारा लाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की मजबूत स्थिति व चुनाव में जीत सुनिश्चित देखते हुए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अपनी पार्टी की हार के भय से सरकारी संसाधनों का भरपूर दुरुपयोग किया। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के माध्यम से उम्मीदवारों को भय, दबाव और प्रलोभन दिया गया। कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी एवं निर्दलीय प्रत्याशियों पर दबाव डालते हुए नामांकन वापसी का अलोकतांत्रिक कृत्य कराकर, लोकतंत्र की हत्या की है। वहीं मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने और जनता से वादाखिलाफी करने के विरोध में भी एक प्रस्ताव पारित किया गया। दोनों प्रस्तावों का कांग्रेस सदस्यों ने समर्थन कर इसकी निंदा की। बैठक में रामगोपाल अग्रवाल, बोधराम कंवर, बीडी कुरैशी, घनाराम साहू, राजेश तिवारी, गिरीश देवांगन, अब्दुल हमीद हयात, शैलेष नितिन त्रिवेदी, रूद्र कुमार गुरु, छाया वर्मा, दीपक कर्मा, गोपाल थवाईत, दौलत रोहड़ा सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
नगर निगम में महापौर और अध्यक्षों के आरक्षण के बाद कांग्रेस में बड़ी संख्या में दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। गुरुवार को कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में रणनीति पर भी चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने पदाधिकारियों को चुनाव की अभी से तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नुक्कड़ सभाओं के जरिए सरकार की वादाखिलाफी को जनता तक पहुंचाने को कहा। बैठक में बताया गया कि निगम क्षेत्र में वरिष्ठ विधायक और पदाधिकारी पर्यवेक्षक होंगे। वहीं वार्ड स्तर पर वार्ड समितियों के माध्यम से नाम लिए जाएंगे। प्रदेश पदाधिकारियों को इसकी अलग से जिम्मेदारी दी जाएगी।
निगम और प्रदेश का बनेगा घोषणा-पत्र
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सभी नगर निगम की अलग-अलग समस्याएं होती हैं, ऐसे में सभी शहरों के लिए निगम स्तर का घोषणा-पत्र अलग से जारी किया जाएगा। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से एक और घोषणा पत्र जारी किया जाएगा जो प्रदेश स्तरीय होगा। इसमें सरकार की वादाखिलाफी का जिक्र होगा।
सदस्यता अभियान पर भी फोकस
कांग्रेस ने सदस्यता अभियान पर भी फोकस किया है। सभी पदाधिकारियों को अधिक से अधिक सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया है। कांग्रेस के करीब 7 लाख सदस्य हैं। ी बघेल ने सभी पदाधिकारियों को इस लक्ष्य को पार करने को कहा है।
भाजपा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
कार्यकारिणी की बैठक में दो राजनैतिक प्रस्ताव पारित किए गए। पहला प्रस्ताव अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार द्वारा धनबल और सत्ताबल के दुरुपयोग और उम्मीदवारों की खरीद फरोख्त तथा दबावपूर्वक नाम वापसी कराने के संबंध में था। प्रदेश उपाध्यक्ष पीआर खुंटे द्वारा लाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की मजबूत स्थिति व चुनाव में जीत सुनिश्चित देखते हुए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अपनी पार्टी की हार के भय से सरकारी संसाधनों का भरपूर दुरुपयोग किया। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के माध्यम से उम्मीदवारों को भय, दबाव और प्रलोभन दिया गया। कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी एवं निर्दलीय प्रत्याशियों पर दबाव डालते हुए नामांकन वापसी का अलोकतांत्रिक कृत्य कराकर, लोकतंत्र की हत्या की है। वहीं मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने और जनता से वादाखिलाफी करने के विरोध में भी एक प्रस्ताव पारित किया गया। दोनों प्रस्तावों का कांग्रेस सदस्यों ने समर्थन कर इसकी निंदा की। बैठक में रामगोपाल अग्रवाल, बोधराम कंवर, बीडी कुरैशी, घनाराम साहू, राजेश तिवारी, गिरीश देवांगन, अब्दुल हमीद हयात, शैलेष नितिन त्रिवेदी, रूद्र कुमार गुरु, छाया वर्मा, दीपक कर्मा, गोपाल थवाईत, दौलत रोहड़ा सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
Source: Chhattisgarh News and MP News in Hindi
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