Friday, 5 September 2014

Raipur news

खारुन नदी में बुधवार को थाना सीमा विवाद ने चार जानवरों की बलि ले ली। थाना प्रभारी सीमा तय करते रहे और उधर एक-एक कर चार भैंसों ने दमतोड़ दिया। महादेवघाट एनीकेट में फंसी 11भैंसों में से 4 की डूबने से मौत हो गई, जबकि दो भैंसें घंटेभर के संघर्ष के बाद तैरकर बाहर निकल आईं। वहीं 5 की जान स्थानीय लोगों के साहस ने बचा ली। लेकिन नदी एक तट पर डीडीनगर और दूसरे पर अम्लेश्वर थाना प्रभारी एक-दूसरे को कोसते रहे।

4 अगस्त की सुबह 10 बजे 11 भैंसें नदी तट पर तैरने उतरीं और तभी तेज बहाव से बहती हुई महादेवघाट एनीकेट पर जा फंसीं। स्थानीय नाविकों ने उन्हें देखा तो तत्काल कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी गई। कंट्रोल रूम की सूचना पर डीडीनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और फिर डीडीनगर थाना पुलिस ने अम्लेश्वर थाना पुलिस को सूचना दी। 11बजे दोनों थाना प्रभारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन सभी खड़े होकर जमा लोगों के साथ तमाशा देखते रहे। जानकारी मिली की डंगनिया निवासी सौरभ शर्मा की डेयरी है और यह उनकी ही भैंसें हैं, वे भी मौके पर पहुंचे। 2 घंटे तक तमाशा देखने के बाद स्थानीय लोगों की मदद से डेरी संचालक ने मोटे रस्से को एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचाया। रस्सी में भैंसों को फंसाने के लिए टायर लगाया गया। दो बार में एक-एक कर दो भैंसें टायर में फंसीं और तीसरी बार के प्रयास में 3 भैंसें। भैंसें पानी के तेज बहाव और एनीकेट से टकराने के कारण बुरी तरह से जख्मी हुई हैं। इस दौरान होमगार्ड के गोताखोर, फायर ब्रिगेड, नगर निगम जोन-5 के कमीशनर भी पहुंचे, लेकिन सब भैंसों को मरते देखते रहे। खारून में सीमा विवाद नया नहीं है। नदी में लाश मिलने के बाद थाने की टीमें यह तय करती हैं कि लाश किसकी सीमा में है।

आवेदकों ने की मदद-

अम्लेश्वर में पुलिस की तीसरी वाहनी में फॉर्म भरने आए आवेदकों नीरज, राजनाथ, परमानंद, निखलेश और श्रीकांत ने देखा कि भैंस पानी में फंसी हुई हैं और कुछ लोग रस्से के सहारे उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे तो उन्होंने भी लोगों का साथ दिया। मछुआरों ने भी मदद की।

डीडीनगर थाना प्रभारी विनय सिंह ने कहा- भंवर में जिस जगह भैंस फंसी हैं, वह थाना क्षेत्र अम्लेश्वर है।

11बजे डीडीनगर थाना प्रभारी विनय सिंह महादेवघाट पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि भैंसें जिस जगह पर फंसी हुई हैं, वह उनके थाना क्षेत्र की सीमा नहीं है। अम्लेश्वर का है। उन्होंने कहा कि मैं अम्लेश्वर थाना प्रभारी को फोन लगा रहा हूं, उठा नहीं रहे हैं। ('नईदुनिया' ने अम्लेश्वर थाना प्रभारी एएल भूआर्य का नंबर दिया। ी सिंह ने नंबर डॉयल किया।) 'भूआर्य क्षेत्र तुम्हारा है और जनता की सुननी मुझे पड़ रही है।'

अम्लेश्वर थाना प्रभारी एएल भूआर्य ने कहा- जिंदा भैंसे डीडीनगर क्षेत्र में हैं, मरी भैंसे बहकर यहां आ रही हैं।

अम्लेश्वर घाट पर थाना प्रभारी भूआर्य बैठे हुए थे। वे इंतजार कर रहे थे कि भैंसे खुद बहकर निकलें। उन्होंने कहा कि पानी में गोताखोरों का उतरना संभव नहीं है और क्रेन की मदद से भी उन्हें बचा पाना मुश्किल है। भैंसें जिस जगह पर फंसी हैं, वह डीडीनगर थाना क्षेत्र आता है और वहां के टीआई कहते हैं कि मैं बचाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, जबकि मरी हुई भैंसें मेरे थाना सीमा में बहकर आ रही हैं।

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